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पिछले कुछ समय से हरियाणा का मशहूर फोगाट परिवार खेल से लेकर मीडिया, सोशल मीडिया और राजनीति गलियारों तक सुर्खिंयों में है। एक ओर जहां पेरिस ओलंपिक में विनेश को गोल्ड मेडल मुकाबले से पहले जिस तरह बाहर होना पड़ा और निराश होकर किए गए उनके द्वारा कई सोशल मीडिया पोस्ट ट्रेंडिंग में रहे तो वहीं दूसरी तरफ उनकी चचेरी बहनें पहलवान गीता फोगाट और बबीता ने सोशल मीडिया में एक के बाद एक पोस्ट करते हुए न सिर्फ सीट्टो कटाक्ष किया, बल्कि विनेश के सम्मान समारोह से दूर रहने का फैसला भी लिया। इन घटनाओं के बाद अटकलें शुरू हो गईं हैं। कुछ ने इसे विनेश पर अप्रत्यक्ष हमला बताया तो कुछ ने फोगाट परिवार में दरार और गृह क्लेश की मार

हाल ही में सम्पन्न हुआ खेलों का महाकुम्भ पेरिस ओलम्पिक में 50 किलो भार वर्ग के फ्रीस्टाइल दंगल में विनेश फोगाट ने धुआंधार शुरुआत की थी। अपने पहले ही मैच में डिफेंडिंग चैम्पियन को धूल चटाई तो क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में जबरदस्त प्रदर्शन कर फाइनल का सफर तय करने वाली भारत की पहली महिला रेसलर भी बन गई थी। लेकिन गोल्ड मेडल मुकाबले से पहले जिस तरह उन्हें ओलंपिक से बाहर होना पड़ा है वो उनके लिए जीतकर भी मिली हार की तरह थी। जिससे निराश होकर विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अपने संन्यास का ऐलान करने के साथ लिखा कि ‘मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई। माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं आपकी सबकी हमेशा ऋणि रहूंगी माफी।’

विनेश के उस पल में पूरा देश उनके साथ खड़ा था। यहां तक कि हरियाणा के कई पहलवानों ने उन्हें रजत पदक दिलाने के लिए उनके समर्थन में अभियान तक चलाया। लेकिन ऐसे समय में स्टार रेसलर और उनकी बड़ी बहनें उनके साथ नहीं खड़ी थीं, बल्कि वे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी चचेरी बहन विनेश पर निशाना साध रही थीं।

असल में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर फोगाट की चार बेटियों में सबसे बड़ी पहलवान गीता फोगाट ने एक सोशल मीडिया में पोस्ट किया किया कि ‘छल का फल छल, आज नहीं तो कल।’ यही नहीं अपने इरादे स्पष्ट करते हुए, गीता ने अपने पति पवन सरोहा की पोस्ट को फिर से पोस्ट किया। इस बार सीधे कटाक्ष किया कि उसने अपने चाचा श्री महावीर का उल्लेख नहीं किया, एक पहलवान के रूप में अपनी लंबी यात्रा में अपनी मां, पति और सहयोगी कर्मचारियों के योगदान को स्वीकार करते हुए। ‘विनेश, आपने वास्तव में अच्छा लिखा है, लेकिन शायद आज आप अपने चाचा महावीर को भूल गए हैं। उन्होंने एक पहलवान के रूप में आपके करियर की शुरुआत की थी। विनेश को सद्बुद्धि मिले।’ सरोहा की पोस्ट में लिखा था।

इसके बाद दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर जब विनेश का भव्य स्वागत हुआ जिसका कई टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया, तथा खाप पंचायतों द्वारा उनका अभिनंदन किए जाने के साथ ही गीता की छोटी बहन और पहलवान से राजनीतिज्ञ बनीं बबीता ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में टिप्पणी की कि दूसरों को अपमानित करने पर आधारित सफलता वास्तव में असफलता है। इस पोस्ट का निहितार्थ तब स्पष्ट हो गया जब गीता और बबीता, जिनके जीवन पर आमिर खान अभिनीत बॉलीवुड फिल्म ‘दंगल’ आधारित है, दोनों ने विनेश के सम्मान समारोह से दूर रहने का फैसला किया।

हालांकि, उनकी छोटी बहन संगीता के पति बजरंग पुनिया इस आयोजन में सबसे आगे थे। पुनिया ने ओलंपिक से अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश का साथ दिया था और उन्हें रजत पदक दिलाने के लिए अभियान चलाया था। उन्होंने विनेश के साथ मिलकर आईजीआई एयरपोर्ट से बलाली तक काफिले के एक हिस्से के रूप में एक एसयूवी की छत पर यात्रा की, ताकि अपनी एकजुटता व्यक्त की जा सके। विनेश के अयोग्य घोषित होने के बाद पुनिया की पत्नी संगीता फोगाट ने भी एक भावपूर्ण संदेश पोस्ट किया था। हालांकि सम्मान समारोह में विनेश के चाचा महावीर फोगाट भी शामिल हुए और उन्होंने भतीजी को गले लगाया जिसने उनके पैर छुए।

इन घटनाओं ने लोगों को अटकलें लगाने पर मजबूर कर दिया। कुछ ने इसे विनेश पर एक अप्रत्यक्ष हमले के रूप में देखा तो कुछ ने इसे फोगाट परिवार में दरार का संकेत तो किसी ने इसे गृह क्लेश। यहां तक कि हरियाणा के चुनावी माहौल में दादरी सीट पर बबीता और विनेश के बीच संभावित चुनावी मुकाबले की चर्चा तेज है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के साथ विनेश की बढ़ती नजदीकियां जिसकी पुष्टि उनकी वापसी पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का उनके घर जाना, विनेश के सम्मान समारोह में सांसद दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी और विनेश का शंभू बार्डर पर ट्टारनारत किसानों से मिलना इसी ओर इशारा करता है कि कहीं न कहीं आग तो लगी है बिना आग के ट्टाुंआ नहीं हो सकता।

