कोरोना महामारी के चलते आईसीसी ने टी-20 वर्ल्ड कप 2020 को स्थगित कर दिया था जो पिछले साल अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में खेला जाना था ,लेकिन जिसका एलान पिछले महीने होने के बाद अब सभी देश अपनी -अपनी टीमों की घोषणा करने लगे हैं। इस दौरान भारत ने भी टी – 20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का एलान कर दिया है। इस टीम में कई खिलाड़ियों का टी – 20 वर्ल्डकप खेलने का सपना टूटा तो कई नए खिलाड़ियों को मौका दिया गया है।
टी – 20 वर्ल्ड कप का आयोजन 17 अक्टूबर से यूएई में होना है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ओमान की जमी पर बीसीसीआई की मेजबानी में होने वाले इस फटाफट क्रिकेट के लिए चयनकर्ताओं ने 15 सदस्यीय टीम का चयन किया है, जिसके कप्तान विराट कोहली होंगे। बीसीसीआई ने इस 15 सदस्यीय टीम से कई दिग्गजों की छुट्टी हुई, तो कई नए खिलाड़ियों पर दाव खेला है, लेकिन सबसे ज्यादा हैरत किसी एक नाम को लेकर हुई तो वो महेंद्र सिंह धोनी का था। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले धोनी को टी-20 विश्व कप के लिए टीम में जगह दी गई। लेकिन एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि मेंटोर यानी मार्गदर्शक के रूप में। धोनी की अगुवाई में ही भारतीय इंडिया दो बार विश्व कप और एक बार चैम्पियंस ट्रॉफी जीती है। वो टीम के लकी माने जाते हैं और हारी बाजी को पलटने का हुनर बखूबी जानते हैं। शायद इसी वजह से बीसीसीआई ने उन्हें टीम का मेंटॉर बनाया है।

सुनील गावस्कर भी धोनी को टीम इंडिया से जोड़ने के इस फैसले से काफी खुश
धोनी को मेंटॉर बनाना टीम के लिए फायदेमंद: गावस्कर
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर भी धोनी को टीम इंडिया से जोड़ने के इस फैसले से काफी खुश हैं ,लेकिन उन्हें एक बात का डर सता रहा है कि 17 साल जब मैं सुनील गावस्कर 2004 में टीम इंडिया के साथ बतौर कंसल्टेंट जुड़ा था ,उस दौरान टीम के कोच जॉन राइट अपने पद को लेकर चिंतित हो गए थे उन्हें लगा कि मैं उनकी जगह ले लूंगा हालांकि ऐसा कुछ नहीं था।
गावस्कर ने कहा कि टी-20 विश्व कप के लिए महेंद्र सिंह धोनी को टीम के मेंटॉर नियुक्त करना भारत के लिए अच्छी खबर है। बस, उम्मीद यही करनी चाहिए कि धोनी और हेड कोच रवि शास्त्री के बीच किसी तरह का कोई टकराव ना हो।
उन्होंने आगे कहा कि वैसे हेड कोच शास्त्री और धोनी में शायद टकराव ना हो क्योंकि शास्त्री को पता है कि धोनी की कोचिंग में कोई दिलचस्पी नहीं है। अगर धोनी और शास्त्री की सोच मेल खा जाती है तो टी-20 विश्व कप में भारतीय टीम को इसका काफी फायदा तो जरूर होगा , लेकिन अगर रणनीति या टीम सेलेक्शन को लेकर असहमति या मतभेद होते हैं तो इसका असर टीम के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। हालांकि धोनी का टीम से जुड़ना भर ही उसकी ताकत में इजाफा करने के लिए काफी है। उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। वो जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे थे, तब उनसे बड़ा और आक्रामक बल्लेबाज कोई नहीं था।

धोनी की कप्तानी में ही भारत ने 28 साल बाद 2011 में विश्व कप जीता। इससे पहले 2007 में टी-20 की विश्व चैम्पियन बनी
धोनी की कप्तानी में भारत ने 2 विश्व कप जीते
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि धोनी की कप्तानी में ही भारत ने 28 साल बाद 2011 में विश्व कप जीता। इससे चार साल पहले टीम टी-20 की विश्व चैम्पियन बनी। ऐसे में धोनी का टीम इंडिया से जुड़ना हर लिहाज से बेहतर है और इससे टीम को फायदा ही होगा।
