भाषा की मनुष्य के जीवन में अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से ही सभी एक-दूसरे के साथ संवाद स्थापित कर सकते है। ऐसी ही एक भाषा है हिंदी। हिंदी जो भारत की राजभाषा है। भारत की पहचान ही हिंदी है। आज दुनियाभर में ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाया जा रहा है। हिंदी दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है।
यह दिवस हिंदी प्रेमियों के लिए बेहद खास है, क्योंकि हिंदी दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में शुमार है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। दुनिया में हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए पहली बार 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया गया था।
इससे पहले 1975 में पहली बार इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हिंदी वर्ल्ड हिंदी कांफ्रेस का आयोजन किया गया था। इसके बाद भारत, मॉरिशियस, यूके और यूएस में इसका आयोजन होने लगा। यह हिंदी दिवस से बिल्कुल भिन्न है। हिंदी दिवस भारत में 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन 1949 को संविधान सभा ने पहली बार आधिकारिक भाषा के तौर हिंदी को अपनाया था। वहीं विश्व हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है।
हिंदी दुनिया के 30 से अधिक देशों में पढ़ी-पढ़ाई जाती है। लगभग 100 विश्वविद्यालयों में उसके लिए अध्यापन केंद्र खुले हुए हैं। हिंदी विश्व की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, संविधान के अनुच्छेद-120, 210, 343, 344 और 348-351 से हिंदी भाषा के प्रोत्साहन पर बल दिया गया है।
हिंदी के बारे में विद्वानों के कुछ विचार
हिंदी देश की राष्ट्रभाषा है-महात्मा गाँधी
भारत के हर भाग में शिक्षित-अशिक्षित,ग्रामीण शहरी सभी हिंदी को समझते है-राहुल सांकृत्यायन
हिंदी के माध्यम से सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता हैराहुल सांकृत्यायन