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मुमकिन नहीं विश्व कप का बायकॉट

एशिया कप को लेकर भारत का पाकिस्तान की यात्रा न करने के फैसले के बाद ‘पीसीबी’ और उनकी सरकार की ओर से लगातार धमकी दी जा रही है कि वह विश्व कप 2023 में भारत की यात्रा नहीं करेंगे। पहले रमीज राजा, फिर नज़म सेठी और अब खेल मंत्री ने भारत न आने की धमकी दी है। मगर कई ऐसे कारण हैं जिनके चलते पाकिस्तान के लिए इस बार भारत की मेजबानी में होने वाला वनडे विश्व कप का बायकॉट करना मुमकिन नहीं होगा

इसी साल अक्टूबर-नवंबर में एक दिवसीय आईसीसी क्रिकेट विश्व कप भारत में खेला जाना है। इसकी तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से एशिया कप और विश्व कप के प्रोग्राम को लेकर पाकिस्तान की पैतरेबाजी जारी है। पहले एशियन क्रिकेट काउंसिल और फिर आईसीसी दोनों के खिलाफ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मुंह की खानी पड़ी। पाकिस्तान के विरोध के बावजूद एशिया कप न्यूट्रल वेन्यू पर आयोजित किया जाएगा। सिर्फ पाकिस्तान की टीम अपने चार मैच अपने देश में खेलेगी। बाकी के मुकाबले श्रीलंका में खेले जाएंगे। वहीं एशिया कप में भारत के पाकिस्तान की यात्रा न करने के फैसले के बाद अब पीसीबी और उनकी सरकार की ओर से लगातार धमकी दी जा रही है कि वह विश्व कप में भारत की यात्रा नहीं करने की धमकी दे रहे हैं। पहले रमीज राजा, फिर नजम सेठी और अब पाकिस्तान के खेल मंत्री ने भारत न आने की धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर बीसीसीआई एशिया कप को न्यूट्रल वेन्यू पर कराने की मांग करता रहेगा तो हम भी वनडे विश्व कप के लिए भारत की यात्रा नहीं करेंगे। मगर तमाम फैक्टर्स इस ओर इशारा कर रहे हैं कि पाकिस्तान के लिए वनडे विश्व कप का बायकॉट करना मुमकिन नहीं होगा।

दरअसल भारत, इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर अन्य देश के क्रिकेट बोर्ड आईसीसी से मिलने वाले फंड पर ही निर्भर हैं। आईसीसी की अधिकांश कमाई विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंटों से होती है। यही फंड वह सभी क्रिकेट बोर्डों को बांटती है। पाकिस्तान क्रिकेट भी इसी फंड पर निर्भर है। आईसीसी पाकिस्तान को भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बाद सबसे ज्यादा पैसा देती है, जो काउंसिल की कुल कमाई का 5 प्रतिशत है जो पाकिस्तान बोर्ड की कुल कमाई का 50 फीसदी है। ऐसे में खेल विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान विश्व कप बायकॉट की धमकी तो दे सकता है, लेकिन हकीकत में ऐसा कर नहीं सकता है।

बायकॉट का पाकिस्तान पर असर

यदि पाकिस्तान भारत में होने जा रहे विश्व कप से बायकॉट करता है, तो पीसीबी को चार बड़े नुकसान झेलने होंगे। पहला और सबसे महत्वपूर्ण विश्व कप बायकॉट करने की स्थिति में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल से मिलने वाला फंड रुक सकता है। आईसीसी डिस्ट्रीब्यूशन प्लान के अनुसार अगले 4 साल में पाकिस्तान बोर्ड को 283 करोड़ रुपए मिलने हैं। इतनी बड़ी रकम अटकने से पाक बोर्ड की हर एक्टिविटी थम जाएगी। दूसरा पाकिस्तान क्रिकेट जगत से अलग-थलग हो जाएगा, क्योंकि विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे इवेंट ही पाकिस्तान को दुनिया की क्रिकेट कम्युनिटी से जोड़ते हैं। 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद से प्रमुख क्रिकेट टीम पाकिस्तान में खेलने से कतराने लगी थीं। पिछले साल से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और इंग्लैंड जैसे देशों ने पाकिस्तान में खेलना शुरू किया है, लेकिन अब पाकिस्तान में अन्य देशों की तुलना में क्रिकेट कम खेली जाती है। तीसरा विश्व कप नहीं खेलने की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर बैन भी लगा सकता है। पाक पर यह बैन अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत लग सकता है, क्योंकि सभी टीमों की आईसीसी टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना अनिवार्य है।

