बीसीसीआई ने अब उन दिग्गज खिलाड़ियों पर भी हंटर चलाया है जिनका हालिया प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और जिनको घरेलू मुकाबले में न खेलने को लेकर छूट दी गई थी। बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि चाहे कोई भी हो उसे रणजी मैच खेलने ही होंगे। अगर खिलाड़ी इसे नजरअंदाज करते हैं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें। जिसका असर भी दिखने लगा है
हाल के वर्षों में जिस तरह खिलाड़ी टेस्ट फॉर्मेट को छोड़कर टी-20 का रुख कर रहे हैं उससे इसकी लोकप्रियता को नुकसान हो रहा है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व सचिव जय शाह ने घोषणा की थी कि जो खिलाड़ी प्रत्येक सत्र में कम से कम सात टेस्ट मैच खेलते हैं उनकी मैच फीस 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 45 लाख रुपए करने का ऐलान किया था। यह राशि ‘रिटेनर फीस’ के इतर होगी जो खिलाड़ी को सालाना केंद्रीय अनुबंध के अंतर्गत मिलती है। बीसीसीआई ने यह कदम तब उठाया था जब एक ओर जहां टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता में भारी कमी आंकी गई थी, वहीं ईशान किशन और श्रेयस अय्यर जैसे कुछ खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट को लगातार नजरअंदाज कर रहे थे। इन खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने के बजाय अपनी आईपीएल टीमों के साथ प्रशिक्षण जारी रखा था। जिसके बाद बीसीसीआई ने सख्त रुख अपनाकर टेस्ट खिलाड़ियों को यह सौगात दी थी। लेकिन अब बीसीसीआई ने उन दिग्गज खिलाड़ियों पर भी हंटर चलाया है जिनका हालिया प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और जिनको घरेलू मुकाबले में न खेलने को लेकर छूट दी गई थी। बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि चाहे कोई भी हो उसे रणजी ट्रॉफी में खेलना ही होगा। अगर खिलाड़ी इसका पालन नहीं करते हैं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
खासकर ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम के कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, शुभमन गिल और ऋषभ पंत के खराब प्रदर्शन को लेकर काफी आलोचना के बाद क्रिकेट बोर्ड ने यह फैसला लिया है। रोहित शर्मा की बात करें तो वे ऑस्ट्रेलिया ही नहीं न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ भी बुरी तरह से फ्लॉप नजर आए थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे में उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। सीरीज में चार टेस्ट मैचों में 3, 9, 10, 3, 6 रन बनाए थे। सिडनी में हार के बाद मुख्य कोच गौतम गम्भीर ने रणजी में खिलाड़ियों के खेलने पर जोर देते हुए कहा कि ‘‘मैं हमेशा चाहता हूं कि हर कोई घरेलू क्रिकेट खेले। घरेलू क्रिकेट को भी हमें उतना ही महत्व देना चाहिए। अगर आप घरेलू क्रिकेट को महत्व नहीं देते, तो आपको टेस्ट क्रिकेट में जिस तरह के खिलाड़ी की जरूरत है, कभी नहीं मिलेंगे। हर खिलाड़ी को रणजी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट खेलने चाहिए। यह न केवल खिलाड़ियों को अपने खेल को सुधारने में मदद करता है, बल्कि टीम के लिए मजबूत विकल्प भी तैयार करता है। अगर घरेलू क्रिकेट को महत्व नहीं दिया गया तो हमारी टीम को वह खिलाड़ी नहीं मिलेंगे जो कठिन परिस्थितियों में प्रदर्शन कर सकें।’’
इसी का परिणाम है कि कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल के बाद अब ऋषभ पंत ने भी खुद को रणजी ट्रॉफी के लिए उपलब्ध बताया है। जहां तक बात है रोहित शर्मा कि तो उन्होंने मुम्बई टीम प्रबंधन को इस बात की जानकारी दी है कि वह वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले रणजी ट्रॉफी के प्रैक्टिस सेशन में शामिल होंगे। मुम्बई टीम अपने अगले रणजी ट्रॉफी लीग राउंड के लिए सेंटर-विकेट प्रैक्टिस सेशन का उपयोग करेगी। जम्मू- कश्मीर के खिलाफ मुंबई की टीम को अपने घर पर खेलना है। हालांकि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की मानें तो रोहित मुम्बई रणजी ट्रॉफी टीम के साथ प्रैक्टिस सेशन में शामिल होंगे लेकिन यह अभी तक तय नहीं हुआ है कि वह जम्मू-कश्मीर के खिलाफ अगला रणजी ट्रॉफी मैच खेलेंगे या नहीं। लेकिन उनके इस फैसले ने घरेलू टूर्नामेंट में उतरने के संकेत दिए हैं। रोहित शर्मा के घरेलू क्रिकेट खेलने की