काफी समय से आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच जुबानी जंग जारी है। दोनों ही एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगा रहें है। नई शराब नीति और शिक्षा निति को लेकर बीजेपी केजरीवाल सरकार पर हमलावर है तो ‘आप ‘ भाजपा पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी ,सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर सरकार गिराने के आरोप लगा रही है। इस बीच अब
दिल्ली सरकार ने शिक्षा से संबंधित वर्चुअली मॉडल स्कूल खोलने का एलान किया है। वर्चुअली स्कूल की शुरुआत करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि यह देश का पहला वर्चुअली मॉडल स्कूल है।लेकिन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने उनके इस दावे को खारिज कर कहा कि पिछले एक साल पहले वर्चुअली स्कूलक की शुरुआत हो चुकी है। वहीं केजरीवाल ने यह भी दवा किया है कि बच्चों ने उनसे शिकायत की थी , कि उनके अभिभावक उन्हें स्कूल नहीं भेजते, ऐसे में सरकार के मुताबिक वर्चुअल स्कूल एक बड़ी भूमिका निभाएगा, मुख्यमंत्री के अनुसार जो बच्चियां स्कूल नहीं जा पा रहीं हैं, वो अब घर बैठे ही अपनी शिक्षा पूरी कर पाएंगी । दिल्ली सरकार के मुताबिक डिजिटल वर्चुअल स्कूल में फिजिकल क्लास का कोई ऑप्शन नहीं है। इसलिए अब बच्चे घर रहकर भी अपनी शिक्षा पूरी कर पाएंगे।
राज्य सरकार के मुताबिक कोरोना काल की वर्चुअल क्लासेज से ही वर्चुअल स्कूल का आइडिया लिया गया है। इस आइडिये के तहत क्लासेज की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी, ताकि क्लास छूटने पर स्टूडेंट बाद में इसे देख सकें। इसकी वजह से स्कूल की छुट्टी की होने के बाद भी बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे। इस डिजिटल वर्चुअल स्कूल में पूरी पढ़ाई कोरोना काल के दौरान होने वाली ऑनलाइन मोड की तरह ही होगी। सरकार ने जानकारी देते हुए कहा कि 13 से 18 साल तक का कोई भी बच्चा इस स्कूल में 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए आवेदन कर सकता है। किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से आठवीं पास करने के बाद इस स्कूल में आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए मॉर्डन वर्चुअल स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन शुरू कर दिए गए है। जल्द ही इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल को एक्टिवट कर दिया जायेगा। बच्चों के सुविधाओं को देखते हुए और पढ़ने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा भी दी गई है। जिससे बच्चों के लिए ऑनलाइन किताबों की पूर्ति हो पाएगी। सरकार के मुताबिक इन क्लॉसेस की मदद से छात्रों को जेईई और एनईईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में भी मदद किया जाएगा । पूरे देश भर में कहीं से भी इस स्कूल में प्रवेश पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। सरकार ने इसके लिए एक वेबसाइट DMVS.ac.in भी जारी की है।
(एनआईओएस) ने दिल्ली सरकार के दावे को किया ख़ारिज
दिल्ली सरकार के मुताबिक ये ‘वर्चुअल मॉडल स्कूल ‘शिक्षा के लिए एक क्रांति की तरह है। मुख्यमंत्री केजरीवाल के अनुसार देश भर में सबसे पहले दिल्ली में ही इस मॉर्डन वर्चुअल स्कूल की शुरुआत की गई है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, (एनआईओएस) ने दिल्ली सरकार के इस दावे को ख़ारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री पर दिल्ली वासियों को एक बार फिर गुमराह करने का आरोप लगाया गया है। (एनआइओस) के अनुसार देश में पहला वर्चुअल स्कूल बीते वर्ष दिल्ली सरकार ने नहीं बल्कि केंद्र सरकार ने शुरू किया था। पहला वर्चुअल स्कूल पिछले साल अगस्त में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ‘धर्मेंद्र प्रधान’ द्वारा पहले ही लॉन्च किया जा चुका है। इसके बाद ही दिल्ली सरकार के वर्चुअल मॉडल स्कूल का शुभारम्भ किया गया है।
क्या है राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस )
एनआईओएस की स्थापना 1989 में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के तहत एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी। इससे पहले इसे ‘राष्ट्र मुक्त विद्यालय’ के नाम से जाना जाता था। एनआईओएस द्वारा माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों के सामान्य पाठ्यक्रमों के अलावा कई व्यवसायिक, सामुदायिक विकास के लिए पाठ्यक्रम भी उपलब्ध करवाया गया है।
(एनआईओएस) के अनुसार वर्तमान में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के सात हजार से अधिक केंद्र है। जो विद्यार्थियों को शैक्षणिक सहायता प्रदान कर रहे है। वर्तमान में एक हजार पांच सौ से अधिक स्कूल ओपन लर्निंग के अध्ययन केंद्र है। एनआईओएस वर्चुअल ओपन स्कूल के विद्यार्थियों को स्किल आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी सहायता दे रहा है । (एनआईओएस) ने ये घोषणा भी की कि मान्यता प्राप्त इन अध्ययन केंद्रों द्वारा अब ऑनलाइन क्लासेस भी चलाई जाएगी। इसने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल ही एनआईओएस द्वारा पहले ही सत्र में वर्चुअल स्कूल के दायरें में आकर विद्यार्थियों के लिए 2.18 लाख असाइनमेंट अपलोड करवाया गया है।