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सवालों में टीम सलेक्शन

बांग्लादेश के खिलाफ हाल ही में भारत को 1-2 से वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड से मिली शर्मनाक हार कप्तान रोहित और कोच द्रविड़ के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर रही है। कहा जा रहा है कि यह जोड़ी भारतीय टीम के लिए अभी तक घातक साबित हुई है

भारत में अगले साल होने वाले 2023 वर्ल्ड कप से पहले कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच राहुल द्रविड़ को भारतीय टीम के वनडे और टी-20 फॉर्मेट में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेनी होगी। भारत ने साल 2022 की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीनों वनडे मैच हारकर की थी और बांग्लादेश के खिलाफ हाल ही में भारत को 1-2 से वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा भारत 2022 टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड से सेमीफाइनल में बुरी तरह हार गया था। ऐसी स्थिति में रोहित और द्रविड़ के नेतृत्व को लेकर कहा जा रहा है कि यह जोड़ी भारतीय टीम के लिए अभी तक घातक साबित हुई है।

दरअसल, बांग्लादेश दौरे पर टीम इंडिया की शुरुआत हार से हुई। क्रिकेट में हार-जीत होती रहती है। यह कोई नई बात नहीं है। लेकिन टीम इंडिया जिस तरह से हारी उस पर सवाल उठना लाजमी है। क्योंकि वनडे वर्ल्ड कप में अब 1 साल से भी कम समय बचा है। बांग्लादेश के खिलाफ हुई वनडे सीरीज भारत की वर्ल्ड कप की औपचारिक तैयारी थी। इस सीरीज के लिए चुनी गई भारतीय टीम को देखकर यह साफ नजर आ रहा है। क्योंकि रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल इस सीरीज में खेले। इनके अलावा शिखर धवन, श्रेयस अय्यर भी टीम का हिस्सा थे। ये वे बल्लेबाज हैं, जिनका अगले साल वनडे विश्व कप में खेलना लगभग तय माना जा रहा है। यानी बल्लेबाजी में तो हम कह ही सकते हैं कि भारत बांग्लादेश के खिलाफ फुल स्ट्रेंथ के साथ उतरा, लेकिन फिर ऐसा क्या हो गया कि अपने से निचली रैंकिंग वाली बांग्लादेश टीम से भारत बुरी तरह हार गया। वह भी तब जब मीरपुर वनडे से पहले बांग्लादेश के कप्तान तमीम इकबाल चोटिल होने के कारण पूरी सीरीज से बाहर हो गए थे। वहीं तेज गेंदबाज तस्कीन अहमद भी चोटिल होने के कारण पहला मैच नहीं खेले। इसके बावजूद टीम इंडिया सीरीज हार गई। खेल विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय टीम की हार की सबसे बड़ी वजह खराब टीम सलेक्शन था। जिसका उसे खामियाजा उठाना पड़ा।

ज्यादा प्रयोग से बचने की जरूरत
टीम इंडिया में कोच राहुल द्रविड़ ने टी-20 वर्ल्ड कप से पहले लगातार प्रयोग किए थे। इसका नतीजा सभी के सामने है। अब वनडे वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम को ज्यादा प्रयोग से बचना चाहिए। रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग करने के लिए भारतीय टीम में कई ओपनर्स मौजूद हैं। इनमें शिखर धवन, ईशान किशन, राहुल त्रिपाठी और रजत पाटीदार का नाम शामिल है, लेकिन जगह सिर्फ एक। ऐसे में कोच को एक प्लेयर को परमानेंट ओपनर के रूप में चुन कर रोहित के साथ ओपनिंग के लिए भेजना चाहिए। जिससे वर्ल्ड कप तक ज्यादा मैच खेलने को मिल पाएं। हर मैच में प्रयोग करने से टीम का संतुलन गड़बड़ा जाता है।

