गुजरात के ओबीसी लीडर अल्पेश ठाकुर इन दिनों खास व्यथित बताए जा रहे हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अल्पेश की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संग खासी निकटता हो चली थी। ठाकुर ने पूरे जोश-खरोश संग कांग्रेस का दामन थाम पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा। बाद में लेकिन उनकी अहमियत कांग्रेस में कम होती चली गई। लोकसभा चुनाव के समय अल्पेश ने कांग्रेस छोड़ने की बात कह डाली। पूरे चुनाव के दौरान वे निष्क्रिय रहे। माना जा रहा था भाजपा नेतृत्व अल्पेश को राज्यसभा भेज सकता है। ऐसा लेकिन हुआ नहीं। गुजरात से अमित शाह और स्मृति ईरानी की राज्यसभा सीटों के रिक्त होने पर वहां से पार्टी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और जुगल किशोर को राज्यसभा के लिए नामित कर डाला है। इसके चलते अल्पेश सकते में हैं। राज्य विधानसभा से उन्हें कांग्रेस की शिकायत पर कभी भी दलबदल कानून के तहत निष्काषित किया जा सकता है। अब बेचारे अल्पेश ना घर के रहे ना घाट के।