केरल सरकार ने हालही में एक निर्णय लिया है जिसमे उच्च शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सभी राज्य विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को पीरियड्स (माहवारी) में छुट्टी प्रदान की जाएगी। सबसे पहले, कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीयूएसएटी) में पढ़ने वाली छात्राओं को पीरियड्स लीव देने का फैसला किया गया था। इसी से सीख लेते उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने कहा कि सरकार ने विभाग के दायरे में आने वाले सभी राज्य विश्वविद्यालयों में इसे लागू करने करने का फैसला किया है।
उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने कहा, एसएफआई के नेतृत्व वाले छात्र संघों की मांगों के बाद सीयूएसीटी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली सभी छात्राओं को पीरियड्स के समय में छुट्टी को मंजूरी दी गई थी। अब सरकार ने पूरे राज्य में मौजूद यूनिवर्सिटीज में पीरियड्स के दौरान छात्राओं को होने वाली मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों को देखते हुए अन्य विश्वविद्यालयों में भी इसे शुरू करने का फैसला किया है।
कोचीन विश्वविद्यालय की पहल की सराहना
दरअसल, केरल के प्रसिद्ध कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) ने प्रत्येक सेमेस्टर में छात्राओं की उपस्थिति में दो प्रतिशत अटेंडेंस की छूट दी है। स्वायत्त विश्वविद्यालय, सीयूएसएटी में विभिन्न वर्गों में 8,000 से अधिक छात्र हैं और उनमें से आधे से अधिक लड़कियां हैं। कोचीन विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए अब केरल सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों के लिए यह फैसला लिया है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?
राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान छात्राओं को होने वाली मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में मासिक धर्म की छुट्टी लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।’
हाल ही में कोचीन विश्वविद्यालय के फैसले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह केरल में पहली बार है कि किसी शैक्षिक केंद्र ने छात्राओं को मासिक धर्म के समय होने वाली कठिनाइयों के कारण छुट्टी की छूट दी गई है। अब छात्राओं के लिए 73% उपस्थिति अनिवार्य की गई है। वहीं लड़कों को 75% छात्राओं को 2 फीसदी की छूट दी गई है।