उत्तराखण्ड की उभरती एथलीट के सपनों पर कुदरत की ऐसी मार पड़ी कि उन्हें अस्पताल के बिस्तर से मदद की गुहार लगानी पड़ी तो, प्रदेश की सरकार ने भी पूरी मदद करने का भरोसा दिया।प्रदेश की रेसर चैंपियन कही जाने वाली युवा एथलीट गरिमा जोशी को इस वक्त ना केवल दुआओं की जरूरत है बल्कि उन उत्तराखंडी लोगों की मदद की जरूरत है जो इस खिलाड़ी की सफलताओं पर गर्व महसूस करते हैं।
बीते 31 मई बैंगलोर में हुए एक सड़क हादसे में गरिमा को पूरी तरह से तोड़ दिया है। उत्तराखंड से बैंगलोर पहुंची इस युवा खिलाड़ी ने 27 मई को इंटरनेशनल गोल्ड लेवल की रेस में भाग लिया था और राज्य के लिए गोल्ड भी लेकर आई थी। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटीक फेडरेशन द्वारा आयोजित इस रेस में गरिमा ने छठवी रैंक हासिल की थी।लेकिन होनी को कुछ और ही मंज़ूर था।एक कार हादसे में टक्कर लगने से गरिमा पिछले 2महीने से बैंगलोर के अस्पताल में एडमिट हैं, और चोटे इतनी गहरी हैं कि उनकी हालत में खास सुधार नहीं है।
उत्तराखंड की उड़नपरी गरिमा जोशी जिसको की अभी शोहरत मिलनी शुरू ही हुई थी कि कुदरत के क्रूर मजाख ने उनकी जिंदगी में अंधेरे भर दिए ।बैंगलोर में 27 मई 2018 को हुवे नेशनल चैंपियन शिप में जाने के लिए उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने25000 हजार रुपए की मदद की थी।एक अनहोनी ने बेंगलोर में ही कार एक्सीडेंट में उसकी जीवन की रफ्तार को अपाहिज बना डाला ।आज वो बेंगलोर के अस्पताल में बस सिसक रही है । पिता पूरन जोशी ने रानीखेत बाजार से 10 प्रतिशत मासिक की दर से जमीन मकान गिरवी रखके 5 लाख रुपये कर्जा लेकर रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन करवाया है जिसमे की 18 रॉड पड़ी हैं ।और स्पाइनल कॉर्नर टूट गया है। नीचे का हिस्सा पैरालाइज हो रहा है, इलाज अभी जारी है। उनकी देख रेख उनका भाई कर रहा है तो पिता दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में कैंसर से जूझ रही गरिमा की माँ आशा जोशी की देख रेख कर रहे हैं।
बी. पी. एल. कार्ड धारक पिता के पास कोई भी कमाई का साधन नही है ।मात्र 18 साल का भाई मुम्बई के एक होटल में काम करता है। और अब उनकी मदद के लिए राज्य की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने हाथ आगे बढ़ाए हैं। सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई एथलीट गरिमा जोशी के इलाज का पूरा खर्च प्रदेश सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल साइट ट्विटर पर ट्वीट कर यह जानकारी शेयर की है। गरिमा के इलाज के लिए उनके पिता पूरन जोशी ने सरकार से गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार द्वारा इसका पूरा खर्च उठाने का निर्णय लिया है। सीएम ने गरिमा के शीघ्र ही स्वास्थ लाभ की कामना की है। वहीं गरिमा की मदद के लिए खेल व युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इलाज के लिए चंदा एकत्र करना शुरू कर दिया है। खेल मंत्री के ओएसडी नरेंद्र त्रिवारी के अनुसार अभी तक खेल विभाग व युवा कल्याण के अधिकारियों ने 35 हजार रुपये का चंदा इकट्ठा कर लिया है। जिससे गरिमा के इलाज के लिए सहायता उपलब्ध कराई जा सके। वहीं खेल मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि गरिमा के इलाज में आ रहे खर्च के साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से जो भी मदद हो सकेगी उसे किया जाएगा।
बेंगलुरु में बीती 27 मई 2018 को हुई हाफ मैराथन में अल्मोड़ा के चिलियानौला गांव निवासी गरिमा जोशी ने प्रतिभाग करते हुए पूरे देश में छठा स्थान हासिल किया था। इसके बाद वह बेंगलुरु में ही ट्रेनिंग कर रही थी। प्रैक्टिस से लौटते वक्त एक कार से हुई टक्कर में वह गंभीर रूप से घायत हो गई।और उनकी रीढ़ की हड्डी में मल्टीपल फ्रैक्चर आ गया । जिसके चलते उसके शरीर का निचला हिस्सा पैरालाइज हो गया था। उनका ईलाज कस्तूरबा गांधी मेडिकल कॉलेज मनीपाल में उपचार चल रहा था। इलाज में लाखों रुपये खर्च हो गए हैं। अब खर्च वहन न करने के कारण उन्हें अस्पताल से शिफ्ट करना पड़ा है ।