भारत के युवा विस्फोटक सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और न्यूजीलैंड के ऑल राउंडर खिलाड़ी रचिन रविंद्र की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। इन दोनों ने छोटे से करियर में एक ओर जहां जायसवाल ने अपने टेस्ट करियर के छटे तो दूसरी तरफ रविंद्र ने चौथे मैच में ही दोहरा शतक लगाकर कीर्तिमान रच डाला है
क्रिकेट में बेस्ट खिलाड़ी उसे ही माना जाता है जो टेस्ट फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन करने में सफल होते हैं। बीते दिनों दो युवा बल्लेबाजों यशस्वी और रविंद्र ने टेस्ट में बेस्ट खेल दिखाकर इतिहास रच दिया है। एक ओर विशाखापट्टनम में खेले गए भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच में यशस्वी जायसवाल ने बल्ले से ट्टामाल मचाते हुए अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक लगाया तो दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के युवा बल्लेबाज रचिन रविंद्र ने बल्ले का जादू दिखाते हुए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में अपने करियर का पहला दोहरा शतक ठोक डाला है। रचिन रविंद्र का बल्ला अफ्रीकी टीम के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में जमकर बोला है। रचिन के सामने अफ्रीका का कोई भी गेंदबाज अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाया। सभी गेंदबाज रचिन की बल्लेबाजी के सामने बेबस नजर आए। अपने करियर के चौथे ही मुकाबले में रचिन ने ऐतिहासिक पारी खेल शानदार 240 रन बनाए। उनकी पारी के दम पर न्यूजीलैंड की टीम पहली पारी में 500 से ज्यादा रन बनाने में सफल रही। महज 24 वर्षीय रचिन न्यूजीलैंड में मौजूदा समय के प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों में से एक हैं। उनका बल्ला क्रिकेट के तीनों फार्मेट में जमकर बरस रहा है।
पिछले साल के अंत में खेले गए एक दिवसीय वर्ल्ड कप 2023 से उनकी किस्मत ने नया मोड़ लिया है। उस दौरान टीम के कप्तान केन विलियमसन के चोटिल होने के बाद कीवी टीम में शामिल किए गए रचिन ने पहले मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार शतकीय पारी खेली थी। इस पारी के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वर्ल्ड कप में तीन शतक की मदद से 578 रन बनाए थे। जिसके बाद चयनकर्ताओं ने उन्हें तीनों फार्मेटों में मौका दिया जिस पर वे खरा उतरते नजर आ रहे हैं।

खेल विशेषज्ञों और पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों का कहना है कि भारतीय मूल के रचिन रविंद्र ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें न्यूजीलैंड क्रिकेट का अगला सुपरस्टार कहा जा रहा है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने करियर का पहला दोहरा शतक जड़ दिया। पहले दिन के स्कोर 118 रन से आगे खेलते हुए रचिन रविंद्र ने अपनी पहली सेंचुरी को डबल सेंचुरी में बखूबी तब्दील किया। इस स्पिन ऑलराउंडर ने अपनी सिर्फ सातवीं पारी में दोहरा शतक ठोककर न सिर्फ हर किसी को प्रभावित किया है, बल्कि मैथ्यू सिंक्लेयर के 214 रन के रिकॉर्ड को तोड़ अपने पहले टेस्ट शतक के लिए न्यूजीलैंड के किसी बल्लेबाज द्वारा सर्वाेच्च स्कोर का रिकॉर्ड भी बनाया है। अब रचिन रविंद्र साउथ अफ्रीका के खिलाफ दोहरा शतक लगाने वाले न्यूजीलैंड के दूसरे बल्लेबाज बन चुके हैं। उनसे पहले पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने 2006 के केपटाउन टेस्ट में 262 रन बनाए थे। रविंद्र के अलावा, श्रीलंका के महेला जयवर्ट्टाने 374 और 237, भारत के विराट कोहली 254 और वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा 202 इस सदी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में दोहरे शतक लगाने वाले अन्य बल्लेबाज हैं।