बात करें तो उन्होंने मुम्बई के लिए आखिरी बार 2015 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ रणजी मुकाबला खेला था। रोहित ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट में साल 2013 में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने 67 टेस्ट मुकाबलों में कुल 4 हजार 301 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं शुभमन गिल पंजाब के लिए खेलते नजर आएंगे। शुभमन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे में 3 मैचों में 18.60 की औसत से 93 रन बनाए। खबरों के अनुसार शुभमन गिल कर्नाटक के खिलाफ 23 जनवरी को होने वाले पंजाब के मुकाबले के लिए उपलब्ध रहेंगे।
सबसे ज्यादा इस बात की चर्चा है कि क्या विराट कोहली भी रणजी में नजर आएंगे। क्योंकि उनका भी ऑस्ट्रेलिया दौरा बेहद खराब रहा था। विराट ने पांच मैचों की 9 पारियों में 23.75 की औसत से 190 रन बनाए जिसमें एक शतक भी शामिल है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अपनी फॉर्म वापस पाने के लिए वे घरेलू क्रिकेट खेल सकते हैं। विराट ने आखिरी बार 2012-13 में रणजी ट्रॉफी में क्रिकेट खेला था।
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) सचिव अशोक शर्मा के अनुसार विराट कोहली को दिल्ली के संभावित खिलाड़ियों में शामिल किया गया है। लेकिन उनकी तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। जबकि पंत ने रणजी मैच के लिए अपनी उपलब्धता की पुष्टि की है। पंत सौराष्ट्र के साथ होने वाले दिल्ली के रणजी मैच में खेलेंगे। यह मैच 23 जनवरी से राजकोट में खेला जाएगा। ऋषभ पंत ने पिछली बार 2017- 2018 सीजन में रणजी ट्रॉफी में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया था। अगर कोहली सौराष्ट्र के खिलाफ खेलते हैं तो यह पहला मौका होगा जब वे पंत के साथ रणजी मुकाबले में उतरेंगे। इनके अलावा केएल राहुल भी रणजी ट्रॉफी में खेलते नजर आ सकते हैं। ऐसे में सभी की निगाहें रोहित शर्मा और विराट कोहली समेत उन सीनियर खिलाड़ियों पर टिकी हैं जो वर्षों से घरेलू क्रिकेट नहीं खेले हैं। अब देखने वाली बात होगी कि ये खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में खेलते हैं या नहीं।
पूर्व दिग्गजों ने दी रणजी खेलने की सलाह
पिछले कुछ समय से टीम इंडिया के कई सीनियर खिलाड़ी खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। इस मामले में रोहित शर्मा और विराट कोहली की सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है। दिग्गज क्रिकेटरों से लेकर खेल प्रेमी तक सभी उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलने की सलाह दे रहे हैं। पहले न्यूजीलैंड और फिर बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी में हारने के बाद टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर ने भारत के सीनियर खिलाड़ियों के घरेलू क्रिकेट खेलने पर जोर दिया तो पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और कोच रह चुके रवि शास्त्री ने भी खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने की बात कही थी। गावस्कर और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कहा था कि इंग्लैंड टूर का टीम चयन से पहले खिलाड़ियों को रणजी में खेलना चाहिए और सिलेक्शन कमेटी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे काउंटी में खेलें।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में खेली गई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम को मिली शर्मनाक हार के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने मुंबई में समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में कप्तान रोहित शर्मा मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर शामिल थे। इस बैठक में एक सुझाव दिया गया कि खिलाड़ियों के लिए अब उनके प्रदर्शन पर आधारित वेतन दिए जाने की शुरुआत की जानी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी अधिक ‘‘जवाबदेह’’ हों और यदि आवश्यक हो, तो उनके प्रदर्शन के आधार पर वेतन में कटौती की जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं होता है, तो इसका असर उसकी कमाई पर पड़ेगा। इसके अलावा अधिकारियों ने यह भी चर्चा की कि कुछ खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को कम महत्व दे रहे हैं।