जिस देश में क्रिकेट को लोग भगवान से भी ऊपर मानकर उसकी पूजा करते हों,जिस देश का क्रिकेट बोर्ड दुनिया में सबसे अमीर हो, उस देश के प्रतिभाशाली खिलाड़ी ही भुखमरी के कगार पर हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं उन खिलाड़ियों की जिन्होंने पिछले साल फिजिकल डिसेबिलिटी टी -20 वर्ल्ड सीरीज में ख़िताब जीतकर देश का नाम रोशन किया था।
दरअसल पिछले साल टी -20 वर्ड सीरीज का ख़िताब जीतने वाले 18 खिलाडियों में से 14 खिलाडी भुखमरी के कगार पर हैं। इनमें से जम्मू -कश्मीर के वसीम इकबाल और महाराष्ट्र के कुणाल भी शामिल हैं। इक़बाल इलेक्ट्रिकल तो कुणाल मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किये हुए हैं। इसके बावजूद भी बेरोजगार हैं और खेतों में काम करने को मजबूर हैं।
टी -20 वर्ल्ड सीरीज में इकबाल और कुणाल दोनों भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज थे। और भारत को चैंपियन बनाने में दोनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। पकिस्तान के खिलाफ आखिरी लीग मैच में 150 रनों का पीछा करते हुए इन दोनों ने 125 रनों की शानदार शतकीय साझेदारी की थी। इन दोनों के प्रदर्शन से भारत ने यह मुकाबला 17 1 ओवर में जीत लिया था। वसीम इकबाल ने शानदार 43 गेंदों में 69 रन बनाए तो कुणाल ने 47 गेंदों में 55 रनों की शानदार अर्धशतकीय पारी खेली। जो टीम के लिए टर्निंग पाइंट साबित हुई।
भारत ने पिछले साल ही 13 अगस्त को इस टी – 20 वर्ल्ड सीरीज के खिताबी मुकाबले में इग्लैंड को 36 रनों से हराकर टी -20 वर्ल्ड सीरीज का ख़िताब अपने नाम किया था। देश का नाम रोशन करने वाले इन दोनों खिलाडियों के अलावा टीम के 12 और खिलाड़ी भी बेरोजगार हैं। देश को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाली टीम में सिर्फ चार खिलाडियों के पास ही रोजगार है।
इस ख़िताबी जीत से पहले सभी खिलाड़ियों का सपना था कि अगर हम ख़िताब जीतते हैं तो हमें रोजगार मिल जाएगा।जिससे हमारी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। लेकिन हमें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई )की ओर से इनामी राशि के तौर 2 . 70 लाख रुपए के अलावा कुछ भी नहीं मिला।
कुछ खिलाड़ियों का कहना है कि हम अपनी समस्या को लेकर कई बार खेल और सामान्य कोटे से यहां तक की एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों से भी रोजगार के लिए बात कर चुके हैं ,लेकिन हर तरफ से उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।