रविंद्र अब न्यूजीलैंड की ट्टारती पर चार या उससे निचली पोजीशन पर रन बनाने वाले बल्लेबाज का तीसरा सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर बना गए। इस मामले में वह केवल ब्रेंडन मैकुलम के 302 मार्टिन क्रो 299 से पीछे हैं। खेल के जानकार यह भी कहते हैं कि रचिन रवींद्र की यात्रा का चरम तब आया जब उन्हें 2023 विश्व कप के लिए न्यूजीलैंड की टीम में नामित किया गया। जिस तरह से इंग्लैंड के खिलाफ शुरूआती मैच में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने केवल 96 गेंदों पर नाबाद 123 रन बनाकर एक असाधारण शतक बनाया। यह विश्व कप में न्यूजीलैंड के किसी भी खिलाड़ी द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक था, जो मात्र 82 गेंदों में पूरा हुआ। डेवोन कानवे के साथ, उन्होंने विश्व कप इतिहास की चौथी सबसे बड़ी साझेदारी बनाई, जिससे न्यूजीलैंड को गत चैंपियन के खिलाफ उल्लेखनीय जीत मिली। रचिन रवींद्र के कारनामे सिर्फ एक यादगार पारी तक सीमित नहीं रहे। इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 89 गेंदों में 116 और पाकिस्तान 94 गेंदों में 108 रनों की शतकीय पारी खेली थी। रविंद्र पुरुषों के एकदिवसीय विश्व कप में न्यूजीलैंड के लिए तीन शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी और अपने पहले विश्व कप में तीन शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी बन गए। उन्होंने विश्व कप अभियान को केवल 10 मैचों में 64.22 के औसत के साथ 578 रन के साथ समाप्त किया था और अब टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया है। जैसे-जैसे वह एक क्रिकेटर के रूप में विकसित हो रहे हैं और नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, न्यूजीलैंड क्रिकेट के इस उभरते सितारे का भविष्य आशाजनक दिखाई दे रहा है। इनकी यात्रा युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का काम करेगी और उनका नाम क्रिकेट इतिहास में दर्ज होना तय है।
दूसरी तरफ भारत और इंग्लैंड के बीच विशाखापट्टनम में खेले गए दूसरा टेस्ट मुकाबला युवा भारतीय बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के लिए यादगार बन गया है। इस मैच की पहली पारी में बल्ले से धमाल मचाते हुए यशस्वी जायसवाल शानदार 209 रनों की पारी खेल अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले, 1993 में 21 साल 35 दिन के विनोद कांबली और 1971 में 21 साल 283 दिन के सुनील गावस्कर यह कारनामा कर चुके हैं। कांबली ने 2 बार यंगेस्ट रहते दोहरे शतक लगाए हैं। पहले 21 साल 35 दिन और फिर 21 साल 55 दिन की उम्र में डबल सेंचुरी उनके बल्ले से आई थी।
भारत के लिए मेडिन 200 रन बनाने के मामले में सबसे कम 3 पारियां करुण नायर ने ली हैं। अब इस लिस्ट में यशस्वी जायसवाल का नाम भी जुड़ गया है। यशस्वी ने अपना दोहरा शतक 10 पारियों में जड़ा है। उनसे ऊपर चेतेश्वर पुजारा 9, सुनील गावस्कर 8, मयंक अग्रवाल 8 और विनोद कांबली ने 4 पारियों में यह मुकाम हासिल किया था।
दिग्गजों की सूची में शामिल हुए यशस्वी
भारत के लिए अब तक टेस्ट क्रिकेट में कुल 24 खिलाड़ियों ने दोहरा शतक लगाया है। इसमें दिग्गज खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा आदि खिलाड़ियों का नाम शामिल है। वहीं अब जायसवाल भारत के लिए टेस्ट में डबल सेंचुरी लगाने वाले 25वें खिलाड़ी बन गए हैं।
क्रिकेट पर राज करेंगे यशस्वी और रविंद्र
इन दोनों युवा खिलाड़ियों के कमाल का प्रदर्शन देख खेल प्रेमी और पूर्व दिग्गज बड़ी-बड़ी भविष्यवाणी करने लगे हैं। इनका कहना है कि इन दोनों की उम्र 25 साल से कम है। ये हर अवसर को बखूबी भुनाने में कामयाब होते दिख रहे हैं। संभावना है कि ये दोनों बल्लेबाज अगले दशक या उससे भी अट्टिाक समय तक वर्ल्ड क्रिकेट पर राज कर सकते हैं। उम्मीद है कि आने वाले वक्त में ये दोनों बल्लेबाज अपने-अपने देश का परचम पूरी दुनिया में लहराएंगे। जायसवाल की बात करें तो मौजूदा समय में भारत के लिए ये बड़ी जिम्मेदारी विराट कोहली और रोहित शर्मा उठाते हुए नजर आते हैं। ऐसे में अगर भारत के इस युवा बल्लेबाज का बल्ला इसी तरह चलता रहा तो वह रोहित की जगह ले सकते हैं।