चौथा विश्व कप छोड़ने की स्थिति में पाकिस्तान में 2025 में आयोजित होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी खटाई में पड़ जाएगी, क्योंकि उस स्थिति में भारत भी चौंपियंस ट्रॉफी खेलने पाकिस्तान नहीं जाएगा। भारत के बिना किसी भी अंतरराष्ट्रीय इवेंट का सफल आयोजन संभव नहीं है क्योंकि आईसीसी इवेंट्स की 80 प्रतिशत कमाई भारतीय दर्शकों से होती है। इस स्थिति में पाकिस्तान से चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी छिन सकती है। वह भी तब जब पाकिस्तान को 29 साल बाद किसी आईसीसी इवेंट की मेजबानी मिली है।

इतनी पैतरेबाजी क्यों कर रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान जब किसी भी सूरत में विश्व कप के बायकॉट की स्थिति में नहीं है तो फिर वह बार-बार इसकी धमकी क्यों दे रहा है? क्रिकेट एक्सपर्ट का कहना है कि इसके पीछे कई कारण प्रमुख हैं। ¹ भारत के कारण पाक बोर्ड को एशिया कप के अधिकांश मुकाबले श्रीलंका में कराने पड़ रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान बोर्ड भारत से बदला लेना चाहता है या कम से कम ऐसा करते हुए दिखना चाहता है। ¹ पाकिस्तान विश्व कप में अपनी टीम के कुछ मैचों के वेन्यू बदलवाना चाहता है। पाकिस्तान की टीम अफगानिस्तान के खिलाफ चेन्नई में नहीं खेलना चाहती है। स्पिनर्स की मददगार पिच पर उसे अफगानिस्तान का खौफ सता रहा है। ¹ पाकिस्तान सरकार और वहां का बोर्ड अपने देश के क्रिकेट प्रेमियों को खुश करना चाहता है। पाकिस्तानी फैंस यह जानकर खुश होते हैं कि पाक बोर्ड भी भारत का विरोध कर रहा है।

¹ इस साल के आखिर में पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं। ऐसे में पाकिस्तानी सरकार भारत का विरोध करके अपना वोट बैंक बनाना चाहती है।

क्या है आईसीसी का प्लान ‘बी’
यदि पाकिस्तान भारत विश्व कप का बायकॉट कर देता है, तो आईसीसी क्या करेगी? इसके लिए प्लान बी तैयार हो चुका है। पाकिस्तान के न आने पर जिम्बाब्वे में हुए क्वालिफायर टूर्नामेंट में तीसरे नंबर पर रही टीम को विश्व कप में एंट्री मिल जाएगी। अभी इस टूर्नामेंट की सिर्फ टॉप-2 टीमों, श्रीलंका और नीदरलैंड को विश्व कप का टिकट मिला है। भारत सहित 8 टीमें पहले से क्वालिफाइड हैं। अगर पाकिस्तान नहीं आया तो क्वालिफायर टूर्नामेंट में तीसरे नंबर पर रहे स्कॉटलैंड को विश्व कप में जगह मिल जाएगी।

आईसीसी की पीसीबी को चेतावनी
आईसीसी ने हाल ही में भारत में वनडे विश्व कप में भाग लेने पर पीसीबी के एग्रीमेंट के बारे में पाकिस्तान को एक ‘रिमाइंडर’ भेजा था। दरअसल, पाकिस्तान ने विश्व कप शेड्यूल जारी होने के बाद अफगानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वेन्यू बदलने की भी मांग की थी। हालांकि आईसीसी ने इसे ठुकरा दिया था। इसके बाद पीसीबी की ओर से भारत न आने की धमकी दी गई थी। इस पर आईसीसी ने कहा था-पाकिस्तान ने विश्व कप में हिस्सा लेने के लिए एग्रीमेंट साइन किया है। उम्मीद कर रहे हैं वह एग्रीमेंट से पलटेंगे नहीं और भारत आएंगे।

