आज की दुनिया बड़ी तेजी से नई-नई तकनीकों के साथ फैमिलियर होती जा रही है। लेकिन हर चीज के दो पहलु होते हैं, एक अच्छा तो एक बुरा। इसी तरह तकनीक का फैलता मकङजाल एक ओर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है तो दूसरी ओर भयानक रूप लेता जा रहा है।
इसी का परिणाम है कि नीदरलैंड में रहने वाले एक बच्चे ने डार्क वेब के जरिए एके-47 ऑनलाइन ऑर्डर कर दिया। बंदूक घर भी पहुंच गई। जिसे देखते ही बच्चे की मां बारबरा जेमन के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। उस महिला बारबरा जेमन ने अपने 8 साल के बेटे के साइबर क्राइम में शामिल होने की कहानी साझा की है। उनके बेटे ने डार्क वेब के जरिए एके-47 ऑनलाइन ऑर्डर कर दिया। बंदूक घर भी पहुंच गई। जब सच्चाई बारबरा को पता चली तो पैरों तले जमीन खिसक गई।
कंप्यूटर पर अधिक समय
रिपोर्ट के अनुसार बच्चे की मां बारबरा में मानव संसाधन विशेषज्ञ के रूप में काम करती हैं। उनके कहे अनुसार उनके बेटे ने कम उम्र से ही कंप्यूटर पर अपना ज्यादा वक्त बिताना शुरू कर दिया था। कम उम्र में ही उसने हैकिंग शुरू कर दी थी। वह बिना पैसे दिए चीजों को ऑनलाइन ऑर्डर करता था। जैसे मुफ्त में पिज्जा या छोटी मोती चीजे। लेकिन धीरे धीरे उसकी ऐसी हरकतें बढ़ने लगी। उनका कहना है कि जब वह अपने बेटे के कमरे में जाती थी तो वह अपनी हरकतों को छुपाने के लिए कुछ कोडों का इस्तेमाल करता था। उसने ऑनलाइन गेम के जरिए अपराधियों और बुरे लोगों से बातचीत की और अवैध धन लेनदेन में उनकी मदद भी की है। हालांकि उन्हें बेटे की इन कारनामों का पता तब चला जब एक दिन उनके घर एक एके-47 बंदूक पहुंच गई।
साइबर क्राइम के जाल में फंसा
बारबरा ने एके-47 के घर डिलीवरी होते ही उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। इसलिए उसके बेटे के साथ कोई की कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। बारबरा ने बताया कि बेटे का व्यवहार बदल गया था। वह तनाव में रहता था। छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन लगता था। चोरी-छिपे पता किया तो मालूम हुआ वह रात भर जागकर इंटरनेशनल हैकरों के साथ काम करता था। जब बारबरा ने कानून प्रवर्तन से सलाह मांगी, तो उनकी चिंताओं को खारिज कर दिया गया। इसके बाद बारबरा ने खुद साइबर सिक्योरिटी के बारे पढ़ने-सीखने का फैसला किया।बारबरा का मानना है कि लैपटॉप और मोबाईल फोन तक पहुंच आसान होने से बच्चों के लिए हैकिंग में शामिल होना आसान हो जाता है।
क्या है डार्क वेब
डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे हम ट्रैक नहीं कर सकते हैं। डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जहां वैध और अवैध दोनों तरीके के कामों को अंजाम दिया जाता है। इन्हें सिर्फ खास तौर से डिजाइन किए गए वेब ब्राउजर और सर्च इंजन के जरिए खोजा जा सकता है। इंटरनेट का 96 फीसद हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब के अंदर आता है। हम इंटरनेट कंटेंट के केवल 4% हिस्से का इस्तेमाल करते है, जिसे सरफेस वेब कहा जाता है। डीप वेब पर मौजूद कंटेंट को एक्सेस करने के लिए पासवर्ड की जरूरत होती है जिसमें ई-मेल, नेट बैंकिंग, आते हैं। डार्क वेब को खोलने के लिए टॉर ब्राउजर का इस्तेमाल किया जाता है। डार्क वेब पर ड्रग्स, हथियार, पासवर्ड, चाईल्ड पॉर्न जैसी बैन चीजें मिलती हैं।