विकेटकीपर्स के कई ऑप्शन
सफेद गेंद के क्रिकेट में विकेटकीपर्स का रोल बहुत ही ज्यादा अहम होता है। वनडे क्रिकेट में टीम इंडिया में विकेटकीपर की जिम्मेदारी संभालने के कई ऑप्शन मौजूद हैं। इनमें केएल राहुल, ऋषभ पंत और संजू सैमसन शामिल हैं। ऐसे में अब समय आ गया है कि कोच और कप्तान एक प्लेयर को मुख्य विकेटकीपर के तौर पर चुन लें। केएल राहुल, ऋषभ पंत और संजू सैमसन तीनों ही प्लेयर्स बेहतरीन विकेटकीपिंग और विस्फोटक बैटिंग में माहिर हैं।

तलाशना होगा सही टीम संयोजन
कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को टीम में युवा प्लेयर्स को भी मौका देने की जरूरत है। वहीं युवा जोश के साथ अनुभवी प्लेयर्स को शामिल करने की जरूत है, जिससे सही टीम संयोजन बन पाए। रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन को पुरानी फॉर्म में वापस लौटना होगा, क्योंकि इन तीन बल्लेबाजों के ऊपर काफी हद तक भारतीय बैटिंग टिकी हुई है।

टीम की खामियां
बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम सेलेक्शन ही समझ से परे है। क्योंकि इस दौरे से ठीक पहले भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड में 3 मैचों की वनडे सीरीज खेली। भारत यह सीरीज हार गया लेकिन बड़ी बात यह है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खेलने वाले आधा दर्जन से ज्यादा खिलाड़ियों को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज की टीम में चुना ही नहीं गया। ऐसा क्यों किया गया, यह शायद ही किसी को समझ आए। न्यूजीलैंड में अच्छी बल्लेबाजी करने वाले शुभमन गिल, सूर्य कुमार यादव बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज की टीम में शामिल ही नहीं थे। सूर्यकुमार की ही अगर बात करें तो वह इस समय शानदार फॉर्म में हैं। कम से कम टी-20 फॉर्मेट में तो उनका बल्ला गरज ही रहा है।

ऐसे में उन्हें यह कहकर बांग्लादेश दौरे की टीम के लिए नहीं चुना गया कि उन्हें आराम दिया गया है। लेकिन, सूर्यकुमार तो मैदान पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं वह मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलते नजर आएंगे। सवाल है कि जब सूर्यकुमार को आराम मिला है तो फिर खेलना क्यों? और अगर खेलना ही था तो फिर आराम की क्या जरूरत?

दूसरा कारण बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव दोनों को नहीं चुना जाना। जबकि यह दोनों न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम का हिस्सा थे। हालांकि चहल एक ही मैच में गेंदबाजी कर पाए और कुलदीप को एक मैच में भी खेलने का मौका नहीं मिला। अब यह समझ से परे कि जिन गेंदबाजों को न्यूजीलैंड में खेलने का मौका ही नहीं मिला उन्हें बांग्लादेश दौरे पर क्यों नहीं परखा गया। वह भी तब, जब कुलदीप और चहल लिमिटेड ओवर क्रिकेट में टीम के सबसे अहम स्पिन गेंदबाज माने जाते हैं।

चहल इस साल वनडे में भारत की तरफ से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने 14 मैच में 21 विकेट हासिल किया है। दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले स्पिन गेंदबाज कुलदीप हैं। उन्होंने इस साल 7 वनडे में 11 विकेट लिया है। इसके बावजूद इन दोनों स्पिन गेंदबाजों को बांग्लादेश दौरे की टीम में चुना ही नहीं गया, वह भी तब, जब वनडे विश्व कप में सालभर से कम का ही वक्त बचा है। ऐसे में आप अगर अपने सबसे अहम स्पिन गेंदबाज को नहीं खिला रहे तो फिर तैयारी किस दिशा में जा रही, समझा जा सकता है।

फायदा कम, नुकसान ज्यादा
बीते एक साल में जब से रोहित शर्मा भारत के नए कप्तान बने हैं और राहुल द्रविड़ नए कोच, एक शब्द जो सबसे ज्यादा सुनने को मिला है, वह है वर्कलोड मैनेजमेंट, इस साल टी-20 वर्ल्ड कप खेला गया। भारत ने भी इस टूर्नामेंट के लिए खूब तैयारी की थी। टी-20 विश्व कप से पहले 30 से अधिक टी-20 मैच खेले, दो दर्जन से अधिक खिलाड़ी आजमाए और वर्कलोड मैनेजमेंट का हवाला देकर बार-बार विराट कोहली, रोहित शर्मा, केएल राहुल और बाकी सीनियर खिलाड़ी टीम से अंदर-बाहर होते रहे। जिससे टीम को इसका फायदा कम, नुकसान ज्यादा हुआ। द्विपक्षीय सीरीज में भारत ने भले ही अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन टी-20 विश्व कप और एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में भारत को हार का सामना करना पड़ा।

