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विश्वकप में दिखेगा एशिया का दबदबा!

जब भी विश्व कप का आयोजन एशिया में हुआ है, तब एशिया की कम से कम दो टीमें सेमीफाइनल तक पहुंची हैं। वहीं, 2011 में तो तीन एशियाई टीमें सेमीफाइनल में पहुंची थीं। ऐसे में इस बार भी विश्व कप में एशियाई टीमों का दबदबा रहने की उम्मीद है। पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि भारतीय टीम न सिर्फ आसानी से सेमीफाइनल
में जगह बनाएगी, बल्कि उसे चैंपियन बनने का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा है

पुरुष क्रिकेट वनडे विश्वकप 2023 की शुरुआत पांच अक्टूबर से भारत के अहमदाबाद स्टेडियम से हो गई है। यह चौथा मौका है, जब वनडे विश्व कप का आयोजन एशियाई धरती पर हो रहा है। इससे पहले तीन बार एशिया में वनडे विश्व कप खेला गया है और भारतीय टीम हर बार सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल रही है। एक बार टीम इंडिया ने फाइनल में जगह बनाई और खिताब भी अपने नाम किया है। एक लंबे इंतजार के बाद विश्वकप फिर से भारत में खेला जा रहा है। इसमें शामिल 10 अलग-अलग टीम ट्रॉफी के लिए मैदान में भिड़ेंगी लेकिन चैंपियन कोई एक होगा? टीम इंडिया का विश्वकप कनेक्शन और दूसरी टीमों की तैयारी कैसी है? उनके कप्तानों का रोल क्या हो सकता है?

यह चौथा मौका है जब वनडे विश्व कप का आयोजन एशिया में हो रहा है। ऐसे में पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारतीय टीम आसानी से सेमीफाइनल में जगह बना लेगी। इसके बाद भारत के लिए मुश्किलें आ सकती हैं। क्योंकि पिछले कुछ आईसीसी टूर्नामेंट में भारतीय टीम नॉकआउट मुकाबलों में हारकर बाहर होती रही है। इस बार टीम इंडिया को इस कमजोरी से पार पाना होगा। असल में जब भी विश्व कप का आयोजन एशिया में हुआ है, तब एशिया की कम से कम दो टीमें सेमीफाइनल तक पहुंची हैं। वहीं, 2011 में तो तीन एशियाई टीमें सेमीफाइनल में पहुंची थीं। ऐसे में इस बार भी विश्व कप में एशियाई टीमों का दबदबा रहने की उम्मीद है और टीम इंडिया को चैंपियन बनने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

खेल विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मुकाबला काफी तगड़ा होने वाला है। 10 टीमों में से 6 से 7 टीमें ऐसी हैं, जिनमें से कोई भी विजेता हो सकता है। अगर चार टॉप टीम की बात करें तो सबसे पहले नंबर पर भारतीय टीम है क्योंकि उसके पास होम एडवांटेज है, टैलेंट भी भरपूर है। इसके अलावा पाकिस्तान जिनके पास बेहतरीन तेज गेंदबाजी अटैक है। ऑस्ट्रेलिया जो विश्वकप की सबसे सफल टीम है। डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड भी इस बार कमाल कर सकती है। जिनके पास कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो टूर्नामेंट के दौरान मुकाबले को अपनी तरफ मोड़ सकते हैं।

पाकिस्तान को छोड़कर बाकी सभी टीमों के खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनको भारतीय पिच का अंदाजा है। खासकर आईपीएल खेलने के चलते उन्हें भारतीय कंडीशन के बारे में पता रहेगा। वहीं पाकिस्तान लंबे अरसे के बाद भारत खेल रही है, जिन्हें टैलेंट से ज्यादा टेम्परामेंट पर फोकस करना होगा। होम टीम के चलते जहां भारत को सपोर्ट भरपूर मिल सकता है वहीं इसका एक नुकसान ये भी है कि उस पर प्रेशर भी उतना ही ज्यादा होगा।

टीमों के कप्तानों की स्थिति कैसी है?
एक्सपर्ट के मुताबिक कैप्टन्स का रोल काफी अहम होने वाला है। अगर कैप्टन प्रेशर में आ गया, वो खुद परफार्म नहीं कर पा रहा है, तो ऐसे में पूरी टीम का मनोबल गिर जाता है। विश्वकप इतिहास पर नजर डालें तो कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। वर्ष 1975 में क्लाइव लॉयड से लेकर 19 83 में कपिल, 19 92 में इमरान खान, 2003 में रिकी पोंटिंग या फिर 2011 में धोनी। कप्तान की अप्रोच हर बार खास रही है। कप्तान ही नहीं, टीम के बड़े खिलाड़ियों का खेल भी काफी अहम हो जाता है।

विराट कोहली हो सकते हैं बड़े प्लेयर?

