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फीफा 2026 वर्ल्ड कप में हिस्सा ले सकता है भारत

फीफा वर्ल्ड कप 2018 के 21 वें  संस्करण के फाइनल मुकाबले में फ़्रांस ने 20वें स्थान की टीम क्रोएशिया को 4-2  से हराकर ट्रॉफी अपने नाम की, लेकिन छोटे से देश क्रोएशिया ने भी गजब का खेल दिखाया और 7वें स्थान की टीम फ्रांस के पसीने छुड़ा दिए थे। 

भारत में भी फीफा विश्व का फीवर सिर चढ़कर बोल रहा था।  भारतीय फुटबॉल प्रेमियों ने टीवी सेट के सामने जमे रहकर अपनी पंसदीदा टीमों को सपोर्ट किया, लेकिन, क्या कभी भारत फीफा विश्व कप खेल पाएगा?क्रिकेट, रेसलिंग, बॉक्सिंग,हॉकी, कबड्डी, बैडमिंटन जैसे खेलों में दुनिया के नक्शे पर भारत का नाम सम्मान से लिया जाताहै। लेकिन फुटबॉल का नाम सामने आते ही निराशा हाथ लगती  है।  इस ग्लोबल स्पोर्ट में हम अभी काफी पीछे हैं, फीफा रैंकिंग में भारत फिलहाल 97वां स्थान पर हैं।  लेकिन घाना, सीरिया, युगांडा जैसे देश हमसे आगे हैं। आबादी में देखा जाए तो 40 लाख की आबादी वाला क्रोएशिया फीफा  विश्व कप का उपविजेता है, ऐसे में भारत की आबादी तो क्रोएशिया से  करीब 300 गुना ज्यादा 130 करोड़ है।

ऐसे में हमारे देश में कमी कहां  रह गई जो हमारा देश अब तक इतना पीछे है। भारत  में खेल संस्कृति नहीं है, ऐसा कहना शायद ठीक नहीं होगा क्योंकि दुनिया के 20 देश क्रिकेट खेलते हैं और हम उनमें अव्वल हैं.,ओलंपिक से लेकर राष्ट्रमंडल खेलों में कम ही सही, लेकिन भारत पदक जीत रहा है,एथलेटिक्स के इवेंट्स में भी भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है. लेकिन कुछ  कमी जरूर है, जिसकी वजह से हम फुटबॉल में इतने पीछे हैं। हमे फुटबॉल को फैशन से नहीं पैशन के साथ खेलना पड़ेगा. जिससे हमें  फीफा विश्व कप खेलने में मदद मिलेगी ।  भारत एक न एक दिन तो फुटबॉल विश्व कप जरूर खेलेगा लेकिन उसके लिए हमें देश में संस्थागत फुटबॉल लीग्स शुरू करनी पड़ेंगी, जिससे नई प्रतिभा को खोजा जा सके और  जब तक खिलाड़ियों को आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी, तब तक गांव-कस्बों के मध्य और निम्नवर्गीय परिवार के बच्चे फुटबॉल की ओर आकर्षित नहीं होंगे।देश में फुटबॉल की प्राइवेट लीग्स इन टूर्नामेंट्स में स्थानीय खिलाड़ियों के लिए जगह ही कहां है. यहां विदेशी और क्लबों से आए खिलाड़ी ही जगह पाते हैं जिससे फुटबॉल सिर्फ कुछ राज्यों और क्लबों तक सीमित रह गया है। भारत में अंडर-16 जैसे और फुटबॉल विश्व कप कराने की जरूरत है, ताकि भारत के युवा खिलाड़ियों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके।

फीफा ने तय किया है कि 2026 विश्व कप में 32 टीमों की बजाय 48 टीमें खेलेंगी और एशिया से अब 8 टीमों को मौका मिलेगा, जहां अभी तक  सिर्फ 4 टीमें ही खेलती हैं और यह हमारे लिए एक सुनहरा मौका होगा. कि 50-60 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम काफी अच्छी थी, लेकिन हाल के दिनों में हम काफी पिछड़ गए. हैं।  अगर खिलाड़ी और मेहनत करते हैं तो हम 2026 में विश्व कप जरूर खेल सकते हैं। हमारी अंडर-17 की टीम एशिया में काफी अच्छा कर रही है और राष्ट्रीय टीम एशिया की 8 टीमों में जरूर जगह बना लेगी. लेकिन इसके लिए हमें ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने होंगे और एक नहीं कम से कम 3 राष्ट्रीय टीमें तैयार करनी होंगी. क्योंकि एक टीम के हमारे पास विकल्प सीमित होते हैं और खिलाड़ियों का चयन नाम से नहीं उनके प्रदर्शन के आधार पर हो सकता है।भारत में खेल संस्कृति पर  देश में फुटबॉल के लिए रुझान बढ़ रहा है,देश में मैदान और सुविधाएं नहीं हैं यह कहना ठीक नहीं होगा।और स्कूलों में पढ़ाई के अलावा खेलों को बढ़ावा मिले माता-पिता इसमें बच्चों की मदद करें, तब जाकर देश में फुटबॉल को और आगे ले जाया सकता है।

 फीफा के तय प्रोग्राम के मुताबिक साल 2026 के विश्वकप के लिए 32 टीमों की बजाए 48 टीमों के हिस्सा लेने का कार्यक्रम तय किया गया  है। जिसमें एशिया से अब 8 टीमों को मौका मिलेगा। इसके पहले अभी तक एशिया की सिर्फ 4 टीमें ही फीफा विश्वकप में हिस्सा लेती थीं। जो कि भारत के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगा। 1950 से 60 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम काफी बेहतर टीम थी, लेकिन मौजूदा दौर में हम काफी पीछे छूट गए, लेकिन अगर खिलाड़ी साल 2026 के विश्वकप को लक्ष्य मानकर मेहनत करें तो हम इस विश्वकप में जरूर हिस्सा ले सकते हैं।

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