चर्चा तो यहां तक है कि फोगाट परिवार में मतभेद तब से शुरू हो गए थे जब विनेश ने 2023 में तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। विपक्ष के समर्थन से जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन और महिला पहलवानों पर पुलिस कार्रवाई, जिसकी तस्वीरें वायरल हुईं, ने सत्तारूढ़ भाजपा को बहुत शर्मिंदा किया। तब बजरंग पुनिया और संगीता प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ मजबूती से खड़े रहे, लेकिन बबीता जिन्होंने 2019 में भाजपा के टिकट पर दादरी विधानसभा चुनाव लड़ा था ने दूरी बनाए रखने का फैसला लिया और आरोप लगाया कि आंदोलन राजनीति से प्रेरित है और हरियाणा कांग्रेस नेताओं के इशारे पर किया गया है।

2019 में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) छोड़कर बबीता के साथ भाजपा में शामिल होने वाले महावीर भी पहलवानों के समर्थन में बहुत मुखर नहीं थे। हालांकि गीता और उनके पति ने आंदोलन का समर्थन किया था। विनेश, पुनिया और साक्षी मलिक सहित प्रदर्शनकारी पहलवानों पर लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के इशारे पर राजनीतिक लाभ के लिए आंदोलन की योजना बनाने का आरोप लगाया गया। फोगाट बहनें, जिन्होंने एक ही कोच के मार्गदर्शन में और एक ही गांव से एक साथ कुश्ती की यात्रा शुरू की थी, राजनीतिक रूप से विभाजित हो गईं। कांग्रेस के साथ विनेश की बढ़ती नजदीकियां, जिसकी पुष्टि उनकी वापसी पर आईजीआई एयरपोर्ट पर रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी से हुई ने फोगट बहनों के बीच मतभेदों को और गहरा कर दिया है। महावीर और उनकी बेटियों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने के बाद उन्हें उनका वाजिब हक न देने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। महावीर ने विनेश को राज्यसभा सीट देने के भूपेंद्र के सुझाव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया।

व्यक्तिगत बनाम राजनीति ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के अनुसार गांव वाले इस पर टिप्पणी करने से कतराते हैं कि यह फोगाट परिवार का निजी मामला है, लेकिन कई लोग फोगाट बहनों के बीच मतभेदों को पेशेवर प्रतिद्वंद्विता के चश्मे से देखते हैं, जिसमें विनेश अपने चचेरी बहनों की तुलना में पहलवान के रूप में अधिक लोकप्रिय और सफल हैं। ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि विनेश ने महावीर के नेतृत्व में अपनी कुश्ती की यात्रा शुरू की। उसे अपने पोस्ट में यह स्वीकार करना चाहिए था। लेकिन गीता और बबीता को सोशल मीडिया पर इसके बारे में बात करने से बचना चाहिए था। उसके सम्मान में भाग लेना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं ने फोगाट बहनों के बीच दरार पैदा कर दी है, जो महिला कुश्ती की मशाल वाहक हैं।

बबीता और विनेश के बीच नहीं होगा चुनावी दंगल
चुनावी राज्य हरियाणा में राजनीतिक रूप से गरम माहौल में दादरी विधानसभा सीट पर बबीता और विनेश के बीच संभावित राजनीतिक
मुकाबले के कयास तेज हो गए थे। हालांकि पिछली बार चुनाव लड़ चुकीं बबीता फिर से पार्टी टिकट की दौड़ में हैं, लेकिन विनेश दादरी सीट से नहीं जुलाना से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी कहा जा रहा है कि अगर हरियाणा में होने वाले राजनीतिक मुकाबले में फोगाट बहनें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी होती, तो नतीजे चाहे जो भी हों, दोनों बहनों के बीच प्रतिद्वंद्विता और बढ़ने की संभावना थी। माना जा रहा है कि परिवार में दरार पड़ने की वजह विनेश को मिली बड़ी सफलताएं या हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं।

गौरतलब है कि भारतीय रेसलर विनेश फोगाट का वजन तय मानकों से महज 100 ग्राम अधिक हो जाने के कारण उन्हें फाइनल मैच खेलने से अयोग्य करार दे दिया गया था। यह जानकर सभी हैरान थे कि ओलंपिक खेलों के लिए बेहद कड़ी ट्रेनिंग से गुजरने वाली विनेश और उनकी टीम से यह गड़बड़ी कैसे हो गई? विनेश का वजन अब तक बिल्कुल सही रेंज में चल रहा था, फिर यह अचानक बढ़ कैसे गया? क्या फोगाट और उनकी टीम को इसकी जानकारी हो गई थी। क्या इसे ठीक करने की कोशिश की गई थी या फिर यह कोई साजिश है? ऐसे कई सवाल मीडिया और सोशल मीडिया में तैर रहे थे तो वहीं इसके बाद से विनेश की राजनीति में एंट्री को लेकर अटकलें तेज हो गई थी, यहां तक कि हरियाणा के चुनावी माहौल में अब दादरी विधानसभा सीट पर बबीता और विनेश के बीच संभावित चुनावी मुकाबले की अटकलें जोरों पर थी। लेकिन अब खबर है कि विनेश उस सीट से चुनाव नहीं लड़ रही हैं जहां से बबीता भाजपा की संभावित उम्मीदवार है।

 

 

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