पहली बार टी-20 विश्व कप में विराट कोहली टीम इंडिया के कप्तान होंगे, क्योंकि इससे पहले 2007 से लेकर 2016 तक हुए कुल 6 आइसीसी टी-20 वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया की कमान संभाली है। पहली बार विराट कोहली को इस महाकुंभ में अपनी करामात बतौर कप्तान दिखाने का मौका है। चयनकर्ताओं द्वारा चुनी गई ये टीम यूएई की परिस्थितियों को देखते हुए काफी संतुलित नजर आती है। ऐसे में भारत के पास दूसरा टी-20 विश्व कप जीतने का मौका है।
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए भारतीय चयनकर्ताओं ने 15 सदस्यीय मुख्य टीम के साथ तीन खिलाड़ियों को रिजर्व के तौर पर भी रखा है। इनमें श्रेयस अय्यर, दीपक चाहर और शार्दुल ठाकुर का नाम शामिल है। टी-20 विश्व कप 2021 के लिए चुनी गई भारतीय टीम में कोई भी नाम चौंकाने वाला नहीं है। चयनकर्ताओं ने उन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा जताया है, जो कि लंबे समय से टीम का हिस्सा बने हुए थे और वे इस महाकुंभ की स्कीम ऑफ थिंग्स का हिस्सा थे।
आर अश्विन को लंबे समय के बाद टी-20 टीम में मौका मिला है। चयनकर्ताओं ने टीम में अनुभवी स्पिनर को इसलिए रखा है, क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई की परिस्थिति स्पिनरों को रास आती हैं, खासकर आफ स्पिनर यूएई में प्रभावी होते हैं। यही कारण है कि उनको टीम में रखा गया है। हालांकि लेग स्पिनर युजवेंद्रा चहल और शिखर धवन टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं और न ही उन्हें रिजर्व के तौर पर रखा गया है।
कई दिग्गजों का टूटा सपना
जबकि कई दिग्गज खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिनका भारत की ओर से वर्ल्ड कप खेलने का सपना टूट है। उनमें कुलदीप यादव और शिखर धवन जैसे बड़े नामों को टीम में जगह नहीं मिल पाई है। वहीं चहल को भी करारा झटका लगा। उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया है।
17 अक्टूबर से शुरू होगा टी-20 वर्ल्ड कप
वर्ल्ड कप का आयोजन अगले महीनें 17 अक्टूबर से यूएई में होगा। इस टूर्नामेंट में 16 टीमें प्रतिभाग करेंगी। इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 16 नवंबर को खेला जाएगा हालांकि बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर इसका खुलासा नहीं किया है। दरअसल, ये टूर्नामेंट आईपीएल फाइनल के कुछ दिनों बाद शुरू होगा। आईपीएल फाइनल के 15 अक्टूबर को होने की संभावना बताई जा रही है।
ऐसे होगा टूर्नामेंट काकार्यक्रम :
पहले राउंड में 8 टीमों के बीच 12 मैच होंगे. इनमें से चार (हर ग्रुप से शीर्ष दो) सुपर 12 के लिए क्वॉलिफाइ करेंगी. आठ में से चार टीम (बांग्लादेश, श्रीलंका, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्कॉटलैंड, नामीबिया, ओमान, पापुआ न्यू गिनी) शीर्ष आठ रैंकिंग वाली टी20 टीमों में शामिल होकर सुपर 12 में पहुंचेगी।
इसके बाद सुपर 12 के चरण में 30 मैच खेले जाएंगे, जोकि 24 अक्टूबर से शुरू होंगे। सुपर 12 में टीमों को छह-छह के दो ग्रुपों में बांटा जाएगा। ये मैच यूएई में तीन स्थान- दुबई, अबू धाबी और शारजाह में खेले जाएंगे।
टी – 20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम:
विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उपकप्तान), केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव, रिषभ पंत (विकेटकीपर), इशान किशन (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, राहुल चाहर, आर अश्विन, अक्षर पटेल, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मुहम्मद शमी।
रिजर्व खिलाड़ी:
श्रेयस अय्यर, दीपक चाहर और शार्दुल ठाकुर