आपको याद होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नारा दिया था ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ लेकिन जो स्थिति देखने को मिल रही हैं वो अमेरिका को ग्रेट तो नहीं बल्कि बदनामी के गर्त में धकेलती दिखाई दे रही है। ट्रंप समर्थकों ने डोनाल्ड ट्रंप के दिए नारे को उलटे अर्थो में लेना शुरू कर दिया है।
ट्रंप चुनावों में धांधली का आरोप लगा रहे हैं और हार मानने को तैयार नहीं है। कैपिटल हिल में हुए हिंसा विरोध-प्रदर्शन के बाद ट्रंप की मुश्किलें भी बढ़ती ही जा रही हैं। 6 जनवरी को कैपिटल हाउस में ट्रंप के समर्थकों ने जिस तरह से हिंसक दंगे को अंजाम दिया। उसके बाद 20 जनवरी को जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दिन ट्रंप के समर्थकों ने जो उत्पात मचाने की धमकी दी है, उससे पूरी दुनिया में आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं कि 20 जनवरी को अमेरिका में क्या होगा ?
क्या ट्रंप समर्थक अभी और उपद्रव करेंगे ?
बीते पिछले चार सालों में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक इतने हिंसक हो चुके हैं कि 6 दिसंबर को हिंसक विरोध-प्रदर्शन को हुआ जिसमें एक पुलिस अफसर समेत 5 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके बाद भी ट्रंप के कट्टर समर्थकों को मन नहीं भरा कि उन्होंने अब अमेरिका के उपराष्ट्रपति को जान से मारने की धमकी तक दे डाली। अब ट्रंप के कट्टर समर्थकों ने खुली चेतावनी दे दी है कि जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दिन वो बंदूकों के साथ सड़को पर उतरेंगे और हिंसा होगी। ट्रंप के अमेरिका में हजारों की संख्या में समर्थक है। ये वो समर्थक हैं जो उनके लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए एकदम तैयार हैं। ऐसे में आने वाले महीने में अमेरिका में भीषण हिंसा होने की आशंका जताई जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर अमेरिका की सुरक्षा एजेंसिया सावधान हो गई हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति को ट्विटर ने परमानेंट तौर पर बैन कर दिया है। ट्रंप के बाद अब उनके समर्थकों को भी ढूंढ-ढूंढ कर बैन करने का सिलसिला जारी है। पार्लर नाम की एक सोशल साइट और हैं जो बिल्कुल ट्विटर की तरह ही है। इसपर भी ट्रंप के लाखों फॉलोअर्स हैं। इन लोगों पर भी नजर रखी जा रही हैं। इसका कारण है कि ‘पार्लर’ पर ट्रंप के कट्टर समर्थक हिंसा की बात कर रहे थे, इतना ही नहीं ट्रंप के समर्थक उप-राष्ट्रपति माइक पेन्स को गोलियों से भून देने की बात कर रहे हैं। दरअसल, उप-राष्ट्रपति माइक पेन्स की ओर से जो बाइडेन के शपथ ग्रहण में शामिल होने की बात कही गई है। जिसके कारण ट्रंप समर्थक आक्रोश में हैं।
FBI की चेतावनी
सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि हालात के मद्देनजर अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी FBI ने अलर्ट जारी कर दिया है। FBI द्वारा कहा गया है कि अगले एक हफ्ते तक पूरे अमेरिका में ट्रंप के हथियारबंद समर्थक भारी उत्पात मचा सकते हैं। FBI के अलर्ट के बाद किसी भी हिंसक घटना को रोकने के लिए अमेरिका की राजधानी में नेशनल गार्ड के 10 हजार जवानों की तैनाती की गई है। साथ ही नेशनल गार्ड के 5 हजार जवानों को स्टैंड बाइ में रखा गया है। इस बीच सेनेटर क्रिस मर्फी ने एक चिट्ठी लिखकर चिंता जाहिर की हैं कि उन्हें डर है कि स्थिति संभालने के लिए 15 हजार नेशनल गार्ड के जवान राजधानी की सुरक्षा कर पाएंगे। इसलिए राजधानी की सुरक्षा के लिए एक्टिव ड्यूटी ट्रूप्स को बुलाया जाना चाहिए।
अमेरिका में हिंसा रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम
- पार्लर एप को गुगल प्ले स्टोर, एप्पल और अमेजन द्वारा अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है
- ट्रंप के ‘रैबिट सपोर्टर्स’ की सुरक्षा एजेंसियां पहचान करने में जुटी हैं।
- पूरे अमेरिका में ट्रंप के संदिग्ध समर्थकों की गिरफ्तारियां की जा रही हैं।
- ट्रंप के कट्टर समर्थकों को नो फ्लाई लिस्ट में किया गया शामिल
- पर्यटकों के प्रवेश पर राजधानी वाशिंगटन में निगरानी रखी जा रही है
- ट्रंप ने अभी तक नहीं मांगी है माफी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अभी तक 6 जनवरी की हिंसा के लिए माफी नहीं मांगी है। न ही ट्रम्प ने सुरक्षा एजेंसियों को सख्त होने के लिए कहा है। हालाँकि, ट्रम्प ने 6 जनवरी के बाद खुद को अलग-थलग कर लिया है, लेकिन माफी माँगना अभी बाकी है, खेद व्यक्त नहीं करना, सभी को चौंका देता है। क्योंकि, 6 जनवरी को अमेरिका में जो कुछ हुआ, वह अमेरिकी लोकतंत्र पर एक दाग से कम नहीं है।
अमेरिका का सम्मान वापस लाएंगे- जो बाइडेन
बाइडेन की ओर से देर रात ट्वीट कर कहा है कि आने वाले 4 सालों में उनकी सरकार की प्राथमिकता देश में फिर से लोकतंत्र का सम्मान बहाल करने की होगी।