पहला इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का सीजन साल 2008 में खेला गया था। सौरव गांगुली उस समय T20 लीग के स्टार क्रिकेटर थे। कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) फ्रेंचाइजी टीम ने ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ को खरीदा था और गांगुली को अपना कप्तान बनाया था।
फैन्स को गांगुली की कप्तानी में उम्मीद थी कि केकेआर टीम धांसू प्रदर्शन करेगी पर ऐसा नहीं हो सका। टीम 6वें नंबर पर रही। टीम मैनेजमेंट के साथ गांगुली को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। एक इंटरव्यू में गांगुली ने बताया कि केकेआर टीम के साथ शुरुआती सीजन में क्या कुछ गलत हुआ।
टीम में केकेआर के ऑस्ट्रेलियाई कोच जॉन बुकानन ने मल्टी कैप्टेंसी की पॉलिसी बनाई थी, और इससे टीम को शुरुआती साल में अच्छे नतीजे नहीं मिले थे। केकेआर के लगातार दूसरे सीजन में खराब प्रदर्शन के बाद बुकानन को उनके पद से हटा दिया गया था।
गांगुली कप्तान के तौर पर तीसरे सीजन में खेले पर टीम 6वें स्थान पर रही। साल 2011 में इसके बाद गौतम गंभीर केकेआर के कप्तान बने और 2012 और 2014 में केकेआर ने खिताब अपने नाम किया था।
सौरव गांगुली ने बताया है कि उस समय केकेआर के साथ क्या दिक्कतें रही थीं। उन्होंने साथ ही कहा कि उन्होंने भी टीम के को-ओनर शाहरुख खान से टीम को चलाने के लिए फ्रीडम मांगी थी, लेकिन उन्हें वो फ्रीडम मिली नहीं थी।
गौतम भट्टाचार्जी के यूट्यूब चैनल पर दिए इंटरव्यू में गांगुली ने कहा, ‘मैं गौतम गंभीर का एक इंटरव्यू देख रहा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि चौथे साल में शाहरुख ने उनसे कहा था कि यह तुम्हारी टीम है और मैं इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं करूंगा। यही बात मैंने उनसे पहले साल में कही थी, मेरे ऊपर टीम छोड़ दीजिए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।”
बीसीआईआई अध्यक्ष ने कहा, “आप देखिए आईपीएल की बेस्ट टीम वही हैं, जहां खिलाड़ियों पर टीम को छोड़ दिया जाए। सीएसके को देखिए, महेंद्र सिंह धोनी इसे चलाते हैं। मुंबई इंडियंस में कोई भी रोहित शर्मा की बात नहीं काटता है, कोई नहीं कहता उनसे कि इन खिलाड़ियों को टीम में जगह दो। वहां दिक्कत विचार की थी, कोच को चार कप्तान चाहिए थे, तो विचारों में मतभेद था। मुझे चार कप्तान चाहिए फिर मैं अपनी तरह से टीम को चलाऊंगा।”