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बेटियां मेडल ला रही हैं और कुछ लोग उनकी जाति ढूंढ रहे हैं

आखिर ऐसा क्यों है कि खेल के मैदान लड़कों से भरे हैं, लेकिन अधिकतर मेडल लड़कियां ही ला रही हैं। इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह है कि बेटियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम
रोशन कर रही हैं, मगर गूगल पर उनकी जाति ढूंढ़ी जा रही है। भारत के कुछ लोग आज भी जाति में इतने खोए हुए हैं कि इसके आगे वे कुछ सोच ही नहीं सकते। वे नहीं सोच सकते कि आखिर राष्ट्र की बेटी की भला क्या जाति? उसे तो आगे बढ़ने में बेटों जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए। एक लेखिका ने लिखा भी है कि पढ़ने का ज्यादा समय, मौका, संसाधन, सबसे अच्छे काॅलेज में एडमिशन सब ये लड़कों को मिल रहा है और टाॅप लड़कियां कर रही हैं। आसमान सारा लड़कों को दिया है और उड़ान लड़कियां भर रही हैं।

गूगल पर टोक्यो ओलिंपिक में ब्राॅन्ज मेडल जीतने वाली पुसरला वेंकट सिंधु यानी पीवी सिंधु की जाति ढूंढ़ी जा रही है। ट्विटर पर लोग उन गूगल सर्च करने वालों को खरी-खोटी सुना रहे हैं। गूगल पर कब कौन से शब्द ढूंढे़ जा रहे हैं, इसकी जानकारी ट्रेंड्स गूगल डाॅट काॅम से मिलती है। एक अगस्त को जैसे ही पीवी सिंधु ने पदक जीता वैसे ही हैशटैग पीवी सिंधु कास्ट पूरे दिन में सबसे ज्यादा ढूंढ़ा जाने वाला कीवर्ड बन गया। सोशल मीडिया यूजर्स का आरोप है कि जब सिंधु ने पदक जीता तब उनके खेल के बारे में, उनकी लाइफ के बारे में, उन्होंने किसे हराया, इस तरह की चीजों से कहीं ज्यादा ये ढूंढ़ा गया कि उनकी जाति क्या है? सिंधु की जाति ढूंढ़ने वालों में सबसे ज्यादा लोग आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात के हैं।

गूगल पर अगस्त 2016 से ढूंढ़ी जा रही है सिंधु की जाति

गूगल ट्रेंड्स के ग्राफ में ये नजर आ रहा है कि पीवी सिंधु कास्ट कीवर्ड को पहली बार अगस्त 2016 में गूगल पर ढूंढ़ा गया था। दरअसल, 20 अगस्त 2016 को सिंधु ने रियो समर ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद से लगातार पूरे 5 साल से इक्का-दुक्का सिंधु की जाति ढूंढ़ी जाती रही, लेकिन 1 अगस्त को इसमें 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई। गूगल किसी कीवर्ड के सर्च को 0 से लेकर 100 के बीच नापता है। सिंधु की जाति पहली बार अगस्त में सर्च हुई और 100 के पैमाने तक पहुंची। यानी टाॅप ट्रेंड में रही। गूगल किसी कीवर्ड के सर्च को 0 से लेकर 100 के बीच नापता है। सिंधु की जाति पहली बार अगस्त में सर्च हुई और 100 के पैमाने तक पहुंची। यानी टाॅप ट्रेंड में रही।

