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आईपीएल के मंच से विश्वकप की तैयारी

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2019 के 12वें सीजन में खिताबी मुकाबला काफी रोमांचक रहा। आखिरी ओवर में मुंबई इंडियंस ने एक रन से चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर चौथी बार आईपीएल खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

आईपीएल के बाद अब भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की निगाह इंग्लैंड में 30 मई से होने वाले विश्वकप पर है। भारतीय टी-20 क्रिकेट महाकुंभ से पहले दुनियाभर के क्रिकेटरों के लिए आईपीएल बड़े इम्तिहान का रियलिटी टेस्ट बन गया था।बेशक ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर सर्वाधिक रन बनाकर ऑरेंज कैप हासिल करने में सफल रहे और 40 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर इमरान ताहिर ने उम्र को धता बताते हुए सर्वाधिक विकेट लेकर आईपीएल के 12वें सत्र में अपनी फिरकी का परचम लहराया।

इस वर्ल्ड कप में खिताब के प्रबल दावेदार भारत के लिए सबसे बड़ा फायदा हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल का प्रदर्शन रहा। जो मैदान से बाहर के विवादों को भुलाकर लय में लौट आए हैं। एक टीवी शो पर अनर्गल बयानबाजी के कारण अस्थायी प्रतिबंध झेलकर लौटे हार्दिक और राहुल ने पूरी ऊर्जा अच्छे प्रदर्शन पर लगाई। विश्वकप से पहले भारतीय टीम के लिए यह अच्छा संकेत है।

उम्रदराज खिलाड़ियों की फौज कही जाने वाली महेंद्र सिंह धोनी की टीम फाइनल तक पहुंची। रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई को लगातार अच्छे प्रदर्शन का फल मिला। धोनी का फाइनल में रनआउट होना फाइनल का टर्निंग प्वाइंट बन गया, लेकिन इससे पहले ग्रुप मैचों में धोनी ही थे जिनके प्रदर्शन से टीम अंक तालिका में शीर्ष पर जगह बनाने में कायम रही थी। पंजाब प्लेऑफ में नहीं पहुंच सकी, लेकिन राहुल ने 593 रन बनाए और वह डेविड वॉर्नर (692) के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे। हार्दिक एक बार फिर ‘गेम चेंजर’ या ‘एक्स फैक्टर’ बनकर उभरे। उन्होंने 191 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 402 रन बनाए, 14 विकेट लिए और 11 कैच लपके।

मुंबई के कप्तान हिटमैन रोहित का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर 67 रहा लेकिन 400 से ऊपर रन बनाकर उन्होंने अपनी लय जरूर कायम रखी। दिल्ली कैपिटल्स की टीम दूसरे क्वालिफायर तक पहुंचने में सफल रही जिसमें ओपनर शिखर धवन का योगदान प्रमुख रहा शिखर ने 16 मैचों में 521 रन बनाए और शीर्ष पांच बल्लेबाजों में शामिल रहे।

टीम प्रबंधन मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के कार्यभार को लेकर चिंतित होगा लेकिन दोनों ने 19-19 विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित कर दी है। फाइनल में मैन ऑफ द मैच रहे बुमराह ने 14 रन देकर दो विकेट लिए।

टूर्नामेंट से पहले कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को लेकर काफी हाइप बनाई गई थी लेकिन कुलदीप यादव को नौ मैच के बाद कोलकाता नाइटराइडर्स ने खराब फॉर्म के कारण मौका नहीं दिया। विराट कोहली की कप्तानी वाली बैंगलोर प्लेऑफ में नहीं पहुंच सकी लेकिन कप्तान कोहली ने 14 मैचों में 464 रन बनाए जिसमें एक शतक और दो अर्द्धशतक शामिल थे।

स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 14 मैचों में 18 विकेट लिए। चेन्नई के खिलाफ मैच में तो उन्होंने चार ओवरों में महज छह रन देकर एक विकेट लिया था। उनकी इकॉनोमी रेट इस मैच में 1.50 रन प्रति ओवर की रही जो इस सीजन में किसी गेंदबाज का रिकॉर्ड है।

भारतीय चयनकर्ताओं ने विश्वकप के लिए बल्लेबाजी क्रम में बहुचर्चित चौथे स्थान के लिए विजय शंकर पर दांव खेला, लेकिन तमिलनाडु का यह बल्लेबाजी ऑलराउंडर उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। शंकर ने हैदराबाद की तरफ से 15 मैचों में 20.33 की औसत से 244 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 40 रन रहा।
इससे पहले आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी हर वेन्यू पर तैनात रहते थे। इसके कारण टीमों को टूर्नामेंट के दौरान कई अधिकारियों से संपर्क करना पड़ता था।अब एक ही अधिकारी हर टीम के साथ अभ्यास मैच से टूर्नामेंट के अंत तक रहेगा और उसी होटल में ठहरेगा जहां टीमें ठहरेंगी। उनके साथ अभ्यास और मैचों के लिए भी जाएंगे। यह विश्वकप को फिक्सिंग और भ्रष्टाचार से मुक्त रखने की आईसीसी की कवायद का हिस्सा है। गौरतलब है कि आईसीसी क्रिकेट को पाक साफ रखने के लिए काफी सक्रिय है।

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