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जिंदा हैं उम्मीदें

कोरोनाकाल के बीच जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक गेम्स अब लगभग अपने आखिरी चरण में पहुंच चुके हैं। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि भारत इस बार ओलंपिक इतिहास में सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगा। काफी हद तक ऐसा हुआ भी। मेरीकाॅम और अमित पंघाल जैसे कई बड़े खिलाड़ियों के बाहर होने के बाद भी भारत कुछ पदक जीतने की दौड़ में अभी भी बना हुआ है।

ओलंपिक के 32वें संस्करण में भारत का अब तक का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है। आखिरी चरण में पहुंच चुके ओलंपिक गेम्स में भारत को अभी भी पदक की उम्मीद कायम है। भारत की ओर से मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर तो वहीं बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने ब्राॅन्ज मेडल हासिल किया तो पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही लवलीना बोरगोहेन को 69
किलोग्राम वेट कैटेगरी कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। पुरुष हाॅेकी टीम ने भी ओलंपिक में चार दशक बाद कांस्य पदक भारत की झोली में डाला है। ओलंपिक इतिहास की बात करें, तो भारत के नाम अब तक कुल 28 पदक हैं। इनमें नौ स्वर्ण, सात रजत और 12 कांस्य पदक शामिल हैं। सबसे ज्यादा आठ स्वर्ण पदक भारत की हाॅकी टीम ने जीते हैं। देश के नाम सिर्फ एक व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड है, जो अभिनव बिंद्रा ने वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक के दौरान शूटिंग में जीता था।

सबसे बेहतरीन ओलंपिक अभियान की बात करें, तो 2012 में लंदन में खेले गए टूर्नामेंट में भारत के नाम कुल छह पदक थे। इस बार भारत अब तक 4 पदक जीत चुका है और कुश्ती में एक पदक पक्का कर चुका है। ऐसे में भारत लंदन के रिकाॅर्ड को तोड़ सकता है। हालांकि इसके लिए भारत को बचे हुए मेडल मुकाबलों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करना होगा।

मीरबाई चानू ने जीता सिल्वर

साइखोम मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत का पहला मेडल अपने नाम किया। मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम महिला वर्ग के वेटलिफ्टिंग इवेंट में यह कारनामा किया था। 202 किलोग्राम का भार उठाकर उन्होंने भारत को सिल्वर मेडल दिलाने में कामयाबी हासिल की थी।

मुक्केबाज लवलीना ने जीता ब्राॅन्ज मेडल

मुक्केबाजी के सेमीफाइनल में लवलीना बोरगोहेन महिलाओं के वेल्टरवेट (64-69 किग्रा)सेमीफाइनल मैच तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के साथ था, जिसमें लवलीना 0-5 के स्कोर से हार गईं, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने नाम ब्राॅन्ज मेडल लिया है और वो भारत की तीसरी महिला बन गईं है, जिन्होंने ओलंपिक में कोई पदक जीता है।

हाॅकी: एक पदक जीता, दूसरे की उम्मीद

इस बार भारत की महिला और पुरुष दोनों टीमें सेमीफाइनल में पहुंची। हालांकि, भारत की पुरुष टीम को सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद टीम इंडिया ने कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को हराकर भारत को टोक्यो में चैथा पदक दिलाया। भारतीय पुरुष हाॅकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक मुकाबले में शानदार जीत हासिल की। भारतीय टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में पदक हासिल किया है। जर्मनी के खिलाफ मुकाबले में 1-3 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने जोरदार वापसी की और 5-4 से मुकाबला अपने नाम किया। वहीं, भारत की महिला हाॅकी टीम भी कांस्य पदक के लिए ब्रिटेन से भिड़ेगी।

बाॅक्सिंगः कांस्य पदक से संतोष

पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही लवलीना बोरगोहेन को 69 किलोग्राम वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। हालांकि वे खाली हाथ देश नहीं लौटेंगी। उन्होंने भारत की झोली में कांस्य पदक तो डाल दिया है। अगर वे सेमीफाइनल मुकाबला जीत जातीं, तो पहली बार कोई भारतीय बाॅक्सर ओलंपिक में स्वर्ण या रजत पदक की दावेदारी पेश करता।

रेसलिंगः दो से तीन मेडल की उम्मीद

रेसलिंग (फ्री स्टाइल) के मुकाबलों की शुरुआत भी हो चुकी है। इसमें रवि कुमार दाहिया, बजरंग पुनिया और दीपक पुनिया भारत की ओर से मेडल की दावेदारी पेश कर रहे हैं। इनमें रवि फाइनल में पहुंचकर एक मेडल पक्का कर चुके हैं। वहीं, दीपक रेपचेज राउंड में कांस्य के लिए खेलेंगे। बजरंग का मुकाबला अभी बाकी हैं। पिछले कुछ सालों में रेसलिंग में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए इस बार भी भारत को अपने पहलवानों से काफी उम्मीदें हैं। भारत इस कैटेगरी में भी दो से तीन पदक अपने नाम कर सकता है।

गोल्ड मेडल से चूके रवि दहिया

पुरुषों के फ्री स्टाइल 57 किलो रेसलिंग स्पर्धा के फाइनल में रेसलर रवि दहिया को रूस ओलिंपिक कमिटी के बैनर तले उतरने वाले रेसलर जवुर उगुवेय से 4-7 हार का सामना करना पड़ा। रवि दहिया गोल्ड मेडल से चूके जरूर , लेकिन सिल्वर मेडल अपने नाम करने में सफल हो गए। इसी के साथ रवि ओलंपिक के इतिहास में मेडल जीतने वाले पांचवें रेसलर बन गए हैं। अभी तक भारतीय रेसलिंग में किसी ने गोल्ड मेडल नहीं जीता है। सिर्फ अभिनव बिंद्रा ऐसे भारतीय हैं जिनके नाम व्यक्तिगतस्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने का रिकाॅर्ड दर्ज है।
एथलेटिक्सः भारत को एक पदक की उम्मीद जैवलिन थ्रो से भी है। नीरज चोपड़ा भारत की ओर से अपने मिशन की शुरुआत कर चुके हैं। उन्होंने इस कैटैगरी के फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया है।
वर्ष 2018 एशियन गेम्स के चैम्पियन नीरज क्वालिफाइंग राउंड में टाॅप पर रहे हैं जो अब सीधा फाइनल मुकाबला खेलेंगे।

कुल नौ मेडल जीत सकता है भारत

इस तरह टीम इंडिया इस बार कुल नौ मेडल अपने नाम कर सकती है। फिलहाल मीराबाई चानू ने रजत, पीवी सिंधु, लवलीना और भारतीय पुरुष हाॅकी टीम ने कांस्य जीतकर भारत को चार पदक दिला दिए हैं। इसके बाद अगर महिला हाॅकी, रेसलिंग और जैवलिन थ्रो में भारतीय खिलाड़ी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हैं, तो भारत के नाम कुल आठ से नौ पदक होंगे। इसमें रेसलिंग और जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक भी मिल सकता है।

पीवी सिंधु ने दिलाया ब्राॅन्ज मेडल

पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में ब्राॅन्ज मेडल पर कब्जा जमाया। इस मुकाबले में सिंधु के सामने चीन की शटलर हे बिंगजिआओ थी। पीवी सिंधु ने धमाकेदार शुरुआत करते हुए पहला गेम अपने नाम किया था।

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