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सूखा खत्म करने का सुनहरा मौका

क्रिकेट और फुटबॉल के वर्ल्ड कप के बाद अब बारी है हॉकी की। भारत में 15वें पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप की शुरुआत 13 जनवरी से हो गई है। सभी मैच ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और राउरकेला में खेले जाएंगे। फाइनल मुकाबला 29 जनवरी को होगा। इससे पहले 2018 में खेले गए वर्ल्ड कप के फाइनल में बेल्जियम ने नीदरलैंड को हराकर खिताब पर कब्जा किया था। भारत में आयोजित हॉकी विश्व कप का 15वां सीजन चीन में एशियाई खेलों के साथ-साथ साल की सबसे बड़ी हॉकी प्रतियोगिताओं में से एक है। इस मेगा इवेंट के साथ ही भारतीय प्रशंसकों को इसका बेसब्री से इंतजार है कि 2021 में टोक्यो में कांस्य पदक जीतने वाली पुरुष टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया और ओलंपिक पदक के लिए चार दशक लंबे इंतजार को समाप्त किया। ऐसे में खेल प्रेमी और विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि भारतीय टीम विश्व कप में 47 साल के शर्मनाक सूखे को खत्म कर देगी।

वर्ष 1975 में भारत ने कुआलालंपुर में अपना पहला और अब तक का एकमात्र हॉकी विश्व कप खिताब जीता है। तब भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 2-1 से हराया था। मेगा इवेंट के उस दुर्भाग्यपूर्ण तीसरे सीजन के बाद से भारत सेमीफाइनल तक पहुंचने में भी विफल रहा है। यह विश्व कप एक आयोजक के रूप में भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह महामारी के बाद इसकी मेजबानी करने वाला पहला मेगा आयोजन है। इसके सफल आयोजन से साल में होने वाले अन्य प्रमुख आयोजनों के लिए देश का मनोबल बढ़ेगा।

विश्व कप पदक के सूखे के चार दशक होने के साथ, हॉकी प्रशंसकों को लगता है कि भारत के पास इसे समाप्त करने का सबसे अच्छा मौका है क्योंकि टीम ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है, टोक्यो में कांस्य पदक जीता और एफआईएच प्रो लीग में तीसरा स्थान हासिल किया। मुख्य कोच ग्राहम रीड के कोचिंग में टीम ने अपने खेल में बहुत सुधार किया है और पिछले कुछ सीजनों में नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, विश्व चैंपियन बेल्जियम और रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अर्जेंटीना के खिलाफ जीत दर्ज करते हुए भारतीय टीम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।

पिछले साल एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में कुछ झटके लगे थे, जब उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था और जर्काता में एशिया कप 2022 में भी टीम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। भारत 1982 (बॉम्बे), 2010 (नई दिल्ली) और 2018 (भुवनेश्वर) के बाद चौथी बार इस आयोजन की मेजबानी कर रहा है। यह लगातार दूसरा सीजन है जिसकी मेजबानी भारत कर रहा है। ऐसे में खेल विश्लेषकों का मानना है कि टीम की हालिया सफलता ने उम्मीदों को बढ़ाया है कि इस बार दशकों का सूखा समाप्त हो जाएगा।

प्रशंसकों की उम्मीदों ने भी टीम पर दबाव दोगुना कर दिया है और डच ड्रैग-फ्लिक विशेषज्ञ ब्रेम लोमन्स को लगता है कि अगर मेजबान टीम इस अतिरिक्त दबाव को संभालने में कामयाब हो जाती है तो वह अच्छा प्रदर्शन करेगी। वर्ष 1998 विश्व कप विजेता ने हाल ही में कहा, मुझे लगता है कि अगर भारत भारी दबाव का सामना करता है और अगर खिलाड़ी बहुत उत्साहित नहीं होते हैं, तो उनके पास खिताब जीतने का एक अच्छा मौका है।

