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The Sunday Post Special

‘हमारी सरकार ने विकास की लंबी लाइन खींची’

करीब चार दशक से राजनीति में सक्रिय अजय भट्ट एक जमीनी नेता माने जाते हैं। राज्य में कैबिनेट मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के तौर पर वे काफी लोकप्रिय रहे। जनता के सवालों पर सक्रियता के साथ ही भट्ट भाजपा संगठन को मजबूती देने में हमेशा आगे रहे। अस्सी के दशक में राम मंदिर आंदोलन में भागीदारी निभाते उन्हें दो बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी। उनकी क्षमताओं पर भरोसा करते हुए भाजपा आलाकमान ने उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी और अब नैनीताल लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार भी बनाया है। चुनाव प्रचार के दौरान ‘दि संडे पोस्ट’ के रोविंग एसोसिएट एडिटर आकाश नागर ने उनसे देश व राज्य के चुनावी हालात और तमाम अन्य मुद्दों पर विशेष बातचीत की। भट्ट ने बड़ी बेबाकी और संयमित तरीके से विपक्ष और जनता के बीच से उठ रहे सवालों के जवाब दिए। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के खास अंश :
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सैनिकों की शहादत पर राजनीति कर रही है? 
राजनीति तो कांग्रेस कर रही है। भाजपा ने हमेशा सैनिकों का सम्मान किया है। वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) जो 40 साल पहले इंदिरा गांधी जी ने बंद कर दी थी उसे नरेंद्र मोदी जी ने शुरू किया। सारा देश जानता है और सारे सैनिक जानते हैं कि पहले जब कोई फौजी शहीद होता था तो उसके घर एक तार आ जाता था कि ‘आपका बेटा शहीद हो गया।’ अटल जी ने जब सत्ता संभाली और कारगिल युद्ध हुआ तो सारे शहीदों को 21 तोपों की सलामी और विशेष सम्मान दिया। शहीद के परिवार को पेट्रोल पंप जैसी सुविधाएं और परिवार के इमीडेट सदस्य को नौकरी में प्रोविजन हमने दिया। जिस शहीद सैनिक की नौकरी जितने लंबे समय तक शेष थी उतने समय की तनख्वाह और पेंशन उसकी पत्नी को देने का प्रोविजन हमारी सरकार ने किया। इस तरह कांग्रेस की बात मेरी समझ नहीं आती कि हम राजनीति कहां कर रहे हैं। राजनीति तो वास्तव में कांग्रेस कर रही है। सैनिकों की कार्यवाही पर कांग्रेसी प्रूफ मांग रहे हैं। यानी आप सैनिकों को अपमानित कर रहे हैं। विचारणीय प्रश्न कि सैनिकों का मनोबल कांग्रेसी गिरा रहे हैं और आरोप हम पर मढ़ते हैं। सैनिकों का अपमान आप कर रहे हैं और आरोप दूसरे पर लगाते हैं। और तो और कांग्रेस ने तो यह भी कह दिया कि सर्जिकल स्ट्राइक  करना उचित नहीं है।
एयर स्ट्राइक को लेकर भी विपक्ष का आरोप है कि भाजपा नेताओं ने इसमें मारे गए आतंकियों के जो अलग-अलग आंकड़े पेश किए, वे गुमराह करने वाले हैं। विदेशी मीडिया का हवाला देकर कांग्रेस के कपिल सिब्बल आदि नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि वहां आतंकी नहीं मारे गए?
आंकड़ों को यदि छोड़ भी दें तो सर्जिकल स्ट्राइक को कौन झुठला देगा? कौन  कह देगा कि एअर स्ट्राइक नहीं हुई? गुमराह करने की इसमें क्या बात हो गई। गुमराह करने की बात तो कांग्रेस कर रही है। अगर कांग्रेस के लोगों के पास सही आंकड़े हैं तो वे ही बता दें। जो आंकड़े  जैसे-जैसे आते गए। वैसे-वैसे बताए गए। पाकिस्तान ने कबूल किया है कि सर्जिकल स्ट्राइक हुई। वहां के रक्षा मंत्री ने कहा है कि ‘हमारे यहां हमला हुआ है और पहाड़ों में कुछ गड़बड़ की है। भारत के जहाजों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघी है और अंदर तक  घुसे हैं। नुकसान भी कर गए हैं। नुकसान कितना हुआ है अंधेरे में देख नहीं पाए हैं।’ वहां तो पाकिस्तान स्वीकार कर रहा है और यहां आप उसका प्रूफ मांग रहे हैं कि  कितने मरे, क्या मरे। जब वहां आतंकी अड्डा था तो निश्चित ही उसमें आतंकी मरे हैं। संख्या 200 भी हो सकती है और 350 भी हो सकती है।
विपक्ष का यह भी आरोप है कि पांच साल तक केंद्र की मोदी सरकार ने काम नहीं किया। ले-देकर अब भाजपा राम मंदिर और राष्ट्रवाद के मुद्दे तक सीमित है?
