ओलंपिक जिमनास्ट दीपा कर्माकर ने पहले से ही पूरे देश में त्रिपुरा राज्य का नाम रोशन कर रखा है। वहीं दूसरी तरफ प्रियंका दास गुप्ता ने असम के गुवाहाटी में आयोजित ‘खेलो इंडिया-यूथ गेम्स’ के तीसरे संस्करण के दौरान अंडर 17 वर्ग में चार गोल्ड जीतकर त्रिपुरा राज्य का मान बढ़ा दिया है।
10 जनवरी से शुरू हुए ‘खेलो इंडिया-यूथ गेम्स’ में प्रियंका के अलावा अब तक त्रिपुरा से किसी भी खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल नहीं जीता है। प्रियंका की पहली जिमनास्टिक कोच सीमा नंदी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए सरकार से और अधिक सुविधाओं की उम्मीद करती हैं।
दीपा कर्माकर और प्रियंका के खेल में एक जैसी समानता के सवाल पर सीमा नंदी कहती है, “दीपा का जुनून एकदम अलग है। वे बहुत जिद्दी हैं। जब तक किसी एलिमेंट को परफेक्ट नहीं कर लेतीं, वो चैन नहीं लेती हैं।”
“प्रियंका भी बहुत टैलेंटेड हैं। लेकिन उन्हें अभी और डेडिकेशन के साथ ट्रेनिंग करनी होगी। इंटरनेशनल लेवल पर अच्छा खेलने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। उनकी उम्र भी अभी काफ़ी कम है।
प्रियंका अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी पहली कोच सोमा नंदी, द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त कोच विशेश्वर नंदी और खासतौर पर अपनी मां को देती हैं। दीपा कर्माकर से प्रेरणा लेने के सवाल पर प्रियंका कहती है, “जिमनास्टिक को लेकर दीपा दीदी का जो समर्पण है, वो जिस कदर जिम में मेहनत करती हैं वो हम सभी के लिए एक प्रेरणा है।”