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Technology

अब हेडफोन लगाने की जरुरत नहीं, साउंड बीमर के आने से आसानी से सुन सकेंगे संगीत

आजकल टेक्नोलॉजी का जमाना है। हर दिन टेक्नोलॉजी नई-नई चीजें बनाकर लोगों को भौचक्का कर रही है। जिस चीज की हम कल्पना करते है उसी को अगले सालों तक साक्षात्कार हम देख रहे हैं। पहले लैंडलाइन फोन आए, जमाना बदला लैंडलाइन की जगह कीपैड फोन ने ले ली। टैक्नोलॉजी कीपैड पर भी शांत नहीं हुई। टच फोन बना दिए, फोन पर हाथ मारो सबकुछ आपके सामने। मोबाईल फोन के साथ एक और चीज आई, जिसे हम ईयर फोन कहते हैं। पहले जमाने में लोग रेडियों, टीवी या टैपरिकार्डर पर गाने सुनते थे। पंरतु इसमें दिक्कत आई कि इससे न सुनने वालों को भी आवाज सुननी पड़ती थी। फिर आए ईयर फोन, ईयर फोन का आज के युवाओं पर इतना क्रेज है कि उन्हें साथ में कैरी करना एक टास्क बन गया है। हर युवा आजकल बिना ईयर फोन के नहीं रह सकता। वह सबकुछ भूल सकता है, लेकिन साथ में ईयरफोन कैरी करना कभी नहीं भूल सकता। हालांकि ईयर फोन का हमारे कानों पर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ता है। क्योंकि बहुत तेज ध्वनि से हमारे कान कम सुनने या कभी-कभी बिल्कुल सुनना बंद कर देते हैं। लेकिन फिर भी युवा पीढ़ी इन्हें कानों पर लगाने से गुरेज नहीं करती। युवाओं को वायर वाले ईयरफोन से परेशानी होने लगी तो टैक्नोलाजी बदली और ब्लूटूथ वाले ईयरफोन आ गए,मतलब बिना वायर के। अब सीधे कानों पर लगाए और संगीत या फोन पर कहीं भी बात करें।

लोगों की लाइफ आजकल इतनी ज्यादा व्यस्त हो चुकी है कि सारा-सारा दिन कानों पर ईयरफोन लगाकर घूमते है। कानों को ब्लूटूथ वाले ईयर फोन का सितम झेलने की अब आदत हो गई हैं। टैक्नोलाजी ने अब ब्लूटूथ वाले ईयर फोन पर भी शांत नहीं बैठी। अब सोचा जा रहा है कि कानों में ईयर फोन भी लगाने न पड़े और आवाज कानों तक भी आए। यह सुनने में असंभव सा लगता है, लेकिन टैक्नालॉजी ने इसे संभव बना दिया है। इजरायल की कंपनी है ऐट नोवेटो। जिसने इसे संभव बना दिया है। कंपनी ने साउंड बीमर नामक एक ऐसा डेस्कटॉप बनाने का दावा किया है जो संगीत की धुनों को सीधे आपके कानों तक पहुंचाने में मदद करेगा। ब्लूटूथ से लैस साउंड बीमर यूजर के कानों की लोकेशन भापने में एक्सपर्ट होगा। ये छोटे-छोटे इनविजिबल यानी अदृश्य बबल में कैद ध्वनि को यूजर की दिशा में फ्लोट करेगा, जो साउंड साउंड बीमर से निकलेगी, वो ह्युमन ईयर के सुनने से बाहर की कैटीगरी की होगी। ये बबल में कैद होगी और यूजर के कानों तक पंहुच कर अन बबल होगी, जिससे हेडफोन पहने बिना ही यूजर के कानों तक आवाज पहुंच जाएगी और वो फोन पर बात से लेकर म्यूजिक का मजा ले सकता है, वो भी बिना कानों पर हेडफोन का बोझ डाले। खास बात ये कि इस तकनीक में आस पास बैठे लोगों को भी किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है और उन्हें किसी भी तरह का कोई डिस्टरबेंस नहीं होता। साउंड बीमर 3D सेंसिंग मॉड्यूल पर काम करेगी। कंपनी इसे अगले साल दिंसबर में मार्किट में लेकर आएगी। साउंड बीमर एक तकनीक है जिसमें स्पीकर पराध्वनिक ध्वनि का प्रसार करता है जो मनुष्य की श्रवण शक्ति के दायरे से बाहर होता है। कहते हैं ना जो आज नया है वो कल पुराना होगा।

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