मुझे लगता है कि विपक्ष ने अपना चश्मा बदल लिया है। वह थोड़ा अपना चश्मा ठीक से पहने। काम यदि हम गिनाने लगें तो विपक्षी लिस्ट मिलाने लगेंगे कि कितने काम हुए। आप देखिए कि एक रुपए में दो लाख का इंश्योरेंस पहली बार भारत में हुआ है। आप सब जानते हैं कि गैस के चूल्हे इतने दिए गए। बिजली जहां नहीं थी, बिजली दे दी। जिन गांवों में बिजली नहीं जा सकती थी, बहुत दूर-दराज में जहां पोल डालने तक की जगह नहीं थी वहां पर सोलर पावर दे दी गई। कनेक्टीविटी  में जितना काम स्वतंत्रता के बाद से आज तक नहीं हुआ उतना हमने पांच साल में कर दिया। पांच साल में हमने विकास की लंबी लाइन खींच दी। अगर हम अपने राज्य उत्तराखण्ड की ही बात करें तो यहां कई विकास योजनाएं चल रही हैं। ऑल वेदर रोड़ का आजकल निर्माण हो रहा है, वह आप देख ही रहे हैं। रेल लाइन बिछ रही है चारधाम के लिए। लॉ कॉलेज हमारे यहां आ गया है। मॉडर्न कॉलेज हमारे यहां आ गए हैं। कई नॉलेज केंद्र आ गए हैं। 200 करोड़ रुपया तो हमें अकेले उच्च शिक्षा के लिए मिले हैं। शिक्षा की स्थिति ठीक करने के लिए हमें बहुत काम करने हैं और कर रहे हैं। जितनी भी चीज हैं उनमें सुधार हो रहा है। अभी 108 सेवा को बेहतर बनाया गया है। कांग्रेस ने उसे खत्म कर दिया था। नई बसें हमने खरीद ली हैं। इलेक्ट्रिक बसें हम लोग खरीद रहे हैं। केंद्र हमको किसी भी चीज में कोई कमी नहीं कर रहा है। निफ्ट जैसी संस्था को हम खींच लाए हैं। आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान ‘सिपेट’ का उद्घाटन स्वर्गीय अनंत कुमार जी ने डोईवाला में किया था। इसमें एडमिशन का मतलब रोजगार मिलना निश्चित है। प्लास्टिक इंजीनियरिंग का इतना बड़ा प्रतिष्ठान हम राज्य में ले आए हैं। अभी आप देख सकते हैं कि जो लोग यह कहते थे कि डबल इंजन की सरकार कुछ नहीं कर रही है, उनके पास अब को कुछ नहीं रहा। ऐसे लोगों के पास अब उनके एक भी उदाहरण ऐसा नहीं है कि जिससे वे सवाल उठा सकें कि हमने क्या नहीं किया है। अगर इनके पास कोई सोच है कि क्या करना चाहिए, तो मुझे बताएं। जमरानी बांध जो कांग्रेस ने वर्षों से लटकाया हुआ था, आज वह अपने यौवन पर है। इस बांध से हल्द्वानी और अन्य जगहों की हमारी पेयजल की समस्या का समाधान हो जाएगा। उधर सौंग नदी के पानी से देहरादून नगर की पेयजल समस्या का समाधान कर रहे हैं। नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार ने ऐडी चोटी का दम लगा रखा है। चाहे कोसी हो या रिस्पना हो। इसमें 60 करोड़ रुपया के करीब हमको विशिष्ट तरीके से स्वीकृत हो गया है। 60-60 करोड़ रुपया दोनों नदियों के पुनर्जीवन के लिए स्वीकृत हुआ है। यही नहीं जो हमारा नामामि गंगे प्रोग्राम है, उसके बारे में लोग न जाने क्या-क्या बातें किया करते हैं। मैं उन लोगों से कहता हूं कि जरा एक बार हरिद्वार के घाटों को देखने आईए कि किस तरह के घाट बना दिए हैं। हरिद्वार में देखने पर लगता है कि कोई चीज बनी हुई है। यह कह देना आसान है कि कोई काम नहीं किया है। पहले विपक्ष अपनी कमियों को देख ले। राफेल के बारे में झूठ बोलने के अलावा उसके पास कोई काम नहीं है। अब देखें स्वच्छता अभियान के तहत कितने ज्यादा शौचालय बना दिए गए हैं। ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ अभियान सफल हो रहा है। आज हमारा बेटियों का प्रतिशत बढ़ने लगा है। देश में जो शौचालय रहित गांव थे वो शौचालय सहित गांव बन गए हैं। काम तो हर क्षेत्र में हुआ है, पर कांग्रेस का चश्मा खराब है, उनकी दृष्टि खराब हो गई है।
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा तो गरीब जनता के खातों में 15 लाख रुपये पहुंचाने का वादा पूरा नहीं कर सकी। लेकिन कांग्रेस हर गरीब परिवार को साल में 72 हजार रुपये देगी। क्या यह संभव है?
