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आईपीएल ने बदला क्रिकेट का रंग रूप

वर्ष 2008 में शुरू हुई इंडियन प्रीमियर लीग से क्रिकेट में आक्रामक बदलाव आया है। पिछले 4 वर्षों में 925 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच करा दिए, जबकि 2005 से 2018 तक 636 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच ही हुए थे। वहीं आईपीएल के आने के बाद वनडे क्रिकेट में बड़े स्कोर चेज होने लगे हैं तो टेस्ट क्रिकेट में मैच ड्रॉ के बजाए नतीजों में तब्दील होने लगे हैं

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है फिर भी भारत में हॉकी से ज्यादा क्रिकेट के दीवाने हैं। दरअसल क्रिकेट के खेल प्रेमी मानते हैं कि क्रिकेट भारतीय खेलों का एक तरह से अंबानी-अडानी हैं, दूसरे खेल गरीब हैं तो क्रिकेट को कोस देना भी एक तरीके से ठीक नहीं है। जबकि क्रिकेट के लिए सरकार प्रत्यक्ष तौर पर कुछ देती भी नही। करोड़ों के विज्ञापन का टैक्स, टीवी प्रसारण की कमाई का टैक्स, खिलाड़ियों की कमाई का टैक्स यह सब कोई और खेल से नहीं मिलता। यही कारण है कि हमारे देश में क्रिकेट एक ऐसा खेल बन गया है जिसे देश के लोग सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। क्रिकेट को और ज्यादा पसंद तब से करने लगे जब वर्ष 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत हुई। यही नहीं आईपीएल के आने से क्रिकेट में आक्रामक बदलाव भी आया है। आईपीएल के 15 साल में टी-20, वनडे से लेकर टेस्ट क्रिकेट तेजी से बदला है वहीं आईपीएल के आने के बाद वनडे क्रिकेट में बड़े स्कोर चेज होने लगे हैं तो टेस्ट क्रिकेट में मैच ड्रा के बजाए नतीजों में तब्दील होने लगे हैं।

दरअसल आईसीसी ने पिछले 4 सालों में 925 अंतरराष्ट्रीय टी -20 मैच करा दिए, जबकि 2005 से 2018 तक 636 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच ही हुए थे। पहला टी -20 मैच 2005 में खेला गया था। आईपीएल के आने के बाद वनडे क्रिकेट में बड़े स्कोर चेज होने लगे हैं। अब तक 400 से ज्यादा का स्कोर 15 बार हासिल हुआ है। जबकि इससे पहले वनडे के 37 साल के इतिहास में यह स्कोर सिर्फ 5 बार ही बना था। वनडे की मौजूदा रफ्तार से 35 सालों में 400 से ज्यादा का स्कोर 37 से 38 बार बन सकता है। इस आंकड़े को पैमाना मानें तो कहा जा सकता है कि आईपीएल ने वनडे की रफ्तार करीब 7-8 गुना बढ़ा दी है। वहीं टेस्ट मैचों में भी अब ड्रॉ की जगह रिजल्ट पर होने लगा है। इससे दर्शक भी मैदान में पहुंचकर टेस्ट क्रिकेट देखने लगे हैं।

वनडे में 2007 से पहले 5 बार बने हैं 400 से ज्यादा रन वर्ष 1971 से 2007 तक महज 5 बार 400 से ज्यादा का स्कोर बना है। जबकि 26 बार 350 से ज्यादा रन बनें। 42 बार लक्ष्य का पीछा करते हुए 300 से ज्यादा रन बनें। 23 बार 300 से ज्यादा रनों का लक्ष्य हासिल हुआ है। जबकि 2008 के बाद 15 बार 400 से ज्यादा रन बनें। 91 बार 350 से ज्यादा रन बने हैं और 123 बार लक्ष्य का पीछा करते हुए 300 से ज्यादा रन बने हैं और 76 बार 300 से ज्यादा का टारगेट हासिल हुआ है ।

आईपीएल के चलते नहीं मिल पा रहे स्पेशलिस्ट बल्लेबाज

वर्ष 2008 के बाद टेस्ट टीम में 45 खिलाड़ियों ने डेब्यू किया है। इनमें भी गिने-चुने खिलाड़ी ही अपनी जगह पक्की करने में सफल रहे। क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि पूर्व भारतीय टीम के कप्तान कोहली ने जब टेस्ट कप्तानी छोड़ी तब टीम के पास कप्तान के रूप में परमानेंट विकल्प मौजूद नहीं था। रोहित को कप्तान बनाया गया, जो कुछ साल पहले तक टेस्ट टीम में जगह पक्की करने तक के लिए जूझ रहे थे।

विस्फोटक हो रहा पेस अटैक
भारत को 140 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले 5 से ज्यादा विकल्प कई तेज गेंदबाज आईपीएल के जरिए ही जगह बनाने में कामयाब रहे हैं । 140 से ज्यादा की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले 5 से ज्यादा विकल्प टेस्ट टीम के पास मौजूद हैं। इनमें बुमराह, सिराज, नटराजन जैसे गेंदबाज आईपीएल से ही टीम में जगह बना सके हैं। टेस्ट टीम में शमी, इशांत, उमेश यादव जैसे पेसर भी हैं। वहीं अब उमरान, अर्शदीप, आवेश खान, हर्षल पटेल और नवदीप सैनी जैसे तेज गेंदबाज लगातार अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

टी-20 में अब तक 155 बार 200 से ज्यादा का बना स्कोर
वर्ष 2005 से 2007 तक टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में10 बार 200 से ज्यादा रन बने थे। इनमें, एक ही बार 200 से ज्यादा का टारगेट हासिल हुआ था। वहीं, 2008 से अब तक 155 बार 200 से ज्यादा का स्कोर बन चुका है और 23 बार टीमों ने 200 से ज्यादा के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल भी किया है।

टी-20 क्रिकेट पर बढ़ा आईसीसी का फोकस
दुनियाभर में पूरे साल टी-20 क्रिकेट की लीग होती रहती हैं। आईसीसी ने भी हर साल होने वाले टी-20 मैचों को बढ़ावा दिया है। 2019 से अब तक 925 टी-20 मैच खेले जा चुके हैं। जबकि, 2005 से 2018 तक 636 मैच ही हुए थे।

आईपीएल से बढ़ी संन्यास लेने की उम्र
आईपीएल आने के बाद भारतीय टीम में संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों की औसत उम्र 36 साल हो गई। 35 साल के 21 खिलाड़ी और 35 से कम उम्र के 11 खिलाड़ियों ने 2008 के बाद संन्यास लिया है। 2008 के पहले संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों की औसत उम्र 33 साल सामने आई थी। एक्सपर्ट्स के अनुसार आईपीएल में खिलाड़ियों को 14 मैच खेलने होते हैं। टीमें फिटनेस पर काम करती हैं। लीग में इंटरनेशनल से संन्यास ले चुके खिलाड़ियों पर कम ही ध्यान दिया जाता है। ऐसे में अब भारतीय खिलाड़ियों के संन्यास लेने की उम्र बढ़ गई है।

 

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