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भारत के महान फुटबॉलर पीके बनर्जी वेंटिलेटर पर, हालत नाजुक

भारत के महान फुटबॉलर पीके बनर्जी वेंटिलेटर पर, हालत नाजुक

भारत के महान फुटबॉलर पीके बनर्जी पिछले एक महीने से सीने में संक्रमण की परेशानी से जूझ रहे है। बनर्जी की हालत बेहत गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर (जीवन रक्षा प्रणाली) पर रखा गया है। परिवार वालों ने बताया कि उन्हें सोमवार की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया है।

83 वर्षीय पूर्व भारतीय कप्तान को 6 फरवरी को दूसरी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों का एक पैनल एशियाई खेल 1962 की स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य की देखरेख कर रहा है। विशेषज्ञों के इस पैनल में न्यूरोसर्जनों की टीम भी शामिल है।

84 मैचों में किए 65 गोल
बनर्जी के नाम भारत की ओर से 84 मैचों में 65 गोल करने का रिकॉर्ड है। उन्हें ऑर्डर ऑफ मेरिट (2004), अर्जुन और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने 1960 रोम ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तानी की थी और ड्रॉ मुकाबले में फ्रांस के खिलाफ 1-1 से गोल किए थे। उन्होंने इससे पहले 1956 मेलबर्न ओलिंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था और क्वॉर्टर फाइनल में मेजबान टीम के खिलाफ 4-2 की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

रोम और मेलबर्न ओलिंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन
पीके बनर्जी ने भारतीय फुटबाॅल टीम की 1960 के रोम ओल‌िंपिक में कप्तानी की थी और फ्रांस के खिलाफ 1-1 से ड्राॅ मुकाबले में गोल किया था। उन्होंने इससे पहले 1956 मेलबर्न ओल‌िंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था और क्वार्टर फाइनल में मेजबान टीम के खिलाफ 4-2 की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

तीन एशियन गेम्स में लिया हिस्सा
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी में 23 जून, 1936 को जन्मे पीके बनर्जी ने 15 साल की उम्र में ही संतोष ट्रॉफी में बिहार का प्रतिनिधित्व किया। 1954 में वो कोलकाता चले गए और बाद में ईस्टर्न रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। राष्ट्रीय टीम में उन्होंने 1955 में डेब्यू किया। ये ढाका में हुआ एक चतुष्कोणीय मुकाबला था। तब पीके बनर्जी की उम्र 19 साल थी। उन्होंने तीन एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिनमें 1958 टोक्यो, 1962 जकार्ता और 1966 बैंकाक एशियन गेम्स शामिल हैं।

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