लेबनान की राजधानी बेरूत में चार अगस्त की रात हुए बम धमाकों में अब तक 135 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 4000 से ज्यादा गंभीर रूप से जख्मी हैं। बताया जा रहा है कि वर्ष 2014 में बने जिस वेयरहाउस में धमाका हुआ वहां पिछले छह साल से ज़ब्त किया हुआ अमोनियम नाइट्रेट का भंडार जमा था।
लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब ने इसे एक ख़तरनाक और प्रलयंकारी घटना बताया है। उन्होंने कहा कि दोषी लोगों को नहीं बख़्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात को किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि आख़िर कैसे 2 हजार 750 टन अमोनियम नाइट्रेट वहाँ असुरक्षित तरीक़े से रखा हुआ था। धमाका इतना ज़बरदस्त था कि उसकी आवाज़ 240 किलोमीटर दूर साइप्रस तक सुनाई दी।
चार अगस्त को हुए इन धमाकों से राजधानी की कई इमारतें हिल गईं और वाहनों के परखच्चे उड़ गए। यह धमाका तब हुआ जब लेबनान के लोग देश के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरिरी की हत्या को लेकर जारी मुकदमे के फैसले का इंतजार कर रहे थे।हरिरी की हत्या वर्ष 2005 में ट्रक बम विस्फोट के जरिए की गई थी।कहा जा रह है कि बेरुत की बर्बादी खौफनाक है,दहशत का ऐसा मंजर 9/11 के बाद पहली बार दिखा,एक पूरा शहर नष्ट हो गया,मलबे में लाशें दफन हो गई। अस्पताल,राहत,दवाएं सब कम पड़ गई। बिल्डिंगें ध्वस्त हो गईं। इस सब के बीच बेरूत सरकार ने दो सप्ताह के लिए आपातस्थिति की घोषणा की है और इस दौरान सेना को व्यापक अधिकार प्रदान कर दिए गए हैं।
सरकार ने कल पांच अगस्त को कैबिनेट बैठक के बाद इसकी घोषणा की। सरकार ने कहा कि बेरूत बंदरगाह के कई अधिकारियों को यह जांच होने तक नजरबंद किया जा रहा है कि 2हजार 750 टन अमोनियम नाइट्रेट बंदरगाह तक कैसे लाया गया।माना जा रहा है कि लापरवाही के कारण विस्फोट हुआ। इस घटना में 135 से अधिक लोग मारे गए और 4 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के लोगों के प्रति संवेदना जतायी है।राहत बचावकर्मी अब भी मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।धमाके में लेबनान का मुख्य अनाज भंडार भी बर्बाद हो गया है। इस तबाही के बाद लेबनान के पास एक महीने से भी कम का अनाज बचा है। कल बुधवार पांच अगस्त को लेबनान के वित्त मंत्री राउल नेह्मे ने कहा कि इस धमाके बाद लेबनान के पास एक महीने से भी कम के सुरक्षित अनाज बचे हैं। लेकिन आटा पर्याप्त है इसलिए संकट से बचा जा सकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि कम से कम तीन महीने के सुरक्षित अनाज होना चाहिए। धमाके के पहले से ही लेबनान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अनाज आयात करने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि धमाके में तबाह हुए अनाज गोदामों में कम से कम 15 हज़ार टन अनाज की बर्बादी हुई है हालांकि इनकी क्षमता एक लाख 20 हज़ार टन की है।
लेबनान ज़्यादातर खाद्य सामग्री आयात करता है और अनाज का बड़ा हिस्सा पोर्ट पर स्टोर करके रखा जाता है। लेकिन धमाके में ये स्टोर किए अनाज भी पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। लेबनान में खाद्य संकट खड़ा हो गया है।इन धमाकों का असर पूरे बेरुत शहर पर है। बेरुत 20 लाख लोगों का घर है। देखते ही देखते अस्पताल पीड़ितों से भर गए लेबनानी रेडक्रॉस के प्रमुख जॉर्ज केटैनी ने कहा, हम लोग विनाशकारी मंजर के गवाह बने। चारों तरफ़ ज़ख़्म और तबाही का आलम था। विशेषज्ञों को धमाकों के आकार के बारे में पता नहीं चल पाया है लेकिन यह इतना ज़ोरदार था कि जहां धमाका हुआ वहां से 9 किलोमीटर दूर बेरुत इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शीशे टूटने लगे। यहां तक कि वहां से 200 किलोमीटर दूर साइप्रस में धमाके की गूंज सुनाई पड़ी।लेबनान के राष्ट्रपति माइकल इयोन का कहना है कि पोर्ट पर एक गोदाम में 2 हजार 750 टन अमोनियम नाइट्रेट असुरक्षित तरीक़े से रखा हुआ था।
इस धमाके लिए राष्ट्रपति इयोन ने इसी अमोनियम नाइट्रेट को ज़िम्मेदार ठहराया है। इसी मात्रा में 2013 में एक पोत से केमिकल जब्त किया गया था। अमोनियम नाइट्रेट क्रिस्टल की तरह होता है। सामान्य तौर पर इसका इस्तेमाल नाइट्रोजन के रूप में खेती में उर्वरक के लिए होता हैएलेकिन इसका इस्तेमाल ईंधन तेल के साथ विस्फोटक बनाने में भी किया जाता है। यह खनन और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में काम आता है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि बेरुत धमाका किसी भयावह हमले का नतीजा है। लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि हमले की आशंका के पक्ष में कोई ठोस तर्क नहीं है। शुरुआती जाँच में यही पता चला है कि धमाका लापरवाही का नतीजा है।