इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 16वां संस्करण 31 मार्च से शुरू होकर 28 मई तक चलेगा। लगभग 2 महीने चलने वाली दुनिया की इस लोकप्रिय लीग में 74 मुकाबले खेले जाएंगे जिसमें 70 लीग मुकाबले हैं जबकि 4 अन्य मैचों में प्लेऑफ और फाइनल शामिल हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। कुछ राज्यों में 30 प्रतिशत कोविड के मामले पाए गए हैं। ऐसे में एक ओर जहां चार साल बाद आईपीएल की पुराने फॉर्मेट यानी अपने घर में वापसी हुई है, वहीं दूसरी तरफ आईपीएल पर एक बार फिर कोरोना के काले बादल मंडराने लगे हैं।
इसके चलते बीसीसीआई कोरोना के नियमों को सख्ती से पालन करने पर विचार किया है। जहां तक भीड़ और पाबंदी की बात है तो बीसीसीआई सरकार की गाइडलाइंस को फॉलो करेगा। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करेगा। उन्होंने कहा कि भले ही लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं, लेकिन खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ, फ्रेंचाइजी स्टाफ और ग्राउंड स्टाफ सभी को स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी गई है।
बीसीसीआई और आईसीसी के नियम में फर्क
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आईसीसी की तरह अपनी कोविड-19 की नीति में संशोधन नहीं किया है। आईसीसी अब कोरना संक्रमित खिलाड़ी को भी खेलने की अनुमति देती है। लेकिन बीसीसीआई
कोविड-19 पॉजिटिव खिलाड़ी को कम से कम 7 दिन के लिए आइसोलेशन में रखता है। बीसीसीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक संक्रमित खिलाड़ी तब तक आइसोलेशन में रहेंगे जब तक उसके तीन टेस्ट लगातार निगेटिव न आ जाएं।
क्या है कोविड गाइडलाइंस
आईपीएल मैचों के दौरान जो खिलाड़ी कोरोना संक्रमित होगा उसे 7 दिन तक आइसोलेशन में रहना होगा। लगातार तीन टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही उसे टीम में शामिल किया जाएगा। पहले की तरह किसी को तत्काल संपर्क में आने की वजह से अलग नहीं किया जाएगा। बीसीसीआई ने खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को राज्य सरकार की गाइडलाइंस को फॉलो करने की सलाह दी है। खिलाड़ियों को हिदायत दी गई है कि वे बायो-बबल न होने की वजह से फैंस के साथ बहुत कम संपर्क में रहें।