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अब दस्तावेजों के बिना ही हवाई अड्डों में मिलेगी एंट्री

देश में अब हवाई अड्डों पर लम्बी लाइन और अधिक समय तक होने वाली देरी से यात्री बच सकेंगे। जल्द ही सभी हवाई अड्डों पर डिजिटल तकनीक के माध्यम से चेहरा पहचान कर यात्रियों को हवाई अड्डे के अंदर भेजा जायेगा। अभी तक हवाई अड्डों पर दस्तावेजों को दिखाने के बाद यात्रियों को भेजा जाता था। अब हवाई अड्डे पर लागू की गई इस डिजिटल तकनीक ‘डीजी यात्रा’ से यात्री का चेहरा पहचान कर उसके बारे में सारी सूचना संग्रहित की जाती है।

केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल ( सेवानिवृत) वीके सिंह ने बीते वर्ष जानकारी दी थी कि एयरपोर्ट पर चेहरों की पहचान करने वाले सिस्टम को लगाया जायेगा । इस खास सिस्टम को तैयार करने का काम खुद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कर रही थी। जिसके बाद अब दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डिजिटल यात्रा प्रणाली शुरू कर दी गई है। अब हवाई यात्रा करने वाले हर यात्री को हवाई अड्डे में अंदर जाने के लिए चेहरा पहचान तकनीक से होकर गुजरना पड़ेगा। इसके लिए यात्रियों को अपना चेहरा कैमरा के सामने रखना होगा। फेशिअल रिकाग्निशन से जुड़े डिजिटल यात्रा ऐप के जरिए यात्रियों की पहचान की जाएगी। इसके बाद ही हवाई अड्डे में यात्री प्रवेश कर सकेंगे ।

यात्रियों की होगी समय की बचत

एंड्रायड प्रणाली पर आधारित डीजी यात्रा ऐप का बीटा वर्जन दिल्ली एयरपोर्ट इंटरनेशनल लिमिटेड ने जारी किया है। इस तकनीक की सहायता से हवाई अड्डे में प्रवेश, सुरक्षा जांच और बोर्डिंग गेट तक यात्री बिना विलम्ब के पहुंच पाएंगे। हर यात्री को अब चैक पॉइंट पर तीन सेकंड से भी कम समय लगेगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए डीजी यात्रा में और भी सुधार किया जायेगा। इसे घरेलू यात्रियों के लिए दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन (टी3) पर शुरू किया गया । गौरतलब है कि इस टर्मिनल से एअरएशिया इंडिया, एअर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और विस्तारा जैसी विमान वाली कंपनियां अपनी सेवाएं संचालित करती हैं। हवाई अड्डे पर लागू की गई यह चेहरा पहचान तकनीक बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर की एक श्रेणी अंतर्गत आता है। जो किसी डेटा को फेस प्रिंट के रूप में संग्रहित करता है । यह सॉफ्टवेयर किसी व्यक्ति की पहचान के लिए ‘डीप लर्निंग एल्गोरिदम’ का इस्तेमाल करता है।

डीजी यात्रा का उदेश्य

डीजी यात्रा नामक यह परियोजना का 2017 से परीक्षण चल रहा था । लेकिन अब चेहरे की पहचान की जाने वाली यह तकनीक यात्रियों को कई चेकपॉइंट पर पहचान और जांच की प्रक्रिया से बचाएगी और उन्हें कागजी दस्तावेजों रहित यात्रा करने के लिए सुविधा देगी। इसकी वजह से यात्रियों को अब कागजी दस्तावेजों को हवाई अड्डे में अपनी जांच पड़ताल के लिए ले जाने की जरूरत नहीं होगी। यही नहीं इस तकनीक की वजह से हवाई अड्डे की सुरक्षा भी बढ़ेगी।

इस डीजी यात्रा का उदेश्य यात्री अनुभव को बढ़ाना और सभी हवाई यात्रियों को सरल एवं आसान अनुभव प्रदान कराना है। डिजिटल तकनीक का उपयोग करके मौज़ूदा बुनियादी ढांँचे के माध्यम से बेहतर थ्रूपुट प्राप्त करना और कम लागत में संचालन करना है । हवाई अड्डों पर सुरक्षा मानकों को बढ़ाना और मौजूदा सिस्टम के प्रदर्शन में सुधार करना है । सरकार द्वारा जारी आधार जैसी एक मज़बूत सत्यापन योग्य डिजिटल “आईडी” के साथ “डिजी यात्रा” प्रणाली को जोड़कर यात्रियों की पहचान करना।

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