अनेकता में एकता हमारे देश की खासियत है| अनेकों विविधताएं लिए हमारा देश अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों के कारण समूचे विश्व में अपना विशेष स्थान लिए हुए है। पर्यटन भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है। भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय पर्यटन दिवस’ मनाने का निर्णय लिया।
यह दिन पर्यटन और इसके सामाजिक, राजनीतिक, वित्तीय और सांस्कृतिक मूल्य के महत्व पर वैश्विक समुदाय के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। पर्यटन भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावे में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। साल 2015 में भारत में जीडीपी के लिए ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री ने कुल 124.8 बिलियन डॉलर का योगदान दिया था।
साल 2018 में 9.2 फीसदी जीडीपी में योगदान था। जिसे देश को 16.91 लाख करोड़ का फायदा हुआ था। 8.1 फीसदी रोजगार पर्यटन से मिल रहा है। केंद्र सरकार ने साल 2020 में पर्यटकों की संख्या दो करोड़ पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक राजधानी दिल्ली पहुंचते हैं, लेकिन देश में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि कई सारे जगहों की अहम भूमिका है।
पर्यटन मंत्रालय देश में पर्यटन के विकास के लिए राष्ट्रीय नीतियों को बढ़ावा देता है। यह केंद्रीय, राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों का समन्वय करता है। पहली बार, 1948 में, केंद्र सरकार ने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पर्यटन समिति का गठन किया।
संयुक्त राष्ट्र का विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। ताज महल, लाल किला, पुष्कर, आमेर का किला, हुमायू का मकबरा, उदयपुर का सिटी पैलेस, जैसलमेर का सोनार किला, जोधपुर का मेहरानगढ़ किला, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर,जयपुर का हवा महल, जंतर मंतर, इंडिया गेट, मैसूर पैलेस भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।