ईरान में महिलाओं की स्थितियां दिन पर दिन खराब होती जा रही है। पिछले साल से हुए महसा अमीनी की मौत के बाद से ही महिलाओं का हिजाब विरोधी आंदोलन तेज हो गया । जिसे ईरानी सरकार रोकने के हरसंभव प्रयास कर रही है। इसी वजह से सरकार तालिबान की तरह ही महिलाओं के सारे अधिकार खत्म करने की ओर अग्रसर हो रही है। जिससे उनकी सत्ता सुरक्षित रहे। इसी के तर्ज पर सरकार ने अब महिलाओं के शिक्षा को टारगेट किया है। कथित तौर पर ईरान के कई शहरों में लड़कियों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जिसमें ईरान का कुम शहर भी शामिल है। इस शहर में 14 स्कूलों को निशाना बनाया गया है। जहां कैमिकल अटैक किया गया है। स्कूलों में हवा के जरिये फैले इस जहर से सैकड़ों लड़कियों की जानपर बन आई है। कहा जा रहा है कि जहर का यह अटैक लड़कियों को स्कूल जाने से रोकने के लिए किया गया है। इसका दावा खुद ईरान के उप मंत्री यूनुस पनाही कर रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ लोग लड़कियों की शिक्षा को बंद करने के मकसद से पवित्र शहर कुम में स्कूली छात्राओं को ज़हर दे रहे हैं ” उप स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने स्पष्ट रूप से पुष्टि की है कि जहर जानबूझकर दिया गया था। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई।
ईरान में लड़कियों को दिया जा रहा जहर
जहर दिए गए घटना जांच के लिए 14 फरवरी को बीमार छात्रों के माता-पिता अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग करने के लिए शहर के गवर्नर दफ्तर के बाहर इकट्ठा हुए थे। जिसके अगले दिन इसे लेकर कदम उठाया गया। ईरान सरकार के प्रवक्ता अली बहादोरी जहरोमी के अनुसार खुफिया और शिक्षा मंत्रालय जहर के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले हफ्ते अभियोजक जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाज़ेरी ने घटनाओं को लेकर न्यायिक जांच का आदेश दिया है।
कौन है इस घटना के पीछे
कुम ईरान के पवित्र शहरों में से एक है। जिसे रूढ़िवादी और कट्टरपंथियों का शहर माना जाता है। वहां धार्मिक शिक्षा के कई बड़े केंद्र मौजूद है। छात्राओं के साथ हुए इस गंभीर घटना के पीछे इन कटटरपंथियों का हाथ होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। लेकिन असल में इस घटना के पीछे कौन है कौन नहीं इसकी जानकारी अभी तक नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियों में बड़ी संख्याओं में लड़कियां अस्पतालों में भर्ती दिख रही हैं। वहीं अस्पतालों और स्कूलों के बाहर एम्बुलेंस की कतारें लगी दिखाई दे रही है। खबरों के अनुसार लड़कियों को जहर दिए जाने का यह सिलसिला पिछले कई महीनों से चल रहा है।
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