सिंधु की जाति जानने पर आमादा हैं लोग

गूगल के आंकड़े के मुताबिक सिंधु की कास्ट ढूंढ़ने के लिए लोगों ने काफी मशक्कत की है। उन्होंने केवल पीवी सिंधु कास्ट ही नहीं तलाशा है, बल्कि पुसराला कास्ट, पुसराला सरनेम कास्ट भी सर्च करते रहे। इस पर सवाल खड़ा करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप मंडल ने लिखा-आज गूगल पर जिन लोगों ने ये किया वे गरीब, ग्रामीण लोग नहीं हैं। ऐसा करने वालों के पास अंग्रेजी में टाइप करने भर का ज्ञान, मोबाइल, लैपटाॅप या ऐसी कोई डिवाइस और इंटरनेट डेटा होगा। न जाति पुराने जमाने की बात है, न ही शहरीकरण और शिक्षा जाति को समाप्त करने में सक्षम हो पाई है। हालांकि गूगल पर खिलाड़ियों की जाति ढूंढ़े जाने का ये कोई पहला मामला नहीं है। ऐसा इससे पहले भी लोग करते रहे हैं। हम यहां कुछ मामले रख रहे हैं-

लोगों ने सबसे ज्यादा ढूंढ़ी थी साक्षी मलिक की जाति
कुश्ती खिलाड़ी साक्षी मलिक ने 2016 के रियो समर ओलिंपिक में ब्राॅन्ज मेडल जीता था। इसके बाद से लगातार गूगल पर उनकी जाति ढूंढ़ी जाती रही। ये सिलसिला अब भी थमा नहीं है। गूगल डेटा के अनुसार जनवरी-फरवरी 2021 में भी साक्षी मलिक कास्ट, मलिक कास्ट जैसे कीवर्ड टाॅप ट्रेंड में शामिल हुए थे। गूगल पर मलिक की जाति सबसे ज्यादा राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से सर्च हुई थी।

6 दिसंबर से 12 दिसंबर 2020 के बीच पुलेला गोपीचंद कास्ट गूगल पर टाॅप ट्रेंड में रहा था। तब इन्होंने खिलाड़ियों के लिए मेडिटेशन सेशन लाॅन्च किया था- ध्यान फाॅर स्पोर्ट्स। कोरोना  महामारी के दौर में खिलाड़ी घर पर बैठे-बैठे निराश न हों इसके लिए वे एक मोबाइल ऐप के जरिए ध्यान करने की सलाह दे रहे थे। कभी बैडमिंटन प्लेयर रहे पुलेला गोपीचंद इस वक्त भारत की नेशनल बैडमिंटन टीम के चीफ कोच हैं। वे पीवी सिंधु के कोच रह चुके हैं। गूगल पर उनकी जाति ढूंढ़ने में सबसे आगे आंध्र प्रदेश के लोग रहे।

10 साल से ढूंढ़ी जा रही है दीपिका कुमारी की जाति

एथलीट दीपिका कुमारी महतो ने 2010 के काॅमनवेल्थ गेम्स में तीरंदाजी में गोल्ड मेडल जीता था। इस वक्त वो दुनिया की नंबर 1 तीरंदाज हैं। 2012 में उन्हें अर्जुन अवार्ड दिया गया था। तब से लेकर अब तक गूगल पर लोग उनकी जाति ढूंढ़ते रहते हैं। इसी साल 27 जून से 3 जुलाई के बीच हैशटैग दीपिका कुमार कास्ट कीवर्ड टाॅप ट्रेंड में रहा। तब उन्होंने पेरिस आयोजित वल्र्डकप में गोल्ड मेडल जीता था। ये कीवर्ड ढूंढ़ने वालों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के लोग थे।

भारतीय क्रिकेटर संजू सैमसन की जाति पूरे साल गूगल पर ढूंढ़ी जाती है। गूगल के आंकड़े के अनुसार बीते 1 साल में 7 बार संजू की जाति का सर्च ट्रेंड में आया। इसकी शुरुआत 2015 में हुई, जब उन्हें टी 20 टीम में जगह बनाई। 2015 से लगातार संजू सैमसन की जाति तलाशी जा रही है।

संजू ने बीते महीने श्रीलंका के खिलाफ वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया। इस दौरान भी उनकी जाति का सर्च प्रमुख रहा। संजू की जाति ढूंढ़ने वालों में केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के लोग टाॅप पर हैं।

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