आईपीएल 2025 की नीलामी अगले महीने नवंबर के तीसरे या चौथे हफ्ते में होने की संभावना है लेकिन उससे ठीक पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कई नियमों में बदलाव किया है। इन नए नियमों के तहत एक ओर जहां भारी भरकम लगने वाली बोलियों पर लगाम लगेगी तो वहीं दूसरी तरफ पिछले सीजन सबसे महंगे बिके खिलाड़ियों की नींद उड़ गई है
इंडियन प्रीमियर लीग के अठारहवें संस्करण की नीलामी अगले महीने नवंबर के तीसरे या चौथे हफ्ते में होने की संभावना है। लेकिन उससे पहले इसके कई नियमों में बदलाव किया गया है जिनसे विदेशी खिलाड़ियों को नुकसान तो अनकैप्ड खिलाड़ियों को फायदा पहुंचता नजर आ रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं राइट टू मैच कार्ड में क्या बदलाव हुआ? खिलाड़ियों को रिटेन करने पर कितना खर्च होगा? विदेशी के लिए नए नियम क्या हैं? बाहरी खिलाड़ियों को नुकसान कैसे हुआ? अनकैप्ड के लिए क्या नियम हैं? सबसे पहले समझते है आईपीएल का रिटेंशन रूल क्या है?
रिटेंशन रूल के तहत आईपीएल नीलामी से पहले अब फ्रेंचाइजी टीमें 6 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती हैं। जिनमें ज्यादा से ज्यादा 5 अंतरराष्ट्रीय और 2 अनकैप्ड खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं। इंटरनेशनल खिलाड़ी किसी भी देश का हो सकता है, लेकिन अनकैप्ड खिलाड़ी भारत का ही होना चाहिए। मान लीजिए दिल्ली कैपिटल ने 5 इंटरनेशनल खिलाड़ी रिटेन किए तो टीम अब किसी अनकैप्ड खिलाड़ी को ही छठे खिलाड़ी के रूप में रिटेन कर सकेगी। वहीं टीम ने अगर 4 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रिटेन किए तो उनके पास 2 अनकैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन करने का विकल्प रहेगा। वहीं नीलामी में राइट टु मैच की भी वापसी हुई है। टीमें चाहें तो 6 खिलाड़ी नीलामी से पहले रिटेन कर लें या फिर राइट टु मैच कार्ड का इस्तेमाल कर लें। टीमों ने अगर 3 खिलाड़ी रिटेन किए तो उनके पास ऑक्शन में 3 राइट टु मैच कार्ड ही बचेंगे। इसी तरह अगर 4 प्लेयर रिटेन किए तो ऑक्शन में 2 राइट टु मैच कार्ड बचेंगे।
राइट टु मैच कार्ड टीमों को नीलामी में मिलता है। मान लीजिए चेन्नई सुपर किंग्स ने 5 प्लेयर रिटेन किए और उनके पास एक राइट टु मैच कार्ड बचा है। टीम किसी खिलाड़ी को रिटेन नहीं कर सकी। अब अगर ऑक्शन में हैदराबाद ने उस खिलाड़ी को 6 करोड़ रुपए देकर खरीदा तो चेन्नई अपने राइट टु मैच कार्ड का इस्तेमाल कर उसे अपनी टीम में ही रख सकती है।
राइट टु मैच में इस बार एक नया नियम जोड़ा गया है। इस नियम के तहत बोली लगाने वाली टीमों के पास खिलाड़ी की कीमत बढ़ाने का मौका रहेगा। जैसे हैदराबाद ने किसी खिलाड़ी की 8 करोड़ की बोली लगाई और दिल्ली ने राइट टु मैच कार्ड यूज किया तो हैदराबाद उस कीमत को बढ़ा कर 9 या 10 करोड़ रुपए तक भी कर सकती है। अगर दिल्ली ने राइट टु मैच कार्ड यूज किया तो उन्हें बढ़ी हुई कीमत में उस खिलाड़ी को खरीदना होगा।
तीसरा बदलाव आईपीएल फ्रेंचाइजियों की पर्स लिमिट भी अब बढ़ाकर 120 करोड़ रुपए कर दी गई है जो पहले 100 करोड़ थी। पहले खिलाड़ी को रिटेन करने पर 18 करोड़, दूसरे खिलाड़ी पर 14 करोड़ और तीसरे खिलाड़ी पर 11 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगर 3 ही खिलाड़ी रिटेन किए तो पर्स से 43 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
