अगले महीने ऑस्ट्रेलिया में 21 फरवरी से 8 मार्च 2020 तक होने वाले महिला क्रिकेट टी-20 विश्व कप में हरमनप्रीत कौर को टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम की कमान सौंपी गई है। भारतीय क्रिकेट कट्रोल ने महिला विश्व कप के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया।
भारतीय टीम टी-20 विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत 21 फरवरी को सिडनी में असॅस्ट्रेलिया के खिलाफ से अपने अभियान की शुरुआत करेंगी।
विश्व कप में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की दो बेटियों ने आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड के लिए भारतीय टीम में राधा यादव और शिखा पांडे ने महिला टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई है।
जिले के मड़ियांहू ब्लाक के अजोसी गांव की रहने वाले ओमप्रकाश यादव की बेटी राधा यादव के भारतीय टीम में वर्ल्ड कप खेले जाने के लिए चयन होने की खबर मिलते ही गांव में खुशी की लहर है। दूसरी बेटी चंदवक थाना के मचहटी गांव की शिखा पांडेय भी आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप के लिए घोषित टीम में शामिल है। ये दोनों आगामी 31 जनवरी से आस्ट्रेलिया में शुरू होने वाले त्रिकोणीय सीरीज में भी जलवा बिखरेंगी।
पंख होने से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है। इस कहावत को जौनपुर जिले के अजोशी गांव की राधा यादव ने सही साबित कर दिया है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से निकल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलराउंडर खिलाड़ी के रूप में चर्चित राधा का चयन से पता चलता है।
राधा के पिता प्रकाश चंद्र यादव मुंबई में डेयरी उद्योग से जुड़े हैं। राधा की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। इंटर की परीक्षा केएन इंटर कॉलेज बांकी से उत्तीर्ण की। इसके बाद पिता के पास मुंबई जाकर क्रिकेट की कोचिंग ली और 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। शुरुआत में वह मुंबई टीम का हिस्सा थी। वर्तमान में वह गुजरात से खेलती है।
बचपन में लड़कों के साथ गली क्रिकेट खेलने वाली लड़की अब ऑस्ट्रेलिया में देश के लिए टी-20 वर्ल्ड कप खेलेंगी। लड़कों की टीम में खेलने पर जो लोग उसे ताने मारते थे, आज उन्हीं की जुबा सराहना करते नहीं थक रही। राधा यादव की सफलता ने उन हजारों लड़कियों के आंखों में उम्मीद की नई किरण जगाई है, जो साधन, सहयोग और प्रोत्साहन के बिना अपनी प्रतिभा को दबा देती हैं।
मूल रूप से जौनपुर के अगोशी गांव निवासी ओमप्रकाश यादव की बेटी राधा यादव के झुग्गी झोपडियों के बीच गली क्रिकेट से निकलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए भारतीय टीम का हिस्सा बनने की कहानी काफी दिलचस्प और संघर्षपूर्ण है।
महज छह वर्ष की उम्र में ही राधा ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। पहले वह मोहल्ले के ही बच्चों के साथ खेलती थी। आंखों में नीली जर्सी पहनने का ख्वाब संजोए राधा को यह भी नहीं पता था कि क्रिकेट में महिलाओं की टीम अलग है। गली में स्टंप लगाकर लड़कों के साथ एकमात्र लड़की को खेलते देख आस-पास के लोग परिवार पर तंज कसते थे। उनके पिता ने कभी भी यह नहीं सोचा कि लड़के कुछ बोल दें या मारपीट कर दें तो दिक्कत हो जाएगी। मगर उन्होंने कभी भी इसकी परवाह नहीं की। बेटी को खुलकर अपनी मर्जी से खेलने की हमेशा छूट दी। यही कारण है कि आज वह इस मुकाम पर पहुंची है कि दूसरे उसकी नजीर दे सकें।
चार भाई-बहनों में सबसे छोटी राधा के पिता ओम प्रकाश यादव जनरल स्टोर की छोटी सी दुकान चलाते हैं। पढ़ाई- दवाई का खर्चा भी बमुश्किल निकल पाता है। ऊपर से बार-बार म्यूनिसिपल कार्पोरेशन की ओर से अतिक्रमण के नाम पर दुकानें हटाने की आशंका बनी रहती थी।
ऐसी विपरीत परिस्थितियों में राधा के पास किट तो दूर बैट खरीदने के पैसे नहीं थे। तब वह लकड़ी को बैट बनाकर अभ्यास करती थी। घर से तीन किमी दूर राजेंद्रनगर में मौजूद स्टेडियम तक पिता साइकिल से उसे छोडने जाते और फिर दूसरी ओर से राधा टेंपो तो कभी पैदल ही घर आती थी। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद न तो पिता ने हार मानी और न ही बेटी ने हौसला छोड़ा।
दूसरी ओर टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में शिखा पांडेय के चयन से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। शिखा के पिता सुभाष पांडेय मचहटी गांव के निवासी हैं। सुभाष गोवा में जहां केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक हैं, वहीं दूसरे भाई जमुना पांडेय जबलपुर में अध्यापक हैं। शिखा का परिवार लंबे समय से गोवा में ही है। घर पर उनका आना- जाना काफी कम है।
टी -20 वर्ल्डकप के लिए टीम
हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उप-कप्तान), शैफाली वर्मा, जेमिमहा राड्रिगुएस, हर्लील देओल, दीप्ति शर्मा, वेदा कृष्णामूर्ति, रिचा घोष, तानिया भाटिया (विकेटकीपर), पूनम यादव, राधाव यादव, राजेश्वर गायकवाड़, शिखा पांडे, पूजा वस्त्राकर और अंरुधित रेड्डी।