बांग्लादेश दौरे से पहले भी रोहित, विराट, केएल राहुल और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ियों को वर्कलोड मैनेजमेंट की वजह से ही न्यूजीलैंड के खिलाफ आराम दिया गया था। हार्दिक तो टी-20 सीरीज खेले लेकिन वनडे सीरीज का वह भी हिस्सा नहीं रहे। यानी टी-20 विश्व कप के बाद रोहित, विराट और केएल राहुल जैसे खिलाड़ी सीधे बांग्लादेश में खेलने उतरे। मीरपुर वनडे में भारत की नई सलामी जोड़ी खेलने उतरी। न्यूजीलैंड के खिलाफ जहां शिखर धवन और शुभमन गिल ने वनडे में ओपनिंग की थी तो वहीं, बांग्लादेश में धवन को रोहित के रूप में नया जोड़ीदार मिला। बार-बार सलामी जोड़ी बदलना और खिलाड़ी का आराम के नाम पर टीम से लगातार अंदर-बाहर होने का खामियाजा भारत को उठाना पड़ रहा है।

कप्तान से लेकर ओपनर तक पर कन्फ्यूजन
वनडे वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया काफी वनडे मैच खेलेगी, लेकिन कोच राहुल द्रविड़ की अगुवाई में इतने प्रयोग हो रहे हैं कि अभी तय ही नहीं हो पा रहा है कि आखिर टीम इंडिया का कोर ग्रुप क्या होगा। कप्तान रोहित शर्मा, पूर्व कप्तान विराट कोहली, टीम के उप-कप्तान केएल राहुल जैसे सीनियर प्लेयर्स लगातार ब्रेक ले रहे हैं। सिर्फ बड़ी सीरीज में ही इन्हें देखा जाता है, ऐसे में फॉर्म में निरंतरता कैसे आएगी। टी-20 वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा कप्तान थे, न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में हार्दिक पांड्या को कप्तानी मिली और वनडे सीरीज में शिखर धवन कप्तान बने तो बांग्लादेश में फिर से रोहित शर्मा कप्तान थे। सीनियर प्लेयर्स को आराम मिलता है, तो टीम कॉम्बिनेशन भी बिगड़ रहा है। सिर्फ ओपनिंग जोड़ी ही नहीं बल्कि विकेटकीपर को लेकर भी चिंता बढ़ी है। ऋषभ पंत की व्हाइट बॉल क्रिकेट में खराब फॉर्म चिंता का विषय है, वह लगातार फेल हो रहे हैं और टीम उन्हें मौके भी दे रही है। इस चक्कर में संजू सैमसन या अन्य किसी खिलाड़ी को आजमाया नहीं जा रहा है। टेस्ट क्रिकेट में पंत मैच विनर बने हैं, लेकिन वनडे या टी-20 में अभी उन्हें खुद को साबित करना बाकी है।

गौरतलब है कि वनडे वर्ल्ड कप 2023 में अब सिर्फ कुछ महीने बाकी हैं। अक्टूबर-नवंबर में भारत में ही वर्ल्ड कप होना है। सितंबर तक टीम की घोषणा कर दी जाएगी, लेकिन अभी टीम इंडिया के पास ऐसे 15 खिलाड़ियों का पुल ही पक्का नहीं है जो वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुटा हो। यही कारण है कि टीम इंडिया को अब अपने 15 खिलाड़ी तय करने होंगे, ताकि वह लगातार तैयारियों में जुट सके। वरना एक बार फिर पिछली दो टी-20 वर्ल्ड कप 2021-22 जैसी गलतियां दोहराकर टीम इंडिया पर वर्ल्ड कप जीतने का मौका खोने का दबाव बना रहेगा।

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