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शानदार सलामी बल्लेबाजी के लिए याद किये जाते रहेंगे चेतन चौहान 

कोरोना के कारण कई सियासी हस्तियां चली गई। लेकिन जितना दुख जनता को यूपी के कैबिनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर एवं पूर्व सांसद  चेतन चौहान का हो रहा है, उतना शायद ही किसी और के लिए हुआ है। चेतन ने एक अच्छी सियासी पारी खेली। वह दो बार अमरोहा से सांसद रहे और फिर यूपी में कैबिनेट मंत्री भी ,लेकिन भारतीय क्रिकेट को उन्होंने वो ऊंचाइयां दी उसके आगे उनकी सियासी पारी बौनी पद गई। लोग अपने महान क्रिकेटर के चले जाने से बेहद दुखी हैं। भारतीय ही नहीं ,बल्कि दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के बीच चेतन चौहान की शानदार सलामी पारियां हमेसा याद की जाती रहेंगी।

अपने समय के वे एक सफल सलामी बल्लेबाज थे। चेतन चौहान ने भारतीय क्रिकेट  टीम  के लिए वर्ष 1969 से 1978 के बीच 40 टेस्ट मैच  खेले थे। इनमें उन्होंने 31.54 की औसत  से 2 हजार 84 रन बनाए। हालांकि उनका सर्वाधिक  स्कोर 97 रन रहा। लेकिन जानकार बताते हैं कि वे गेंदबाजों पर इस कदर हावी हो जाते थे कि वे समझ ही नहीं पाते थे की अब कैसी गेंदबाजी की जाए। इसका फायदा बाद के बल्लेबाजों को मिलता था।  चौहान और सुनील गावस्कर की ओपनिंग जोड़ी वर्ष 1970 के दशक में काफी सफल रही थी। दोनों ने मिलकर दस शतकीय साझेदारियां कीं और तीन  हजार से ज्यादा रन बनाए।

चेतन घरेलू क्रिकेट में दिल्ली और महाराष्ट्र की टीम से खेले थे। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 25 दिसंबर 1969 में न्यूजीलैंड टीम के खिलाफ खेला और 13 मार्च 1981 को अपना अंतिम टेस्ट मैच भी न्यूजीलैंड टीम के खिलाफ खेला था। चौहान ने 40 टेस्ट मैचों में 31.57 की औसत से 2 हजार 84 रन बनाए थे और उनके नाम दो  विकेट और 16 अर्ध शतक भी शामिल हैं । सात एक दिवसीय मैच में 21.85 की औसत से 153 रन और 46 अधिकतम स्कोर रहा। चौहान ने अपना पहला एक दिवसीय मैच एक अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान टीम के खिलाफ खेला था।

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