अगर वे बहुत उत्साहित या भावुक हो जाते हैं, तो चीजें अलग हो सकती हैं, लेकिन अगर वे अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं तो वे ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ सबसे बड़े उम्मीदवारों में से एक हैं। दरअसल विश्व नंबर 1 ऑस्ट्रेलिया, मौजूदा विश्व कप और ओलंपिक खेलों के विजेता बेल्जियम और नीदरलैंड, मेजबानों के अलावा, पदक के लिए पसंदीदा हैं। कुल मिलाकर, 16 टीमें ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, बेल्जियम, चिली, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, भारत, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और वेल्स मेगा इवेंट में प्रदर्शन करेंगे। प्रारंभिक चरण के लिए टीमों को चार- चार टीमों के चार समूहों में विभाजित किया गया है, जिसमें एक राउंड-रॉबिन प्रतियोगिता शामिल है।

एफआईएच विश्व रैंकिंग में 5वें स्थान पर काबिज भारत को इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स के साथ प्रारंभिक चरण के लिए ग्रुप डी में रखा गया है। ग्रुप ए में ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, जबकि ग्रुप बी में बेल्जियम, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और 2018 एशियाई खेलों के विजेता जापान है। ग्रुप सी में नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, मलेशिया और चिली को रखा गया है।

प्रारंभिक चरण के अंत में, चार ग्रुप टॉपर्स सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगे, जबकि प्रत्येक ग्रुप में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमें नॉक-आउट क्रॉसओवर चरण में भाग लेंगी, जिसके अंत में चार टीमें क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी। क्वार्टर फाइनल 24 और 25 जनवरी को जबकि सेमीफाइनल 27 जनवरी को होंगे। फाइनल 29 जनवरी को खेला जाएगा।

नवीन पटनायक ने किया बड़े ईनाम का एलान
कॉमनवेल्थ गेम्स में दमदार प्रदर्शन कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने वाली भारतीय हॉकी टीम को बेहतर परफॉर्म करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बड़े ईनाम का एलान किया है। दरअसल करीब आधी सदी से देश विश्व कप ट्रॉफी का इंतजार कर रहा है। ऐसे में ओडिशा के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि अगर भारत ने खिताब जीता तो प्रत्येक खिलाड़ी को 1 करोड़ रुपये की इनामी राशि दी जाएगी। इस दौरान पटनायक ने भारतीय टीम से मुलाकात की और विश्व कप के लिए शुभकामनाएं दी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने रुड़केला में बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम स्थित विश्व कप गांव का उद्घाटन किया। विश्व कप खेल गांव रिकॉर्ड 9 महीने के अंदर तैयार किया गया, जिसमें हॉकी विश्व कप के स्तर को ध्यान में रखते हुए 225 सर्वसुविधा युक्त कमरे बनाए गए हैं।

वर्ष 1975 जीता था खिताब
भारत ने आखिरी बार 1975 में कुआलालंपुर, मलेशिया में हॉकी विश्व कप जीता था। तब टीम इंडिया ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर वर्ल्ड कप जीता था। इसके बाद भारतीय टीम को इस ग्लोबल इवेंट में कभी भी कोई ट्रॉफी उठाने का मौका नहीं मिला।

ये हैं चार पूल

पूल ए – ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका।
पूल बी – बेल्जियम, जर्मनी, कोरिया और जापान।
पूल सी – नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, मलेशिया और चिली।
पूल डी- भारत, इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स।

कब-कब होगा भारत का मैच
भारत बनाम स्पेन – 13 जनवरी 2023 शाम 7 बजे
भारत बनाम इंग्लैंड – 15 जनवरी 2023 शाम 7 बजे
हॉकी विश्व कप का पूरा कार्यक्रम

13 जनवरी
अर्जेंटीना बनाम दक्षिण अफ्रीका (भुवनेश्वर)
ऑस्ट्रेलिया बनाम फ्रांस (भुवनेश्वर)
इंग्लैंड बनाम वेल्स (राउरकेला)
भारत बनाम स्पेन (राउरकेला)

14 जनवरी
न्यूजीलैंड बनाम चिली (राउरकेला)
नीदरलैंड बनाम मलेशिया (राउरकेला)
बेल्जियम बनाम कोरिया (भुवनेश्वर)
जर्मनी बनाम जापान (भुवनेश्वर)