यह सिर्फ झूठ और लफ्फाजी है। राहुल गांधी की दादी जी यानी स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने 40 साल पहले कहा था कि गरीबी दूर रहे। वे चार चुनाव गरीबी हटाने के नाम पर जीत गईं और आज राहुल गांधी ने साबित कर दिया कि दादी ने झूठ बोला, गरीबी नहीं हटी। आज मोदी जी गंभीर प्रयास कर रहे हैं। जो लोग कंकड़ पत्थर तोड़कर, रेहड़ी-पटरी, ठेली लगाकर आजीविका जुटा रहे हैं। घरों में काम कर रहे हैं। ठेलियों पर पान-बीड़ी बेच रहे हैं। खेत-खलिहानों और औद्योगिक क्षेत्रों में छोटी-मोटी नौकरियां कर रहे हैं, उन सबके लिए मोदी सरकार ने सोचा है। लगभग 40 करोड़ असंगठित क्षेत्र के जो लेवर हैं, उन सबके लिए तीन हजार रुपये की पेंशन का प्रबंध तक  मोदी जी ने कर दिया है, ये पहली बार इतिहास रचा गया है। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है।
नोटबंदी के फैसले पर भी कांग्रेस और विपक्षी दल सवाल उठाते रहे हैं और इस चुनाव में इसे मुद्दा भी बना रहे हैं। आपका क्या कहना है?
नोटबंदी में कांग्रेस और विपक्षी नेताओं के जो नोट थे उन नोटों को अब दीमक खा रही है। आज भी  वे नोट तहखानों में सड़ रहे हैं। इसीलिए वे नाराज हैं। इसीलिए बिलबिलाए हुए हैं। बाकी तो देश में सब कुछ ठीक चल रहा है। कहीं पर किसी को कोई दिक्कत नहीं है। सिर्फ विपक्षी नेता ही बिलबिलाए हुए हैं। ये अपने घोषणा पत्र में क्यों नहीं लिख देते हैं कि अगली बार हम सत्ता में आए तो नोटबंदी खत्म करके पुराने नोट चलायेंगे। लिख दें, किसने रोक रखा है इन्हें?
भाजपा से बड़े नेताओं की विदाई को लेकर भी विपक्षी नेता सवाल उठा रहे हैं कि आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी जैसे जिन नेताओं ने भाजपा को खड़ा किया, उन्हें आज अपमानित किया जा रहा है?
