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साउथैम्पटन में भारतीय टीम ने अपने पहले ही मैच में दक्षिण अफ्रीका को हराकर संकेत दे दिया है कि उसके विजयी कदम विश्व कप की दिशा में ही आगे बढ़ रहे हैं। क्रिकेट जगत की जानी-मानी हस्तियों और खेल विश्लेषकों की उम्मीदों के अनुरूप भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने जिस तरह अपनी काबिलियत दिखाई उससे साफ है कि भारतीय टीम एक संतुलित टीम है। इसे हराना बड़ी-बड़ी टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।

साउथैम्पटन के एजेस बाउल स्टेडियम में खेले गए पहले मुकाबले में भारत ने प्रतिद्वंदी दक्षिण अफ्रीका को छह विकेट शिकस्त से दी। इससे शानदार आगाज भला और क्या हो सकता है। दक्षिण अफ्रीका ने भारत के सामने जीत के लिए 228 रनों का लक्ष्य रखा। जिसे भारत ने 47 ़3 ओवर में चार विकेट गंवाकर पूरा कर लिया। रोहित शर्मा ने बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने वनडे करियर का 23वां शतक जड़ डाला। रोहित शर्मा ने 128 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। बेहतरीन बल्लेबाजी की बदौलत बल्ले से 10 चौके और 2 छक्के जड़ डाले। रोहित शर्मा ने 144 गेंदों पर नाबाद 122 रनों की बौछार की।वे नाबाद रहे। उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। जीत के बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली बेहद उत्साहित नजर आए।

भारतीय बल्लेबाजों, खासकर रोहित शर्मा ने अपनी टीम को बहुत बड़ा योगदान दिया। दरअसल, मैदान में आपको तय करना होता है कि पहले 15 ओवर एकदम ठीक जाएं। पहले 10 ओवर में भारतीय बल्लेबाज गेम में घुस चुके थे। बुमराह और भुवनेश्वर ने अपनी टीम के लिए बहुत अच्छा खेला। जसप्रीत इस वक्त अलग ही अंदाज में खेल रहे हैं। उन्होंने अच्छी गेदबाजी की। सारे अफ्रीकी बल्लेबाज पूरे वक्त दबाव में रहे। युजवेंद्र चहल ने बेहतरीन गेंदबाजी की। चार विकेट लेकर उन्होंने जहां साउथ अफ्रीका का मिडिल ऑर्डर ध्वस्त किया वहीं 16 साल बाद चार विकेट लेने वाले लेंगस्पिनर भी बने।


महेंद्र सिंह धोनी ने 34, केएल राहुल ने 26 रन बनाए। हार्दिक पांड्या 15 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत की जीत का श्रेय वास्तव में गेंदबाजों को जाता है। भारत की ओर से युजवेंद्र चहल सबसे फिट और कामयाब गेंदबाज रहे। उन्होंने 10 ओवर में 51 रन देकर चार विकेट हासिल किये। वे वनडे करियर का 50वां मैच खेले। जसप्रीत बुमराह ने 10 ओवरों में 35 रन देकर दो विकेट लिए। भुवनेश्वर कुमार ने 44 रन देकर दो विकेट हासिल किए। कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 46 रन देकर एक विकेट लिया। जानकारों के मुताबिक भारतीय गेंदबाजों ने बेहतर प्रदर्शन कर दक्षिण अफ्रीका को महज 227 रन पर रोक दिया। यही भारत के पक्ष में गया।

अपनी टीम की जीत पर कप्तान कोहली ने कहा, पहली जीत हमेशा ही अहम होती है। मैदान पर हम टीम के तौर पर आत्म विश्वास में थे। लेकिन बल्लेबाजी करते हुए हमें सावधानी बरतनी थी। साउथ अफ्रीका की टीम के पास विकेट लेने की क्षमता है। मैं कह रहा हूं कि रोहित का योगदान बहुत ही खास रहा। केएल ने उनके साथ बहुत अच्छी बल्लेबाजी की। महेंद्र सिंह धोनी भी बहुत ही शांत तरीके से खेले और हार्दिक ने भी बढ़िया खेला। अब देखा जाना है कि हम कागजों पर एक मजबूत टीम हैं, लेकिन आपको वहां जाकर जीत के साथ प्रोफेशनल होना पड़ता है।

 

गेंदबाजों ने दिखाया दम

केदार जाधव : केदार जाधव की साल 2018 में बेहद खराब शुरुआत हुई। आईपीएल के शुरुआती मैच में ही हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण बाहर रहना पड़ा। पूरे आईपीएल सत्र से बाहर रखा गया था। इंग्लैंड दौरे पर भी उपलब्ध नहीं थे। हालांकि, उन्होंने एशिया कप टूर्नामेंट में टीम के लिए वापसी की, जहां उन्होंने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया और भारत को खिताब डिफेंड करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कुलदीप यादव : कुलदीप यादव सीमित ओवरों के मैच में भारत के लिए सबसे बड़े मैच विनर में से एक हैं। साल 2017 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे हैट-ट्रिक के बाद से इस चाइनामैन गेंदबाज ने अपने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा है। भारतीय टीम के लिए अच्छी गेंदबाजी की है। भारत के लिए सबसे बड़ा ट्रम्प कार्ड बनने में उन्हें बहुत लंबा समय नहीं लगा है। जून 2017 में उन्होंने अपने वनडे करियर की शुरुआत के बाद से 33 मैचों में 25।43 की स्ट्राइक रेट से 67 विकेट लिए हैं।

युजवेंद्र चहल : युजवेंद्र चहल ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के नाक में दम कर दिया। उन्होंने कप्तान डू प्लेसी, वैन डर दुसें, डेविड मिलर व फेहलुकवायो जैसे खिलाड़ियों को आउट किया। चहल ने इस मैच में दस ओवर में 51 रन देकर कुल चार विकेट लिए। इस मैच में चहल व कुलदीप की जोड़ी ने कुल पांच बल्लेबाजों को आउट किया।
जसप्रीत बुमराह : जनवरी 2016 में अपनी करियर की शुरुआत के बाद से बुमराह ने सभी प्रारूपों में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। वह बहुत ही कम समय के भीतर भारत के प्रमुख गेंदबाज बन गए और वर्तमान में वह नंबर 1 वनडे गेंदबाज हैं।

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