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विश्व पैरा एथलेटिक्स में  भारत को तीन पैरालंपिक कोटा

भारतीय शीर्ष भाला फेंक एथलीट कंधे की चोट से जूझने के बावजूद सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए  सुंदर सिंह गुर्जर ने जारी वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता। ऐसा करते हुए सुंदर ने न सिर्फ 2017 में हुए लंदन वर्ल्ड  पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के अपने खिताब को बचाया बल्कि अगले साल टोक्यो में होने वाले पैरालंपिक खेलों के लिए भी कोटा हासिल किया।

गुर्जर ने 61.22 मीटर भाला फेंककर शीर्ष स्थान हासिल किया। यह इस सत्र का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। अजीत सिंह ने 59.46 मीटर भाला फेंका और तीसरा स्थान हासिल किया। रिंकू चौथे स्थान पर रहे। पहले पांच प्रयासों के बाद दूसरे स्थान पर रहने वाले सुंदर ने छठे प्रयास में 61.22 मीटर की दूरी तय की और श्रीलंका के दिनेश पी. हेराथ मुडियांसेलगे को पछाड़कर पहला स्थान हासिल कर लिया।

इंटरनेशनल पैरालंपिक समिति के नियमों के अनुसार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में प्रत्येक स्पर्धा में शीर्ष चार में रहने वाले एथलीटों को तोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों के लिए कोटा स्थान भी मिलेगा। 23 वर्षीय गुर्जर ने यहां न सिर्फ लंदन विश्व चैंपियनशिप 2017 के अपने खिताब का बचाव किया बल्कि वह विश्व चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बने। देवेंद्र झाझरिया ने 2013 लियोन और 2015 दोहा में स्वर्ण और रजत पदक जीते थे। वह देवेंद्र झाझरिया के बाद एकलौते भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में दो पदक जीते हैं। देवेंद्र ने 2013 में ल्योन और 2015 में दोहा में हुए चैम्पियनशिप में क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किया था।

भारत के अजीत सिंह ने 59.46 मीटर की दूरी तय करते हुए कांस्य पदक पर कब्जा किया जबकि रिंकू चौथे पायदान पर रहे। इन दोनों खिलाड़ियों ने भी पैरालंपिक खेलों में जगह बनाई। इससे पहले, भारत के संदीप चौधरी और सुमित अंटिल ने अगले साल होने वाले खेलों के लिए क्वॉलिफाई किया था।

भारतीय पैरालंपिक समिति के गुरशरन सिंह ने पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा,“ भारतीय भाला फेंक खिलाड़यिों ने देश के लिए हमेशा पदक जीते हैं। हमें यकीन है कि अब ये टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भी हमें पदक दिलाएंगे। यह ये भी दिखाता है कि हम सही दिशा में जा रहे हैं।” भारत के पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अब तक दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक हो गए हैं।

इसके साथ ही भारत ने 2020 में होने वाले टोक्यो पैरालंपिक खेलों के लिए तीन कोटे भी हासिल कर लिए हैं। बता दें कि गुर्जर ने 2013 में लियोन में गोल्ड और 2015 में दोहा चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था।दूसरी ओर, सुमित अंतिल ने अपने दूसरे प्रयास में 62.88 मीटर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता था। यहां तक कि सुमित का फेंक एफ-64 श्रेणी में विश्व रिकॉर्ड बन गया। पिछला विश्व रिकॉर्ड भी उनके नाम पर था, जो 61.32 मीटर था। संदीप और सुमित दोनों ने टॉप-4 के साथ टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में अपनी-अपनी बर्थ अर्जित की है।

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