कोई अपमान नहीं हुआ है, आप अपने सम्मान की बात करो। आप अपनी पार्टी के भीतर की बात करो हमारी तो मर्यादित पार्टी है। आपके यहां तो रोज ही अपमान होता है। पंडित नारायण दत्त तिवारी का जमकर अपमान किया गया। कांग्रेस के लोगों ने उनकी सरकार का तख्ता पलटने की पूरी तैयारी की। उनको यहां सरकार नहीं चलाने दी। आज जो पंड़ित नारायण दत्त तिवारी का नाम लेकर अपने को उनका वारिस कह रहे हैं। जो राजनीतिक लोग तिवारी जी को फूटी आंख नहीं देख सकते थे, उनको गाली गलौच करते थे, आज उन्हें वोटों के लिए तिवारी जी याद आ रहे हैं। हम लोग तो उस समय सदन में थे। हम देखते थे उनकी हालात को। जितना अपमान नारायण दत्त तिवारी का कांग्रेस ने किया उतना किसी ने नहीं किया। हमारे यहां तो सबका सम्मान है। क्या आडवाणी जी, डॉ. जोशी जी या किसी अन्य व्यक्ति ने कहा है कि मेरा अपमान हुआ है। एक उम्र के बाद जब कोई नेता चुनाव लड़ने की असमर्थता जताते हैं, तो उन्हें मार्गदर्शक मंडल में रख सम्मान दिया जाता है। इसलिए मैं तो समझता हूं कि वह हमारे पूजनीय नेता हैं। अटल जी, आडवाणी जी और जोशी जी की भाजपा में एक सम्मानित जोड़ी थी। भारत मां की तीन धरोहर, अटल, आडवाणी और मुरली मनोहर। उनका सम्मान आज भी बरकरार है। उनका पार्टी के ऊपर बरदहस्त है। हर जगह पर उनकी राय ली जाती है। इससे बड़ी बात क्या है। आपने तो नारायण दत्त तिवारी को मरने के लिए मजबूर कर दिया था। लोग तो यहां तक कहते हैं कि कांग्रेस ने नारायण दत्त तिवारी को फंसाने के लिए उनका स्टिंग तक करवाया। कांग्रेस के लोग ही उसमें शिमल थे।
  भगतदा ने ऐसा कुछ नहीं कहा, बल्कि उन्होंने कहा कि जवानों को चांस दो। जब विधायक को टिकट देने की बात ही नहीं थी तो फिर भगतदा धामी जी का नाम क्यों आगे करते। मेरे नाम पर भी विचार तभी हुआ जब भगतदा ने कहा कि भट्ट जी को भेज दो। उनकी राय से मेरा नाम डिक्लेयर कर दिया गया। कहीं मैंने ना अर्जी दी ना  कोई प्रार्थना पत्र। मैंने टिकट के लिए कोई भाग-दौड़ भी नहीं की। बस, ऊपर से पार्टी का निर्देश आया। मैंने हमेशा पार्टी का निर्देश माना है
राफेल डील पर भी राहुल गांधी और कांग्रेस नेता केंद्र सरकार के खिलाफ हमलवार हैं?
क्या है इनका हमला? ये लोग झूठ फैलाने की मशीन हैं। कोई प्रूफ तो है ही नहीं इनके पास। अगर आपके पास कोई प्रूफ है तो सामने क्यों नहीं लाते हैं। न्यायालय में जाओ ना। सरकार ने न्यायालय के सामने अपना पक्ष रखा। पक्ष रखने के बाद सारी चीजें क्लीयर हो गई और न्यायालय ने क्लीन चिट दे दी। क्या न्यायालय से ऊपर भी कोई चीज है, कांग्रेस के लिए? ये तो न्यायालय को भी नहीं मानते हैं। स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी जो मुकदमा हार गई थी उसमें भी उन्होंने कहा था कि मैं मानती ही नहीं हूं इसको और इमरजेंसी लगा दी। राफेल में कोई प्रूफ नहीं। एक ही झूठ को बार-बार बोलते हो। कहते हो कि  हम अगर सत्ता में आए तो राफेल की जांच करायेंगे। क्या सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कोई जांच होती है। इससे ऊपर भी कोई चीज होती है? बेसिर पैर की बातें, हिट एंड रन की पॉलिसी कांग्रेस ने अपनाई है। मारो और भाग जाओ। ये लोग गलतफहमी फैलाते हैं। जितने भी आरोप लगाए हैं उनके आज तक एक भी प्रूफ नहीं दे पाए।
कांग्रेस ने तो प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ जैसा नारा दे दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि माल्या और नीरव मोदी को भाजपा सरकार ने भगाया है?