15 जनवरी
स्पेन बनाम वेल्स (राउरकेला)
इंग्लैंड बनाम भारत (राउरकेला)

16 जनवरी
मलेशिया बनाम चिली (राउरकेला)
न्यूजीलैंड बनाम नीदरलैंड (राउरकेला)
फ्रांस बनाम दक्षिण अफ्रीका (भुवनेश्वर)
अर्जेंटीना बनाम ऑस्ट्रेलिया (भुवनेश्वर)

17 जनवरी
कोरिया बनाम जापान (भुवनेश्वर)
जर्मनी बनाम बेल्जियम (भुवनेश्वर)

19 जनवरी
मलेशिया बनाम न्यूजीलैंड (भुवनेश्वर)
नीदरलैंड बनाम चिली (भुवनेश्वर)
स्पेन बनाम इंग्लैंड (भुवनेश्वर)
भारत बनाम वेल्स (भुवनेश्वर)

20 जनवरी
ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका
(राउरकेला)
फ्रांस बनाम अर्जेंटीना (राउरकेला)
बेल्जियम बनाम जापान (राउरकेला)
कोरिया बनाम जर्मनी (राउरकेला)

24 जनवरी
पहला क्वार्टरफाइनलः भुवनेश्वर
दूसरा क्वार्टरफाइनलः भुवनेश्वर

25 जनवरी
तीसरा क्वार्टरफाइनलः भुवनेश्वर

चौथा क्वार्टरफाइनलः भुवनेश्वर

26 जनवरी
प्लेसमेंट मैच (9वीं-16वीं)

27 जनवरी
पहला सेमीफाइनलः भुवनेश्वर
दूसरा सेमीफाइनलः भुवनेश्वर

29 जनवरी

ब्रॉन्ज मेडल मैच
गोल्ड मेडल मैच
विश्व कप नहीं खेलेगा पाकिस्तान चार बार के पुरुष हॉकी विश्व कप चैंपियन पाकिस्तान, भारत में होने वाले पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 में भाग नहीं ले पाएगा। इसके पीछे का कारण का पुरुष हॉकी एशिया कप 2022 के शीर्ष चार में जगह नहीं बना पाना है। दरअसल, पुरुषों के हॉकी एशिया कप 2022 में जापान, भारत और मेजबान इंडोनेशिया के साथ पाकिस्तान को ग्रुप बी में रखा गया था।

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ के साथ अपने टूर्नामेंट की शुरुआत की। तब उसने इंडोनेशिया को 13-0 के बड़े अंतर से हराया था। हालांकि, ग्रुप चरण के फाइनल में पाकिस्तान को जापान ने 2-3 से हराया था। इसलिए जब भारत ने इंडोनेशिया को 16-0 के अंतर से हराया, तो पाकिस्तान गोल अंतर से पुरुष हॉकी एशिया कप 2022 से बाहर हो गया। नतीजतन, पाकिस्तान इतिहास में केवल दूसरी बार पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहा।

एयर मार्शल नूर की उपज है हॉकी वर्ल्ड कप
हॉकी वर्ल्ड कप की शुरुआत 1971 में हुई। माना जाता है कि वर्ल्ड कप का आइडिया पड़ोसी देश पाकिस्तान के एयर मार्शल नूर खान के दिमाग की उपज है। उन्होंने वर्ल्ड हॉकी पत्रिका के पहले संपादक पैट्रिक राउली के जरिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) को इस बारे में बताया था। एफआईएच को उनका विचार पसंद आया और उसने पाकिस्तान को पहले हॉकी वर्ल्ड कप का मेजबान बनाने का एलान कर दिया।

हॉकी वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम
पीआर श्रीजेश, कृष्णा पाठक, सुरेंद्र कुमार, हरमनप्रीत सिंह (कप्तान), वरुण कुमार, अमित रोहिदास (उपकप्तान), नीलम संजीप, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, नीलकांत शर्मा, शमशेर सिंह, विवेक सागर प्रसाद, आकाशदीप सिंह, मनदीप सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, अभिषेक, सुखजीत सिंह, राजकुमार पाल, जुगराज सिंह।

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