टीमें अगर चौथे खिलाड़ी को रिटेन करती हैं तो उन्हें उसे 18 करोड़ रुपए ही देने होंगे। वहीं पांचवें प्लेयर के लिए 14 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे। अनकैप्ड प्लेयर को रिटेन करने के लिए 4-4 करोड़ रुपए ही लगेंगे। प्लेयर रिटेंशन बताने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर तक है। टीमों ने अगर 5 इंटरनेशनल और एक अनकैप्ड खिलाड़ी रिटेन किया तो उनके पर्स से 79 करोड़ रुपए खर्च हो जाएंगे। वहीं टीमों ने 4 इंटरनेशनल और 2 अनकैप्ड प्लेयर रिटेन किए तो पर्स से 69 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं 5 इंटरनेशनल प्लेयर ही रिटेन किए तो पर्स से 75 करोड़ रुपए खर्च हो जाएंगे।
विदेशी खिलाड़ियों के लिए सख्त हुए नियम
चौथे नियम के अनुसार विदेशी खिलाड़ियों को अब आईपीएल में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना ही होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर उन्हें अगले मिनी ऑक्शन में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा। कोई विदेशी प्लेयर अगर ऑक्शन में बिकने के बाद टूर्नामेंट से हट जाता है तो उन्हें अगले 2 सीजन के लिए प्रतिबंध कर दिया जाएगा। हालांकि खिलाड़ी अगर चोटिल है तो उन्हें बैन नहीं किया जाएगा लेकिन इसके लिए उन्हें अपने क्रिकेट बोर्ड की परमिशन लेनी होगी। यही नहीं आईपीएल में पहली बार विदेशी खिलाड़ियों को मिलने वाली रकम भी 18 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं मिलेगी। या फिर मेगा ऑक्शन में अगर सबसे महंगा भारतीय खिलाड़ी 16 करोड़ रुपए में बिका तो विदेशी प्लेयर्स को मिनी ऑक्शन में 16 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं मिलेंगे।
मान लीजिए, मुंबई इंडियंस ने सूर्यकुमार यादव को रिटेंशन की सबसे बड़ी कीमत 18 करोड़ रुपए में रिटेन किया। अब अगर मेगा ऑक्शन में रिंकू सिंह सबसे महंगे रहे, लेकिन उनकी कीमत 15 करोड़ रुपए ही रही तो अगले मिनी ऑक्शन में विदेशी प्लेयर को 15 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं मिलेंगे। हालांकि टीमें विदेशी प्लेयर्स को 20, 25 या 30 करोड़ रुपए की बोली लगाकर भी खरीद सकती हैं। उनके पर्स से उतना ही अमाउंट कटेगा जितने की उन्होंने बोली लगाई, लेकिन खिलाड़ी को 15 या 18 करोड़ रुपए ही मिलेंगे। बाकी रकम बीसीसीआई के पास जाएगी जो बोर्ड अपने खिलाड़ियों पर खर्च करेगा।
क्या कहता है अनकैप्ड प्लेयर नियम
आईपीएल में अनकैप्ड प्लेयर रूल की भी वापसी हुई। यह नियम 2008 से 2021 तक रहा लेकिन किसी ने भी इसका इस्तेमाल नहीं किया। अब इसकी वापसी हो रही है। इसके तहत जिस भी भारतीय खिलाड़ी ने 5 साल पहले आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला होगा टीमें उसे अनकैप्ड प्लेयर के रूप में रिटेन कर सकेंगी।
जैसे, चेन्नई सुपर किंग्स को 5 आईपीएल खिताब जिताने वाले पूर्व कप्तान एमएस धोनी। उन्होंने भारत के लिए आखिरी मैच 2019 में खेला था जिसे 5 साल बीत चुके हैं। इसलिए चेन्नई उन्हें 4 करोड़ रुपए में ही अनकैप्ड प्लेयर के रूप में रिटेन कर सकती है।
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आईपीएल की नई रिटेंशन पॉलिसी लागू कर दी है। इसके तहत सभी विदेशी खिलाड़ियों को नीलामी में रजिस्ट्रेशन कराना ही होगा। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो उन्हें बाद में होने वाले मिनी ऑक्शन में एंट्री नहीं मिलेगी। वहीं किसी खिलाड़ी ने अगर ऑक्शन में बिकने के बाद टूर्नामेंट से नाम वापस लिया तो उन्हें अगले 2 सीजन के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। साथ ही विदेशी खिलाड़ी अब एक सीजन में 18 करोड़ रुपए से ज्यादा की फीस भी नहीं पाएंगे। पिछले मिनी ऑक्शन में ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क 24.75 करोड़ और पैट कमिंस 20.50 करोड़ रुपए में बिके थे।