हर साल भारत में खेले जाने वाला क्रिकेट का महाकुम्भ इंडियन प्रीमीयर लीग (आईपीएल) दुनिया की सबसे महंगी लीग है। जो इस बार कोरोना संक्रमण के चलते देरी से आयोजित किया जा रहा है।कोरोना के कारण इंडियन प्रीमीयर लीग (आईपीएल)2020 को इस बार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई ) में आयोजित करने का फैसला लिया है।
इस वर्ष कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण आईपीएल भारत में नहीं बल्कि यूएई में 19 सितंबर से शुरू होगा । इस बीच आईपीएल संचालन परिषद की टेलीकांफ्रेंस के जरिये बैठक होगी, जिसके बाद 2 अगस्त और तीन अगस्त को आईपीएल के प्रमुख हितधारकों, फ्रैंचाइजी मालिकों, प्रसारकों और मुख्य प्रायोजकों के साथ बैठक होगी। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य आईपीएल के आयोजन को लेकर अंतिम सहमति बनानी है।
बीसीसीआई की योजना के तहत इस बार आईपीएल की सभी टीमों को कोरोना वायरस के मद्देनजर जैव सुरक्षित वातावरण में रहना होगा। प्रत्येक फ्रैंचाइजी को अपना जैव सुरक्षित वातावरण बनाना होगा जिसमें टीम के सदस्य सीमित लोगों के साथ ही बातचीत कर सकेंगे। इसी तरह का जैव सुरक्षित वातावरण बोर्ड, आईएमजी, ब्रॉडकास्टर्स और अन्य के लिए भी बनाया जाएगा। किसी को भी जैव सुरक्षित वातावरण के बाहर के लोगों के साथ बातचीत करने की अनुमति नहीं होगी।
बीसीसीआई की योजना के अनुसार सेंट्रल रेवेन्यू पूल के विवरण में कोई बदलाव नहीं होगा। आईपीएल 2020 खेले जाने वाले सभी 60 मैचों को 51 दिनों के भीतर खेला जाना है। इस बार आईपीएल में गेट मनी पर ध्यान नहीं दिया जाएगा। अगर इस बार आईपीएल नहीं होता तो सभी फ्रैंचाइजी को कोई आय नहीं होती। संभावनाएं यह भी हैं कि इस बार आईपीएल का आयोजन बिना दर्शकों का हो।सभी फ्रैंचाइजीज को यूएई में अपनी यात्रा का प्रबंध खुद ही करना होगा। बीसीसीआई यूएई के होटलों से डिस्काउंट रेट को लेकर बात करेगा और फ्रैंचाइजी को इसकी जानकारी देगा। यह फ्रैंचाइजी पर निर्भर करेगा कि वह बीसीसीआई की तरफ से दिए गए विकल्पों को चुने या अपना प्रबंध खुद करे। इसके अलावा फ्रैंचाइजी को अपने खिलाड़ियों को यूएई ले जाने और वहां से वापस लाने का प्रबंध भी खुद ही करना होगा।
सभी फ्रैंचाइजी को मेडिकल टीम का प्रबंध भी खुद ही करना होगा और बीसीसीआई केवल सेंट्रल मेडिकल टीम का प्रबंध करेगी। एक बार खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के यूएई पहुंचने पर उनके टेस्ट कराने की जिम्मेदारी भी फ्रैंचाइजी पर ही होगी। इस दौरान फ्रैंचाइजी बीसीसीआई की मेडिकल टीम के साथ हमेशा संपर्क में रहेंगे। प्रत्येक फ्रैंचाइजी की मेडिकल टीम केा अपनी टीम के साथ सिक्योरिटी में ही रहना होगा।
इसके साथ ही खिलाड़ियों से संबंधित नीति में भी इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और फ्रैंचाइजी अतिरिक्त खिलाड़ियों को अपने साथ यूएई ले जा सकती हैं। बोर्ड और संचालन परिषद इन योजनाओं को लेकर एक विस्तृत मसौदा तैयार कर रहा है और इस पर होने वाली दो अगस्त को बैठक में चर्चा होगी जहां सभी फ्रैंचाइजी के साथ इसे साझा किया जाएगा। संचालन परिषद के अध्यक्ष बृजेश पटेल ने कहा, “जब हम फ्रैंचाइजी के साथ इसे साझा करेंगे तो कई सवाल पूछे जाएंगे। हमें पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है।”
यह दूसरा मौका है जब इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन यूएई में होने जा रहा है. इससे पहले 2014 में आईपीएल का आयोजन यूएई में हुआ था।