साल के अंत में होने वाले हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों से पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी सियासी कुनबा बरकरार रखने और बढ़ाने की कोशिश में नजर आ रही है। खबर है कि पार्टी ने ‘घर वापसी’ मिशन की शुरुआत कर दी है। पार्टी के इस पहल को दल छोड़ने वालों तक पहुंचने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में पार्टी छोड़कर गए कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा में वापसी की थी। इनमें चेतन बरागटा का नाम शामिल है। बरागटा ने पिता के निधन के बाद जुब्बल-कोठकाई से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव लड़ा था। साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर कर दिया गया था। उनके अलावा हमीरपुर से उर्मिल ठाकुर की भी वापसी हुई है। वहीं भाजपा ने कांगड़ा से आम आदमी पार्टी के नेता राकेश चौधरी को भी दल में लाने में सफलता हासिल की है। खास बात यह है कि चौधरी कांग्रेस छोड़कर ‘आप’ में चले गए थे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि असंतुष्ट नेताओं को दोबारा इस डर के चलते भी शामिल किया गया है कि कुछ और लोग पार्टी छोड़ सकते हैं। कहा जा रहा कि बीजेपी टिकट की होड़ में लगे कुछ नेताओं के संभावित तौर पर पार्टी छोड़ने का अनुमान लगा रही थी। गौरतलब है कि पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष खिमी राम और भाजपा के तीन बार के विधायक राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा ने हाल ही में कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद से ही पार्टी और नेताओं के दल छोड़ने को लेकर सतर्क नजर आ रही है।
मिशन ‘घर वापसी’ में जुटी भाजपा
