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 देश के लिए ऐसा कौन सा पदक लेकर आऊं कि मुझे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाए 

भारतीय खेलों में हर साल दिए जाने वाले पुरस्कारों  की घोषणा केंद्रीय खेल मंत्रालय के कर दी है। रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और खेल के सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित हो चुकीं भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रीजिजू को पत्र लिख कर अपनी नाराजगी व्यक्त की है।

इस साल खेल रत्न पाने वाले पांच खिलाड़ियों में स्टार क्रिकेटर रोहित शर्मा, पहलवान विनेश फोगाट, पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल शामिल हैं। मंत्रालय ने अपनी औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी पुष्टि की है। कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार पुरस्कार वितरण समारोह 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर वर्चुअल आयोजित किया जाएगा। पहले इसके लिए राष्ट्रपति भवन में पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाता था।

मंत्रालय ने खेल रत्न हासिल करने वाली साक्षी मलिक और मीराबाई चानू को अर्जुन पुरस्कार नहीं देने का फैसला किया, जिससे इस साल यह पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की संख्या 27 रह गई है। खेल मंत्रालय ने हालांकि देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न के लिए जिन पांच खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की गई थी, उन्हें स्वीकार कर लिया है। लिमिटेड ओवर में टीम इंडिया के उप-कप्तान रोहित शर्मा, पैरा-एथलीट मरियप्पन थंगावेलू, टेबल-टेनिस चैंपियन मनिका बत्रा, महिला पहलवान विनेश फोगट और हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल को इस साल राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।

खेल मंत्रालय ने 21 अगस्त  को अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की थी जिसमें महिला पहलवान साक्षी और भारोत्तोलन विश्व चैंपियन मीराबाई चानू का नाम हटा दिया गया था। इस पर साक्षी ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। खेल मंत्रालय ने हालांकि इन दोनों के नाम शामिल नहीं करने पर कहा था कि इन लोगों को इससे पहले  2016 और  2018 में खेल रत्न मिल चुका है इसलिए इन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया जा रहा है।


27 वर्षीय  साक्षी ने पत्र में लिखा है कि हर एथलीट का सपना होता है कि वह अपने नाम के आगे ज्यादा से ज्यादा पदक हासिल करे। साक्षी ने प्रधानमंत्री और खेल मंत्री से पूछा कि वह अब कौन सा पदक जीतें जिससे उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया जाए और क्या उनके कुश्ती करियर में उन्हें कभी इस सम्मान से नवाजा भी जाएगा। साक्षी ने पत्र को ट्वीट कर कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय खेल मंत्री रीजिजू जी, मुझे खेल रत्न से सम्मानित किया गया है और मुझे इस बात का गर्व है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो सारे पुरस्कार अपने नाम करे।

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी इसके लिए अपनी जान की बाजी लगाता है। मेरा भी सपना है कि मेरे नाम के आगे अर्जुन पुरस्कार विजेता लगे। मैं ऐसा और कौन सा पदक देश के लिए लेकर आऊं कि मुझे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। या इस कुश्ती जीवन में मुझे कभी यह पुरस्कार जीतने का सौभाग्य मिलेगा या नहीं। हरियाणा की साक्षी ने 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक के अलावा 2017 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण, नई दिल्ली में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में रजत और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता था। उन्हें खेल रत्न के अलावा देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है।

पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मुकुंदकम शर्मा की अगुवाई वाली चयनसमिति ने अर्जुन पुरस्कार के लिए 29 खिलाड़ियों के नाम खेल मंत्रालय के पास भेजे थे। इस लिस्ट में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और 2017 की विश्व भारोत्तोलन चैंपियन मीराबाई चानू का नाम भी शामिल था, लेकिन इन दोनों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित करने का अंतिम फैसला खेल मंत्री किरन रिजिजू पर छोड़ दिया गया था। असल में इन दोनों खिलाड़ियों को पहले ही देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न मिल चुका था। इन दोनों के नाम को लिस्ट में शामिल करने की आलोचना भी हुई थी।

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