 

Zaka Ashraf

आईसीसी : उम्मीद है कि पाकिस्तान टीम भारत आएगी
आईसीसी ने कहा था- विश्व कप में भाग ले रही सभी टीमें अपने देश के नियम और कानूनों से बंधी हैं और हम इसका सम्मान भी करते हैं। हालांकि, हमें पूरा भरोसा है कि पाकिस्तान विश्व कप खेलने भारत जरूर आएगा। वनडे विश्व कप की शुरुआत पांच अक्टूबर से अहमदाबाद में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच मैच से होने जा रही है। भारत अपने अभियान की शुरुआत आठ अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से करेगा। वहीं पाकिस्तान को नीदरलैंड और श्रीलंका के खिलाफ पहले दो मैच खेलने हैं।

वनडे विश्व कप में पाकिस्तान के मुकाबले

टीम                                कब                        जगह

नीदरलैंड                6 अक्टूबर        हैदराबाद
श्रीलंका                 12 अक्टूबर        हैदराबाद
भारत                    15 अक्टूबर         अहमदाबाद
ऑस्ट्रेलिया           20 अक्टूबर        बेंगलुरु
अफगानिस्तान     23 अक्टूबर        चेन्नई
साउथ अफ्रीका        27 अक्टूबर      चेन्नई
बाग्लादेश             31 अक्टूबर         कोलकाता
न्यूजीलैंड             4 नवंबर             बेंगलुरु
इंग्लैंड                 12 नवंबर             कोलकाता
वार्षिक राजस्व के लिए 600 मिलियन डॉलर बांटेगा आईसीसी

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की सालाना बोर्ड बैठक के दौरान इस खेल निकाय के वार्षिक राजस्व में से भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को 231 मिलियन डॉलर के हिस्से को मंजूरी मिलना लगभग तय है। डरबन में इस बैठक के दौरान वनडे के भविष्य खास कर द्विपक्षीय सीरीज और किसी खिलाड़ी के द्वारा टी-20 लीग में भागीदारी की सीमा पर भी चर्चा हुई। इस दौरान सदस्यों को अगले साल वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले आईसीसी टी-20 विश्व कप की तैयारियों के बारे में अपडेट मिलने की भी उम्मीद है। इस बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा राजस्व कर वितरण है। भारत को 2024-2027 के बीच की अवधि के लिए आईसीसी के 600 मिलियन डॉलर (लगभग 49.5 अरब रुपये के वार्षिक राजस्व से 38.5 प्रतिशत यानी 230 मिलियन डॉलर वार्षिक का बड़ा हिस्सा मिलने का प्रस्ताव है। पड़ोसी देश पाकिस्तान को इस पर कुछ आपत्ति है लेकिन यह समझा जाता है कि इसे बिना किसी परेशानी के बोर्ड की मंजूरी मिल जाएगी।

आईसीसी की वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों (एफ एंड सीए) समिति इसकी मंजूरी देगी और इसके बाद निदेशक मंडल की बैठक में यह महज औपचारिकता भर होगा। आईसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि ‘अगर प्रतिशत को आधार बना कर देखें तो राजस्व वितरण अनुचित लग सकता है, जिसमें भारत को 38.5 प्रतिशत और इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड को 6.89 प्रतिशत और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 6.25 प्रतिशत मिलेगा। इस राजस्व को प्रतिशत की जगह मात्रा के नजरिये से देखना चाहिए। सदस्य देशों को पिछले आठ वर्षों में जो रकम मिली है यह उसकी तुलना में काफी अधिक है। इंग्लैंड का हिस्सा 41 मिलियन डॉलर (लगभग 3.3 अरब रुपये) है जबकि पिछले चक्र में उसे 16 मिलियन डॉलर (लगभग 1.32 अरब रुपए) मिले थे। इसी तरह एसोसिएट देशों को 22 मिलियन डॉलर की जगह 67 मिलियन डॉलर मिलेंगे। इस प्रतिशत की गणना क्रिकेट रैंकिंग, आईसीसी टूर्नामेंटों में प्रदर्शन और खेल में व्यावसायिक योगदान पर आधारित है।

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