भारतीय युवा दुनिया भर की खेल प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा रहे हैं। इस बीच 94 वर्षीय भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर यह दिखा दिया है कि सीनियर सिटीजन भी किसी गोल्ड से कम नहीं हैं। इस चैंपियनशिप में भगवानी देवी ने गोल्ड के अलावा दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं।
फिनलैंड के टाम्परे में आयोजित चैंपियनशिप में हरियाणा की भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिट इवेंट में महज 24. 74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। यही नहीं वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं। खेल मंत्रालय ने इनकी इस कामयाबी पर कहा कि भगवानी देवी ने साबित किया है कि कामयाबी की राह में उम्र बाधा नहीं बनती। वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप की शुरुआत वर्ष 1975 में की गई थी। इस चैंपियनशिप में 35 साल से ऊपर आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं। पहला ऐज ग्रुप 35 से ऊपर आयु वर्ग का है। दूसरा 40 से ऊपर, तीसरा 45 से ऊपर, चौथा 50 से ऊपर, पांचवां 55 से ऊपर, छठवां 60 से ऊपर, सातवां 65 से ऊपर, आठवां 70 से ऊपर, नौवां 75 से ऊपर, दसवां 80 साल से ऊपर, ग्यारहवां 85 साल से ऊपर और बारहवां 90 साल से ऊपर का है।
इस चैंपियनशिप में एथलेटिक्स की कई प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इसमें 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 500 मीटर रनिंग, शॉट हर्डल (80, 100, और 110 मीटर), लॉन्ग हर्डल में 200, 300 और 400 मीटर शामिल है। इसके अलावा स्टीपल चेज, 4 गुणा 100 मीटर रिले, 4 गुणा 400 मीटर रिले, 5000 मीटर वॉक रेस, हाई जंप, पोल वॉल्ट, त्रिपल जंप, शॉट पुट, डिस्कस थ्रो, जेवलिन, हैमर थ्रो, हेप्टाथलन, हाफ मैराथन, 10 मीटर रोड वॉक, 20 मीटर रोड वॉक और क्रॉस कंट्री रेस शामिल है।