देखिए, बहुत गलत आरोप है। चाहे वो नीरव मोदी हो, चाहे माल्या, उन्हें कांग्रेस के समय में कर्जा दिया गया था। कांग्रेस के जमाने में उन्हें टेलीफोननिक कर्जा दिया गया था। सौ करोड़, दो सौ करोड़, दस हजार करोड ऐसे कर्जे टेलीफोन पर इन्होंने दिए थे। टेलीफोननिक कर्जे कांग्रेस के नेताओं ने इनको दिलवाए। जब मोदी जी आए और कर्जे चुकाने की बारी आई तो उन्हें लगा कि मोदी जी बख्शेंगे नहीं। इसलिए वे डरकर भाग गए। कांग्रेस ने इन्हें कर्जा दिया और हमने कड़ाई से वसूली का काम किया। हमने साफ किया कि देश की संपत्ति इस तरह नहीं डूबनी चाहिए, तो वो भाग गए। उसके बाद अब उनकी संपत्ति कुर्क कर दी गई। आज उनको पकड़-पकड़ के प्रत्यार्पण के आधार पर अपने देश में ला रहे हैं। हम अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपी तक को विदेश से लेकर आए हैं। जिसमें कांग्रेस के नेताओं का हाथ होना उसने कबूल कर लिया है। अब कांग्रेस की स्थिति खिसियाई बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई, तो वे भाजपा सरकार पर झूठे आरोप लगने लगे। भई  जो लोग विदेश भागे हैं, तुम्हारे वो मित्र थे। उन्हें तुम कर्ज देते रहे। हमारे ऊपर भागने का आरोप क्यों लगाया जा रहा है? हमने तो उनसे वसूली के लिए कहा था कि जो तुमने देश का हिस्सा खाया है, वह दे दीजिए।
कांग्रेस यह भी आरोप लगा रही है कि मोदी जी ने विदेशों के सैर सपाटे पर जनता के करोड़ों रुपये फूंक दिए?
 आज आप देख रहे हैं कि इंटरनेशनल स्तर पर भारत का मान बढ़ा है। इससे देश के सारे लोग मोदी जी के साथ खड़े हो गए हैं। वैसे ही वे विदेश नहीं जा रहे थे यह तो एक सिस्टम है। क्या आप ऐसे ही वीटो पावर प्राप्त कर लेंगे? अभी जब भंडारी जी को इंटनरेशनल न्यायालय का जस्टिस नियुक्त किया गया उसमें तीन चौथाई विश्व के देशों ने उनका समर्थन किया। क्या पाकिस्तान के मित्र राष्ट्र यूं ही उसे आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने  पर सहमत हो गए? क्या यह मोदी सरकार की डिप्लोमेटिक जीत नहीं है? पता नहीं कांग्रेसी क्यों निराधार बातें करते हैं?
हरीश रावत इस चुनाव में आपके सामने हैं। उनको लगता है कि राज्य में अपने शासन के दौरान उन्होंने जो अच्छे काम किए उसका फल उन्हें मिलेगा?
क्या अच्छे काम किए उन्होंने? हरीश रावत का मुख्यमंत्री कार्यकाल घोटालों का राज रहा। चावल घोटाला उनके कार्यकाल में हुआ उसकी जांच के लिए एसआईटी गठित हो रही है। छात्रवृत्ति घोटाला भी उन्हीं के कार्यकाल में हुआ। मैंने ही उठाया इसे सदन में नेता प्रतिपक्ष के नाते। एसआईटी जांच हो गई। कई लोग बंद हो गए हैं। एनएच-74 का उदाहरण सामने है जिनमें आईएएस, आईपीएस अधिकारी बैल आउट नहीं हुए हैं। बड़ी मुश्किल से कुछ लोग अभी बैल आउट हुए हैं। संवासनियों के साथ घिनौने काम हरीश रावत के शासनकाल में हुए। एफएलटू शराब घोटाले को हमने विधानसभा में भी जोर-शोर से उठाया था। उसके लिए उन्होंने पॉलिसी बदल डाली। उन्हीं के जमाने में हुए एक स्टिंग में शराब मामले पर उनका एक अधिकारी पकड़ा गया। करोड़ों की लेन-देन की बात करने वाला यह अधिकारी वादा करता है कि आपका काम हो जाएगा। दिल्ली में मुख्यमंत्री जी से मेरी बात हो गई है। हरीश रावत का कोई एक अच्छा काम गिना दीजिए जो उन्होंने किया हो।
हरीश रावत और कांग्रेसी मान रहे हैं कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार का दो वर्षीय कार्यकाल अच्छा नहीं रहा। लिहाजा इसका फायदा उन्हें मिलेगा?
