कोरोनाकाल के बीच खेला जा रहा टोक्यो पैरालंपिक भारत के लिए अब तक काफी खास रहा है। शूटिंग में अवनि लेखारा ने इतिहास रचते हुए देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया, तो योगेश ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। दो बार के गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझरिया इस बार गोल्ड से चूक गए और उनको सिल्वर से संतोष करना पड़ा। देवेंद्र के साथ सुंदर सिंह गुर्जर ने जैवलिन थ्रो में ही ब्रॉन्ज मेडल जीता।
अवनि पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वालीं पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। अवनि लेखारा ने इतिहास रचते हुए देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया है। फाइनल मुकाबले में अवनि ने 249.6 पॉइट के साथ गोल्ड पर अपना कब्जा जमाया। अवनि शुरुआत से ही शानदार फॉर्म में नजर आईं और उन्होंने पूरे मैच में अपना दबदबा कायम रखा। अवनि भारत की तरफ से पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वालीं पहली महिला खिलाड़ी हैं।
पैरालंपिक में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है।। कल खेल दिवस के यानी 29 अगस्त को पहले टेबल टेनिस में भाविना पटेल ने और फिर हाई जंप में निषाद कुमार ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। अवनि ने 7वें पोजीशन पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।
अवनि ने फाइनल में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की और पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा। यूक्रेन की इरियाना शेतनिक (227.5) ने ब्रॉन्ज जीता। अवनि पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है। टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला गोल्ड मेडल है। पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली वह तीसरी भारतीय महिला हैं। महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने सिल्वर मेडल जीते, लेकिन विनोद कुमार का चक्का फेंक की एफ 52 स्पर्धा में कांस्य पदक उनके क्लालीफिकेशन को लेकर विरोध दर्ज होने के कारण रोक दिया गया।
इससे पहले भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक रियो पैरालंपिक 2016 में गोला फेंक में सिल्वर मेडल जीतकर इन खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। अवनि से पहले भारत की तरफ से पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर (पुरुष तैराकी, 1972), देवेंद्र झाझरिया (पुरुष भाला फेंक, 2004 और 2016) तथा मरियप्पन थंगावेलु (पुरुष्ज्ञ ऊंची कूद, 2016) ने गोल्ड मेडल जीते थे। अवनि ने इससे पहले क्वालीफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया था। उन्होंने 60 सीरीज के छह शॉट के बाद 621.7 का स्कोर बनाया जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था।