अगर हम भारतीय टीम के वर्तमान कप्तान विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में बात करें तो दोनों बिल्कुल अलग-अलग स्वाभाव के हैं। जहां धोनी मैदान पर शांत और संयमित रहते थे वहीं विराट एक बेहद आक्रामक कप्तान के रूप में जाने जाते हैं। दोनों कप्तानों ने कई सीरीज़ के लिए भारतीय टीम का नेतृत्व किया है। धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद यह धोनी ही थे जिन्होंने विराट को टीम का नेतृत्व करने का मौका दिया। इस संबंध में कल विराट कोहली ने स्पिनर अश्विन के साथ इंस्टाग्राम लाइव के जरिए बातचीत की।
विराट कोहली ने कहा, “जब से मैं भारतीय टीम में शामिल हुआ, मुझे सीखने की बहुत इच्छा और उत्सुकता रही। मैदान पर, मैं हमेशा धोनी के करीब था। मैं उसे अपने सबसे अच्छे विचार बताता था। वे उनमें से ज्यादातर को अस्वीकार कर देते थे। लेकिन अगर उन्हें एक भी विचार पसंद आया, तो वह मेरे साथ कुछ चीजों पर भी चर्चा करते। जब मैं मैदान पर होता था तो वह हमेशा मुझ पर कड़ी नजर रखते थे। मैं उनसे सीखता रहा और मेरी जिज्ञासा ने शायद उन्हें विश्वास दिलाया कि वह मेरे बाद टीम का नेतृत्व कर सकते हैं।”
विराट कोहली ने आगे कहा, “लोगों को लगता है कि जैसे ही धोनी ने कदम बढ़ाया और मुझे कप्तानी मिल गई। लेकिन मुझे नहीं लगता कि चयनकर्ताओं ने अचानक मुझे भारतीय टीम का कप्तान के रूप में चुना। उन्होंने मेरी पसंद बनाने से पहले धोनी से मेरे बारे में पूछा होगा। जिसके बाद ही माही भाई के कप्तानी छोड़ने के बाद मुझे दी।”
दरअसल, धोनी ने 2014 ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टेस्ट टीम से कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद कोहली को नेतृत्व सौंपी गई थी। 2018 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज अपने नाम की थी। यह दोनों देशों के बीच 71 साल के टेस्ट इतिहास में भारत की ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर पहली सीरीज जीत थी। कोहली को सीमित ओवरों की कप्तानी जनवरी 2017 में मिली थी।
विराट कोहली के नेतृत्व में अभी तक भारतीय टीम ने कुल 117 अंतरराष्ट्रीय मैच जीती है। वे देश के दूसरे सबसे सफल कप्तान हैं। पहले स्थान पर 178 जीत के साथ धोनी हैं। तीसरे नंबर पर मोहम्मद अजरुद्दीन ने 104 मैच जीते थे। वहीं, सौरव गांगुली ने 97 जीत के साथ चौथे नंबर पर हैं।
कोहली ने बताया कि बांग्लादेश के ढाका में पाकिस्तान के खिलाफ खेली 183 रन की पारी को भी याद किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रामण काफी दमदार था। साथ ही उनके पास शाहिद अफरीदी, मोहम्मद हफीज,उमर गुल,एजाज चीमा और सईद अजमल भी थे। मुझे याद है कि मैं सचिन तेंदुलकर के साथ बल्लेबाजी करने से खुश था। उन्होंने 50 रन बनाए और हमने 100 रन से ज्यादा की साझेदारी की। यह मेरे लिए यादगार पल रहा। यह पारी मेरे लिए गेम-चेंजर साबित हुई।’