हमारे जीवन में गुरूओं का बहुत महत्तव है क्योंकि वही हमें सही मार्गदर्शन देते है। गुरू और शिष्य की प्रणाली भारत में बहुत पहले से है। हमारे सर्वप्रथम गुरू हमारे माता पिता होते है जिनसे हमें संस्कार और प्रारंभिक शिक्षा मिलती है। आज के युग में शिक्षक को बहुत ही मान सम्मान दिया जाता है क्योंकि यह बच्चों के भविष्य निर्माता है। अध्यापन से बढ़ा कोई भी पेशा नही है क्योंकि यह हर पेशे का निर्माता है। शिक्षक वह इंसान है जो हमें एक काबिल और अच्छा इंसान बनने में मदद करता है। शिक्षक का स्थान हमारे जीवन में माता पिता के बाद आता है।हम हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते है क्योंकि इस दिन भारत के पूर्व राषट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्ण का जन्म हुआ था जो कि एक महान शिक्षक और दार्शनिक हुए है। एक बार बच्चों नें उनसे उनका जन्मदिन मनाने की इजाजत मांगी तो उन्होंने मना कर दिया तब उनके कुछ विद्यार्थियों ने उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया।
टीचर्स डे के मौके पर मिलते हैं ऐसे शिष्यों से जिन्होंने अपने-अपने गुरुओं को स्पेशल गिफ्ट दिया। किसी ने कार तो किसी ने फ्लैट ही गिफ्ट कर दिया। इतना ही नहीं, जब गुरु ने वर्ल्ड कप मांगा तो धोनी ने उसे भी जीत लिया।
महानतम क्रिकेटरों में शुमार सचिन तेंडुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर ने उन्हें क्रिकेट के सारे गुरु मंत्र सिखाए । सचिन ने कई बार अपने कोच को याद किया। सचिन का कहना है कि उनके कोच आचरेकर सर ने कभी उन्हें ‘वेल प्लेड’ तक नहीं कहा। जब सचिन को भारत रत्न मिला तो वह इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड को लेकर अपने कोच के पास गए थे।
महेंद्र सिंह धोनी के स्कूल में क्रिकेट कोच रहे केशव बनर्जी बेहद साधारण जीवन जीते हैं। जब धोनी उनसे मिलते हैं तो वह आज भी अपने गुरु के झुककर पैर छूते हैं। केशव ने अपने शिष्य से एक ही चीज मांगी थी- वर्ल्ड कप और धोनी ने उनकी यह ख्वाहिश पूरी भी की। धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को साल 2011 में वनडे फॉर्मेट का वर्ल्ड चैंपियन बनाया था।
टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली अपने बचपन के कोच राजकुमार शर्मा के साथ अकसर नजर आते हैं। विराट ने साल 2014 में अपने कोच को एक चमचमाती स्कोडा कार गिफ्ट की थी। किस तरह विराट के भाई विकास कोहली ने उनका तोहफा कोच तक पहुंचाया था।
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा कफी समय तक सोनेट क्लब से जुड़े रहे। यहां उन्हें जाने-माने क्रिकेट कोच तारक सिन्हा ने तराशने का काम किया। सिन्हा अपना किराए का घर बदलना चाह रहे थे लेकिन उन्हें कोई सही घर मिल नहीं रहा था। ऐसे में उनका शिष्य आशीष नेहरा आगे आया और उन्हें फ्लैट ही गिफ्ट कर दिया। नेहरा के कोच सोनेट क्लब में आने वाले बच्चों से शुरुआत में फीस नहीं लेते थे।
भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने अपने बचपन के कोच जितेंद्र सिंह को एक शानदार कार गिफ्ट की थी। साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटने के बाद हार्दिक अपने कोच की अकैडमी में गए। इसके बाद वह और उनके भाई क्रुणाल उन्हें एक शोरूम ले गए और कार गिफ्ट की।