त्रिवेंद्र सिंह रावत जी का कार्यकाल ऐतिहासिक है। स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। सरकार के किसी मंत्री पर कोई आरोप नहीं है। जीरो टॉलरेंस की सरकार को उन्होंने मेंटेन किया है। जिनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय का पंचम तल दलालों का अड्डा बन गया था, दलाल खुलेआम पैसा लेने की बात करते थे, उन्हें आज देखना होगा कि अब मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई भी दलाल घुस नहीं सकता है। कोई भी अनुचित प्रभाव में काम नहीं करा सकता है। ‘ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर’ के सिद्धांत पर हमारी सरकार काम कर रही है। ‘अपराधी को छोड़ो नहीं, निर्दोष को छेड़ो नहीं’ के सिद्धांत पर हम काम कर रहे हैं।

नैनीताल के लिए मेरा लोगों से आग्रह है कि मोदी जी को मजबूत करें। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि संसद में जाने के बाद हमेशा अपने क्षेत्र का मान ऊंचा रखूंगा। चाहे पंचेश्वर बांध हो, जमरानी बांध हो, एचएमटी का मामला हो या फिर अन्य मामले हों, जनहित के हर विषय पर तुरंत कार्यवाही होगी। मेडिकल कॉलेज में पैथलैब नहीं है। जिसके लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं, उसे तुरंत कराया जाएगा
सुना है कि भाजपा में टिकट के दावेदार रहे नेता नाराज हैं और चुनाव में काम नहीं कर रहे हैं?
ऐसा कहीं नहीं है। कोई भी नेता नाराज नहीं है। दावेदार भी नहीं, हम दावेदार थे ही नहीं। विधायकों को टिकट न देने की बात पार्टी ने तय कर दी थी। भगतदा ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा अगर भगतदा चुनाव लड़ रहे होते, खण्डूड़ी जी चुनाव लड़ रहे होते तो सीटें बदलती नहीं। आप देख सकते हैं कि तीन कैंडिडेट हमारे बदले नहीं और हमने पहले ही कह दिया था ‘नो वेकैंसी’। आज भी मैं कायम हूं इस पर। अगर भगत दा और खण्डूड़ी जी हामी भर देते तो टिकट तो उन्हीं को मिलना था।
बीसी खण्डूड़ी क्या नैनीताल में भी प्रचार के लिए आ सकते हैं?
उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। वे कहीं नहीं निकल पायेंगे। मैंने उनका स्वास्थ्य देखा है। वे एक साल से बहुत ज्यादा कहीं आते- जाते भी नहीं हैं। इसलिए उनसे प्रचार की हमने अपेक्षा भी नहीं की है।
क्या प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नैनीताल के सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने आपके नाम पर सहमति दे दी थी। कहा तो यह जा रहा था कि वे सिर्फ खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी को ही टिकट दिलाने की इच्छा रखते थे?
भगतदा ने ऐसा कुछ नहीं कहा, बल्कि उन्होंने कहा कि जवानों को चांस दो। जब विधायका को टिकट देने की बात ही नहीं थी तो फिर भगतदा धामी जी का नाम क्यों आगे करते। मेरे नाम पर भी विचार तभी हुआ जब भगतदा ने कहा कि भट्ट जी को भेज दो। उनकी राय से मेरा नाम डिक्लेयर कर दिया गया। कहीं मैंने ना अर्जी दी ना  कोई प्रार्थना पत्र। मैंने टिकट के लिए कोई भाग-दौड़ भी नहीं की। बस, ऊपर से पार्टी का निर्देश आया। मैंने हमेशा पार्टी का निर्देश माना है।
अपने लोकसभा क्षेत्र नैनीताल की जनता के लिए आप क्या विशेष संदेश देना चाहेंगे?
देखिए, आज देश को मोदी जी की सख्त जरूरत है। इसलिए मोदी जी को वोट करना चाहिए। एक-एक सीट का महत्व है। मोदी जी के हाथ मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के हर उम्मीदवार को उत्तराखण्ड से जिताना चाहिए। जिससे मोदी जी मजबूत हां। उन्होंने ऐतिहासिक काम किए और देश को नंबर एक पर ला दिया। पांच साल उनको और मिलते हैं तो वह देश का कायाकल्प कर देंगे।
मेरा सवाल नैनीताल लोकसभा सीट विशेष को लेकर था?
नैनीताल के लिए मेरा लोगों से आग्रह है कि मोदी जी को मजबूत करें और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि संसद में जाने के बाद मैं हमेशा अपने क्षेत्र का मान ऊंचा रखूंगा। चाहे पंचेश्वर बांध हो, जमरानी बांध हो, एचएमटी का मामला हो, या फिर अन्य मामले हों, जनहित के हर विषय पर तुरंत कार्यवाही होगी। मेडिकल कॉलेज में पैथलैब नहीं है। जिसके लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं, उसे तुरंत कराया जाएगा।

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