लगभग 30 दिनों की यात्रा के बाद, भारत का चंद्रयान 2 को इसरो ने आज चंद्रयान-2 के तरल रॉकेट इंजन को दाग कर उसे चांद की कक्षा में पहुंचाने के अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवन इस बारे में संबोधित करेंगे। चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान 2 सुबह 9:02 मिनट पर पहुंचा।
इससे पहले इसरो ने कहा था कि इसके बाद यान को चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाने के लिए चार और कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसके बाद लैंडर ‘विक्रम दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इसरो के प्रमुख के सिवन सुबह 11 बजे प्रेस को संबोधित करेंगे। यह संबोधन चंद्रयान 2 के चांद की कक्षा में प्रवेश को लेकर होगा।इसरो ने कहा कि सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। गत 22 जुलाई को प्रक्षेपणयान जीएसएलवी मार्क-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था।
बेंगलूरू के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलूरू स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं।
यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है. गत 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था।यदि यह अभियान सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर रोवर पहुंचाने वाला चौथा देश बन जाएगा।