सात साल के लंबे इंतजार के बाद भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ एस श्रीसंत एक बार फिर से मैदान पर वापसी के लिए तैयार हैं। स्पॉट फिक्सिंग में नाम आने के बाद श्रीसंत पर वर्ष 2013 में आईपीएल के दौरान बैन लगा था। लेकिन लंबी कानूनी लड़ाई के बाद वो आज से एक बार फिर क्रिकेट के मैदान पर लौट सकते हैं। उनका बैन कल 13 सितंबर को खत्म हो गया है। कोरोना वायरस के चलते भारत में घरेलू क्रिकेट नहीं हो रहे हैं। ऐसे में श्रीसंत को कॉम्पिटेटिव क्रिकेट खेलने के थोड़ा इंतज़ार और करना पड़ सकता है।
37 वर्षीय के श्रीसंत ने दो दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि उनमें अभी 5 से 7 साल की क्रिकेट बाक़ी है ऐसे में वो इस दौरान खुद को साबित करने के लिए पूरी ताकत झौंक देंगे। इसके अलावा उन्होंने दोहराया था कि वो अब फ्रेंडली मैच में भी कभी चीटिंग नहीं करेंगे।
अक्टूबर 2005 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले श्रीसंत भारत के लिए अब तक 90 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। 27 टेस्ट मैचों में उनके नाम 87 विकेट हैं। 53 वनडे में उन्होंने 75 विकेट झटके हैं। साल 2006 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर श्रीसंत के शानदार प्रदर्शन को हमेशा के लिए याद किया जाएगा। जोहान्सबर्ग टेस्ट में 8 विकेट लेकर उन्होंने भारत को दक्षिण अफ्रीका में पहली टेस्ट जीत दिलाई थी।
मई 2013 में दिल्ली पुलिस ने मैच फिक्सिंग के आरोप में श्रीसंत और उनके दो राजस्थान रॉयल्स टीम के साथी अजीत चांडिला और अंकित छवन को गिरफ्तार किया था। बीसीसीआई ने इसके बाद तीनों खिलाड़ियों पर आजीवन बैन लगा दिया था। हालांकि श्रीसंत की कोशिशों के बाद साल 2015 में विशेष अदालत ने उन्हें आरोपों से बरी कर दिया। इसके बाद साल 2018 में केरल हाई कोर्ट ने उनपर लगे अजीवन प्रतिबंध को खत्म कर किया था। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीाई से उन पर लगे बैन पर विचार करने को कहा था।