मोदी उपनाम मामले में राहुल गांधी की सजा पर गुजरात हाईकोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा है कि राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है।उच्च न्यायलय ने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज को ख़ारिज कर दिया है। जिससे राहुल गांधी की संसद सदस्य्ता बहाल नहीं हो पाएगी।
जस्टिस हेमन्त प्रच्छक ने कहा, ‘राहुल के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। इस केस के अलावा उनके खिलाफ कुछ और केस फाइल किए गए हैं। एक तो वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है, किसी भी हाल में सजा पर रोक नहीं लगाना अन्याय है, इस केस में सजा न्यायोचित और उचित है। कोर्ट अनुसार राहुल गांधी ऐसे आधार पर सजा पर रोक की मांग कर रहे हैं, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसलिए सूरत कोर्ट के फैसले में दखल की आवश्यकता नहीं है यह कहते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रच्छक ने 2 मई को राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे।
राहुल गांधी के वकील द्वारा 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा देने का अर्थ है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं। गुजरात में भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए 2 साल जेल की सजा सुनाई थी। लेकिन इस फैसले के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी।
फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। साथ ही राहुल गांधी से सरकारी आवास भी खाली करवा दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
क्या था मामला
साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?