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क्रिकेट में वेतनमान हुआ एक समान

  •  प्रियंका यादव

 

 

देश में बेशक महिला-पुरुष के समान अधिकार की बातें की जाती हैं। लेकिन महिला क्रिकेटर्स के वेतन आदि के मामले में ऐसा नहीं था। पुरुष क्रिकेटरों के वेतन महिला क्रिकेटरों के मुकाबले बहुत अधिक थे। लेकिन अब बीसीसीआई ने इस ओर महत्वपूर्ण पहल की है। उसने अनुबंधित महिला क्रिकेटरों के लिए वेतन इक्विटी नीति की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद अब महिला और पुरुष क्रिकेटरों का वेतनमान एक समान होगा। कहा जा रहा है कि महिला क्रिकेटर्स के लिए अपने पुरुष समकक्षों के समान मैच फीस कमाई से समान अवसरों के एक नए युग की शुरुआत होगी

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाले खेल क्रिकेट में भारतीय खिलाड़ी अपना जोरदार प्रदर्शन दिखा रहे हैं, फिर चाहे वह पुरुष खिलाड़ी हो या महिला। इसी दौरान लैंगिक समानता को देखते हुए बीसीसीआई सचिव जय शाह ने क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि भारत के पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों को अब समान वेतन मिलेगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने यह फैसला लैंगिक समानता की ओर एक कदम बढ़ाते हुए लिया है। सचिव जय शाह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि ‘मुझे भेदभाव से निपटने की दिशा में बीसीसीआई के इस पहले कदम की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि महिला क्रिकेटरों के लिए समान वेतन नीति लागू किया जा रहा है। क्रिकेट में लैंगिक समानता के एक नए युग में प्रवेश करते हुए पुरुष और महिला दोनों खिलाड़यों के लिए वेतन समान होगा। बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को पुरुष क्रिकेटरों के समान ही मैच फीस का भुगतान करेगा।

फिलहाल महिला-पुरुष दोनों को बीसीसीआई अनुबंधित खिलाड़ियों को टेस्ट मैचों के लिए पंद्रह लाख, वनडे मैचों के लिए छह लाख और टी20 मैचों के लिए तीन लाख रुपए की राशि देगा। शाह के मुताबिक वेतन समानता हमारी महिला क्रिकेटरों के लिए मेरी प्रतिबद्धता थी और मैं एपेक्स काउंसिल को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा है। टीम ने बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था। इंग्लैंड को उसकी सरजमीं पर वनडे सीरीज में 3-0 से हराया और फिर रिकॉर्ड, सातवीं बार एशिया कप पर भी कब्जा जमाया।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने बीसीसीआई द्वारा की गई इस घोषणा को एक ऐतिहासिक फैसला कहा है। मिताली राज ने ट्विट कर लिखा है कि ‘अगले साल डब्ल्यूआईपीएल के साथ वेतन इक्विटी नीति, हम भारत में महिला क्रिकेट के लिए एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। मिताली खेल की दुनिया में लैंगिक भेदभाव को पहले ही हाईलाइट कर चुकी हैं। उनसे कुछ साल पहले एक इंटरव्यू के दौरान जब पूछा गया कि उनका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन है? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि आप ऐसे सवाल पुरुषों से क्यों नहीं पूछते कि उनकी पसंदीदा महिला खिलाड़ी कौन है? आपको खेल को बराबर रखना चाहिए।

बीसीसीआई ने क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए भले ही समान फीस की घोषणा कर दी हो, लेकिन अभी भी बीसीसीआई की तरफ से महिला खिलाड़ियों की सालाना अनुबंध राशि स्पष्ट नहीं की गई है। अभी तक दिए जा रहे महिला और पुरुष खिलाड़ियों के अनुबंध राशि में जमीन-आसमान का फर्क है। वर्तमान में पुरुष टीम के खिलाड़ियों को कैटेगरी में रखा गया है उन्हें सालाना सात करोड़, ए कैटेगरी के खिलाड़ियों को सालाना पांच करोड़, बी कैटेगरी के खिलाड़ियों को सालाना तीन करोड़ और सी कैटेगरी के खिलाड़ियों को सालाना एक करोड़ रुपए की राशि दी जाती है। यदि हम महिला खिलाड़ियों की बात करें तो इन खिलाड़ियों को तीन वर्गों में बांटा गया है। जिसमें ए कैटेगिरी की खिलाड़ियों को सालाना पचास लाख, बी कैटेगिरी की खिलाड़ियों को तीस लाख और सी कैटेगिरी की अनुबंधित खिलाड़ियों को दस लाख रुपए दी जाती हैं।

कई लोगों का मानना है कि महिला टूर्नामेंट को कम दर्शक मिलते हैं। इस वजह से इनको वेतन कम दिया जाता है। लेकिन अब महिला खेलों में बढ़ती दिलचस्पी से यह तर्क कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि भारत दूसरा देश है जिसने अपने पुरुष और महिला क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के लिए एक समान वेतन की घोषणा की है। इससे पहले खिलाडियों के समान वेतन के लिए न्यूजीलैंड ने जुलाई में इसकी घोषणा की थी। जिसे चलन में भी लाया गया। 1 अगस्त 2022 से न्यूजीलैंड की पुरुष और महिला टीम को समान वेतन मिल रही है।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम का इतिहास
गौरतलब है कि साल 1973 से भारतीय महिला क्रिकेट खेल की शुरुआत हुई और इसी के साथ ही भारतीय महिला क्रिकेट संघ की स्थापना की गई। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान का नाम शांता रंगास्वामी था। जिन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को एक अलग मुकाम तक पहुंचाने का प्रयास किया। 1976 में पहली बार महिला क्रिकेट टीम का चयन किया गया। इस टीम को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलने के लिए सेलेक्ट किया गया था। उस समय भारतीय क्रिकेट टीम में शांता ऑल राउंडर प्लेयर की भूमिका में थीं। उनकी दमदार बॉलिंग और टीम के तालमेल के कारण भारत ने अपनी पहली टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की थी। शांता रंगास्वामी ने कुल 12 टेस्ट मैच और 16 एक दिवसीय मैच में कप्तानी की, जहां उन्होंने कई बार टीम को शानदार जीत दिलाई। तब से लेकर अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम में काफी बदलाव आया है। अब भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की मजबूत महिला क्रिकेट टीमों में से एक है। आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम में बेहतरीन महिला खिलाड़ी हैं, जिनके नाम पर कई बड़े-बड़े रिकॉर्ड हैं। उम्मीद की जा रही है कि कप्तान हरमनप्रीत कौर, झूलन गोस्वामी, अंजुम चोपड़ा, मिताली राज, शिखा पांडे, एक्ता बिष्ट, स्मृति मंधाना, पूनम राउत, दीप्ति शर्मा और वेद कृष्णमूर्ति जैसे बेस्ट प्लेयर्स टीम को और आगे तक लेकर जाएंगे।

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