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राजनेता और खिलाड़ियों का चोली दामन का साथ रहता है। अक्सर खिलाड़ी राजनीति की पिच पर उतरकर दो-दो हाथ करते रहे हैं। मशहूर पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के साथ ही क्रिकेटर रवींद्र जडेजा ने कुछ दिन पहले ही अखाड़े बदलने के साथ ही राजनीति का एक नया अध्याय शुरू किया है। इससे पहले चेतन चौहान, कीर्ति आजाद, नवजोत सिंह सिद्धू और मोहम्मद अजहरूद्दीन सहित भारत रत्न’ सचिन तेंदुलकर जैसी कई खेल हस्तियां हैं जो बारास्ता राजनीति सांसद और विधायक बनने में कामयाब रहे हैं

गत दिनों मशहूर पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का खेल का मैदान छोड़ राजनीति के अखाड़े में शामिल होना चर्चा का विषय बना हुआ है। दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। जबकि क्रिकेटर रवींद्र जडेजा का नाम भी राजनीति की पिच पर हाथ आजमाने वालों की सूची में शुमार हो गया है। जडेजा ने भाजपा का दामन थाम लिया है। हालांकि खेल सितारों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है। क्रिकेट के दिग्गजों से लेकर ओलंपिक चैंपियन तक कई खिलाड़ियों ने अपनी प्रसिद्धि का इस्तेमाल कर अखाड़े बदले हैं।

यूसुफ पठान: एक समय क्रिकेट के मैदान में अपने धमाकेदार शॉट्स के लिए मशहूर यूसुफ पठान अब राजनीति के मैदान में धमाल मचा रहे हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद यूसुफ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए और बहरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े। कांग्रेस के दिग्गज अधीर रंजन चौधरी पर जीत दर्ज करने के साथ ही यूसुफ ने आईपीएल में अपने छक्कों की तरह ही धमाकेदार तरीके से अपनी राजनीति की शुरुआत की है।

रवींद्र जडेजा: रविंद्र जडेजा क्रिकेट का जाना माना नाम है। वे हमेशा से ही क्रिकेट के मैदान पर अपनी स्पिन गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। लेकिन अब वे उसी स्पिन को राजनीति में भी आजमा रहे हैं। उनकी पत्नी रीवाबा जडेजा भाजपा के टिकट पर 2022 के चुनाव में जामनगर से जीत चुकी हैं। जबकि रवींद्र जडेजा अब आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों से संन्यास ले लिया है। कहा जा रहा है कि जडेजा का भाजपा में प्रवेश गुजरात में उनकी बढ़ती राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है। गुजरात के बारे में यह भी चर्चित है कि वहां क्रिकेट और राजनीति अक्सर साथ-साथ चलते रहे हैं।

पी.टी. उषा: भारत की उड़न परी कही जाने वाली धावक पी.टी. उषा को जुलाई 2022 में राज्यसभा का सांसद मनोनीत किया गया था। उषा हाल ही में महिला पहलवानों द्वारा दिल्ली में दिए जा रहे धरने के संबंध में गठित जांच दल में भी शामिल रही हैं।

गौतम गंभीर: गौतम गंभीर ने खेल से संन्यास लेकर राजनीतिक पारी शुरू कर क्रिकेट शैली की तरह ही सीधी और बोल्ड पालिटिक्स की है। गंभीर ने 2019 में भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्वी दिल्ली सीट पर बड़े अंतर से जीत हासिल की। मैदान और मैदान के बाहर अपने बेबाक रवैये के लिए पहचाने जाने वाले गंभीर अपने निर्वाचन क्षेत्र में शहरी विकास, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवा के बारे में मुखर रहे हैं। आखिर में उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। गौतम गंभीर की राजनीतिक पारी को उल्लेखनीय कहा जा रहा है।

बबीता फोगाट:
अपनी बहन विनेश की तरह ही बबीता भी खेल के मैदान से राजनीति के गलियारों में आई हैं। विनेश फोगाट की तरह वह भी सुर्खियों में रहती हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाली बबीता भाजपा की मुखर समर्थक रही हैं और 2019 में पार्टी में शामिल हो चुकी है। बबीता की राजनीतिक यात्रा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी से शुरू हुई। इसके बाद से वह हरियाणा की राजनीति में एक जानी मानी शख्सियत बन गई हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू: भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी रहे नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर सांसद से लेकर पंजाब विधानसभा में पहले सदस्य और फिर भी चिकित्सा मंत्री रह चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि वे सांसद भाजपा की तरफ से रहे और विधायक-मंत्री कांग्रेस की तरफ से।

हरभजन सिंह:
दुनिया के दिग्गज ऑफ स्पिनर माने जाने वाले हरभजन सिंह को आप पार्टी ने वर्ष 2022 में राज्यसभा सांसद बनाया है। हरभजन सिंह सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर भी अपने खास बयानों के लिए अक्सर चर्चित रहते हैं।

मैरी कॉम:
पांच बार महिला बॉक्सिंग में चैम्पियन रही विश्व प्रसिद्ध मैरी कॉम को अप्रैल-2016 में राज्यसभा में मनोनीत किया गया था। मैरी कॉम मूलतः मणिपुर की रहने वाली हैं।

राजवर्धन सिंह राठौड़: निशानेबाजी से धाक जमाने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी खेलों से राजनीति में उतरे। वर्ष 2004 में एथेंस ओलिंपिक में भारतीय सेना के मेजर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राइफल शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता था। राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राठौड़ के स्वागत की तैयारियां की और अपने काबिना मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ को दिल्ली भेजा। उसके बाद से राजनीति में उनके कदम बढ़ते चले गए। वर्ष 2014 में भाजपा ने उन्हें जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। उस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज राजनेता तत्कालीन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री सी.पी. जोशी को हराया। राठौड़ को वर्ष 2014 से 2019 के बीच केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया। वे वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार भी जयपुर ग्रामीण से सांसद बने।

मंसूर अली खान पटौदी: देश के दिग्गज क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी, जिन्हें प्यार से ‘टाइगर पटौदी’ के नाम से जाना जाता है, ने भी अपने क्रिकेट करियर के बाद राजनीति में कदम रखा था। पटौदी को वर्ष 1971 में विशाल हरियाणा पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया और गुड़गांव से लोकसभा चुनाव लड़वाया था। हालांकि उनका राजनीतिक करियर ज्यादा नहीं रहा था। राजनीति से कहीं ज्यादा वो क्रिकेट के लिए याद किए जाते हैं।

परगट सिंह: भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे परगट सिंह ने खेल को अलविदा कह पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ राजनीति में कदम रखा। हालांकि बाद में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। हॉकी के मैदान पर अपने मजबूत नेतृत्व के लिए जाने पहचाने वाले परगट सिंह के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में भी वही दृढ़ संकल्प दिखाया है।

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