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Technology

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लगेगी लगाम

तकनीक के क्षेत्र में आज की दुनिया इतना आगे निकल गई है कि उसके आगे सामान्य मनुष्य की क्षमताओं का कोई मूल्य कम होता जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस बढ़ते फैलते क्षेत्र को सीमित करने के लिए इस वर्ष यूरोपीय संघ में एक समझौता हो सकता है, जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सीमाएं तय करने के लिए कायदे-कानून बनाए जाएंगे। अगर यह कानून लागू हो जाता है तो यह कानून आर्टिफिशियल से जुड़ा दुनिया का पहला कानून होगा।

 

रिपोर्ट के अनुसार कुछ समय पहले ही यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्ट के प्रारूप को लेकर सहमति बनी थी। जिसपर आने वाली 11 मई को यूरोपीय संसद में वोटिंग होनी है। उसके बाद इस प्रारूप को अंतिम रूप प्रदान करते हुए कानून के रूप में लागू किया जाएगा। यूरोपीय संग के डिजिटल मंत्रियों का कहना है कि यूरोपीय संघ का एआई एक्ट नई तकनीक के विकास का समर्थक है और इसका मकसद उभरती नई तकनीकों के सामाजिक खतरों को कम से कम करना है।

 

एआई के दुनिया पर प्रभाव

 

जिस प्रकार एक सिक्के के दो पहलु होते हैं उसी प्रकार दुनिया में घटित होने वाली हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक दो पक्ष होते हैं। एआई वर्तमान में हमारे जीवन का हिस्सा सा बन गया है। एआई की मुख्य अभिव्यक्तियों में से एक यह है कि यह हमारा मनोरंजन करता है और नए लोगों से मिलाते है। इसके द्वारा हम स्मार्ट इंसानों के रूप में, हमेशा किताबों, संगीत, टीवी शो और फिल्मों से काफी आनंद प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी चीज की जानकारी प्राप्त करने। दुनिया के किसी भी कोने में मैप की सहायता से पहुँचने और ऐसी ही कई चीजों की जानकारी हमे एआई के माध्यम से ही प्राप्त होती है। कई लोगों का मानना ​​है कि नई दवाओं की खोज के लिए भी एआई का इस्तेमाल किया जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई अनुसंधान और विकास केंद्रों के लिए एक आदर्श समाधान बन सकता है। जो एकदम नई दवाओं की तलाश में हैं लेकिन यह एक महंगी और अधिक समय लेने वाली खोज प्रक्रिया है। इस प्रकार की नै खोजों के लिए वैज्ञानिकों को पहले तो इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि किसी अणु के गुण उसकी संरचना से कैसे प्रभावित हो सकते हैं। फिर उन्हें यह पता लगाने की जरूरत है कि किस प्रकार के घटक वास्तव में अच्छी और प्रभावी दवा बना सकते हैं। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने दवाओं की खोज की इस प्रक्रिया को सस्ता आसान बना दिया है।
इसी के समाज पर एआई का नकारात्मक प्रभाव भी पद रहा है। माना जा सकता है कि समाज पर इसके जितने सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं उससे नकारात्मक प्रभाव हैं। जिस प्रकार एआई हमारे दैनिक जीवन में शामिल होता चला गया और हमें इसके बारे में पता भी नहीं चला। उसी प्रकार यह धीरे – धीरे हमारे ऊपर हावी होता जा रहा है जिसका परिणाम क्या हो सकता है इसका हम अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते हैं। इसका सबसे पहला प्रभाव नौकरीयो पर पड़ा है। कई ऐसे कार्य हैं जिन्हे करने के लिए पहले मनुष्य के ताकत और बुद्धि आदि की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब वह कार्य तकनीकी माध्यम से किया जाने लगा है। जिसके कारण कई लोगों के रोजगार छिन गए हैं।
अंततः कहा जा सकता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया के लिए एक वरदान बन कर आया था जो अब अभिशाप बनता जा रहा है और इस पर लगाम अब दुनिया के लिए जरुरी हो गया है। जिसकी शुरुआत इस यूरोपीय संघ के देशों से हो सकती है।

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