कुछ ही महीनों बाद शुरू होने वाले खेलों के महाकुंभ ओलंपिक से पहले सुशील कुमार और पूजा ढांडा को अगले महीने होने वाली समीक्षा बैठक के बाद उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने के कारण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वार्षिक अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर किया जा सकता है।
पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और पूजा ढांडा पर गाज गिर सकती है। दरअसल, अगले महीने होने वाली समीक्षा बैठक के बाद उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने के कारण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वार्षिक अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर हो सकते हैं। बता दें कि डब्ल्यूएफआई और प्रायोजक टाटा मोटर्स के बीच बैठक 2020 में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
कहा जा रहा है कि सुशील को हटाने का फैसला पूरी तरह से प्रदर्शन के आधार पर किया गया है और छत्रसाल स्टेडियम में साथी पहलवान सागर धनखड़ की हत्या में उनकी कथित संलिप्तता के कारण गिरफ्तारी से इसका कोई लेना देना नहीं है। खबरों के मुताबिक यह स्पष्ट है कि अनुबंध की पेशकश किए जाने के बाद से सुशील और पूजा ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है। अगले महीने जब समीक्षा बैठक होगी तो वे अनुबंध हासिल नहीं कर पाएंगे।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से सबक लेते हुए डब्ल्यूएफआई ने 2019 में अपने खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध की पेशकश की थी। लगभग 150 पहलवानों को एक साल का अनुबंध मिला था जिसकी समीक्षा होनी थी। शुरुआत में ग्रेड बी में रखे जाने के बाद सुशील को ग्रेड ए में जगह मिली थी। ग्रेड ए में 30 लाख, जबकि ग्रेड बी में 20 लाख रुपये का वार्षिक भुगतान होता है। पूजा को भी ग्रेड ए में रखा गया था।
सुशील जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में कोई पदक नहीं जीत सके थे और 2019 विश्व चैंपियनशिप के पहले दौर में ही बाहर हो गए। इसके बाद किसी टूर्नामेंट में नहीं खेले। विश्व चैंपियनशिप 2018 की कांस्य पदक विजेता पूजा ने 57 किग्रा वर्ग में अपना स्थान गंवा दिया है। उन्होंने 2020 में प्रतिस्पर्धा पेश नहीं की और उन्होंने पिछला पदक जुलाई 2019 में ग्रां प्री आफ स्पेन में रजत पदक के रूप में जीता था।
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने इन दोनों पहलवानों के बाहर करने की पुष्टि नहीं कि लेकिन संकेत दिया कि इस कदम से इनकार भी नहीं किया जा सकता। तोमर ने कहा, ‘सभी फैसले बैठक में ही होंगे लेकिन यह तय है कि प्रायोजकों के पैसे को ऐसे ही नहीं बांटा जाएगा। हमें पैसे का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करना होगा।’
टीके लगवा चुके लोगों को भी खतराः अमेरिका
खेलों का महाकुंभ यानी ओलंपिक हर चार साल पर होता है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में इसका आयोजन नहीं हो पाया था। अब साल भर की देरी से जापान के टोक्यो में इसका आयोजन होने जा रहा है। इसकी शुरुआत 23 जुलाई से होगी और आठ अगस्त को इसका समापन होगा।इस सब के बीच अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों और मंत्रालय ने अमेरिकावासियों को जापान की यात्रा न करने को कहा है। हालांकि अमेरिकी नागरिकों को जापान की यात्रा करने से प्रतिबंधित नहीं किया गया है लेकिन इससे यात्रियों की बीमा दरों पर असर पड़ सकता है। इससे खिलाड़ी जुलाई में शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों में भाग लेने पर पुनर्विचार कर सकते हैं। अभी यह पता नहीं चला है कि इस चेतावनी का ओलंपिक के लिए जापान जाने वालों पर क्या असर पड़ेगा।
अटलांटा स्थित रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने कोविड-19 से संबंधित नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा, ‘यात्रियों को जापान की यात्रा करने से बचना चाहिए। जापान की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यहां तक कि सभी टीके लेने वाले यात्रियों को भी कोविड के अलग-अलग प्रकारों के संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है।
इस बीच अमेरिका ओलंपिक और पैरालंपिक समिति ने कहा कि उसे विश्वास है कि अमेरिकी खिलाड़ी सुरक्षित तरीके से टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने में सफल रहेंगे। अमेरिका की ओलंपिक समिति और टोक्यो की आयोजन समिति ने यात्रा से पहले और टोक्यो पहुंचने के बाद और खेलों के दौरान टेस्ट के जो मानक अपनाने की बात कही है वो काफी सुरक्षित है। जापान में टीकाकरण ने भी रफ्तार पकड़ ली है। सेना के डाॅक्टरों और नर्सों को इस काम में लगाया गया है।
ओलंपिक के मेजबान देश जापान के ज्यादातर शहरों में आपात स्थिति है और इसके अगले माह के मध्य तक रहने की संभावना है, और संक्रमित केसों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे चिंता बढ़ रही है कि जापान उस स्थिति से कैसे निपटेगा जब दुनियाभर से दस हजार से ज्यादा लोग ओलंपिक के लिए एकत्रित होंगे और अस्पताल में पहले से मरीज भरे होंगे और बहुत कम लोगों को टीका लगा होगा।
ओलंपिक के आयोजन को खतरा नहीं
अमेरिका के अलर्ट के बाद जापान ने त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे 23 जुलाई से होने वाले ओलंपिक खेलों को कोई खतरा नहीं है। जापान के चीफ कैबिनेट सचिव कातसुनोबयू ने कहा कि अमेरिका की चेतावनी का यह मतलब नहीं है कि उसने जापान की जरूरी यात्रा के लिए मना किया है या अमेरिका की टोक्यो ओलंपिक को समर्थन करने की नीति में कोई बदलाव आया है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वाशिंगटन ने टोक्यो कोे स्पष्ट किया है कि यात्रा अलर्ट को अमेरिकी दल के ओलंपिक भागीदारी से कोई लेना-देना नहीं है। ओलंपिक में विदेशी दर्शकों पर जरूर प्रतिबंध है लेकिन खिलाड़ी, उनके परिवार, खेल अधिकारी और अन्य हितधारक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में शामिल हैं।
ओलंपिक में भागीदारी जरूर करेंगेः ब्रिटेन
अमेरिकी अलर्ट के बीच ब्रिटिश ओलंपिक संघ (बीओए) के प्रमुख ने टोक्यो में ओलंपिक का जोरदार समर्थन करते हुए कहा है कि संक्रमण मामलों के बढ़ने और अमेरिका के लेवल-4 के अलर्ट के बावजूद टीम ग्रेट ब्रिटेन खेलों के महाकुंभ में हिस्सा लेगी।
बीओए के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी टीम ओलंपिक में भाग लेने को प्रतिबद्ध है। हमें अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने आश्वस्त किया है कि ओलंपिक खेल नहीं टलेंगे। ब्रिटिश दल के चेफ डि मिशन मार्क इंग्लैंड कह चुके हैं कि आईओसी का फाइजर से करार हो चुका है कि वह खिलाड़ियों के लिए टीके का बंदोबस्त करेगी।