एक्सपर्ट मानते हैं कि हर टीम ये चाहती है कि उनके सभी खिलाड़ी बड़े परफॉर्मेंस के साथ टूर्नामेंट में उभरें। इस बार ऐसा कुछ दिख भी रहा है। सभी टीमें अपने आप में काफी मजबूत दिख रही हैं। इससे भी खास ये होगा कि विश्वकप के लिहाज से कौन सी टीम अपने आप को पहले एडजस्ट कर पाती है। प्लेइंग 11 जितनी जल्दी सटीक बैठ जाएगा, टीम उतना ही बेहतर परफार्म कर पाएगी।

क्या 300 से ज्यादा स्कोर देखने को मिलेगा?

क्रिकेट जैसे-जैसे आगे बढ़ा है, बड़े स्कोर और उन्हें चेज करने का दायरा भी बढ़ता गया है। 1983 में जहां भारत 183 पर ऑलआउट हो गया लेकिन फिर भी भारत ने मैच जीत लिया। पहले 50 ओवर में 250, 260 बनाकर आप खुश हो सकते थे, लेकिन आज 300, 350 बनाकर भी हार का डर सताने लगता है।

इंडिया की अलग-अलग पिच पर क्या हाल होगा?

भारत में कंडीशन हर पिच की अलग होगी। जो माहौल मोहाली में मिलेगा, वो वानखेड़े या लखनऊ में नहीं रहेगा। इन कंडीशन को ध्यान में रखकर ये कहा जा सकता है कि अगर आप 300 नहीं बना पाए तो चुनौती बढ़ सकती है। इसकी वजह है अलग-अलग टीम में बल्लेबाजी की डेप्थ। ऑस्ट्रेलिया हो या इंग्लैंड इनके खिलाड़ी 9-10 नंबर तक भी बल्लेबाजी करते हैं।

भारतीय चेहरे जिन पर दूसरी टीमों की होगी नजर?

भारतीय टीम के दो बड़े खिलाड़ी कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली पर सबकी नजर होगी। हार्दिक पांड्या एक्स फैक्टर हो सकते हैं। इसके अलावा जसप्रीत बुमराह की वापसी कई टीम की नींद उड़ा सकती है। हालांकि भारतीय टीम में विकेटकीपर को लेकर अभी भी स्थिति उतनी बेहतर नहीं दिखती, इस पर टीम को बेहतर प्लानिंग करनी होगी।

एशिया में खेले गए विश्व कप में टीमों का प्रदर्शन

साल 1987 में पहली बार वनडे विश्व कप का आयोजन एशियाई धरती पर हुआ। भारत और पाकिस्तान ने मिलकर टूर्नामेंट की मेजबानी की। दोनों टीमें सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहीं। हालांकि दोनों को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। भारत को इंग्लैंड और पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार झेलनी पड़ी। खिताबी मुकाबला इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने सात रन के अंतर से मैच जीता और पहली बार खिताब अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 471 रन इंग्लैंड के ग्राहम गूच ने बनाए थे, जबकि सबसे ज्यादा 18 विकेट ऑस्ट्रेलिया के क्रैग मैकडरमॉट ने लिए थे।

1996 का विश्व कप: साल 1996 में दूसरी बार वनडे विश्व कप का आयोजन एशियाई धरती पर हुआ। इस बार भारत और पाकिस्तान के साथ श्रीलंका को भी सह मेजबान बनाया गया था। भारत और श्रीलंका की टीमें सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रही थीं, लेकिन पाकिस्तान का सफर इससे पहले ही खत्म हो गया था। एक बार फिर भारत को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। यह मैच पूरा नहीं हो सका और दर्शकों के बवाल के चलते श्रीलंकाई टीम फाइनल में पहुंच गई। फाइनल मैच श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ। श्रीलंकाई टीम ने सात विकेट से जीत हासिल की। तब सबसे ज्यादा 523 रन सचिन तेंदुलकर ने बनाए। वहीं, सबसे ज्यादा 15 विकेट अनिल कुंबले ने लिए थे।

2011 का विश्व कप: वर्ष 2011 में तीसरी बार वनडे विश्व कप का आयोजन एशिया में हुआ। इस बार भारत के साथ श्रीलंका और बांग्लादेश सह मेजबान थे। भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारत ने पाकिस्तान और श्रीलंका ने न्यूजीलैंड को हराकर फाइनल में जगह बनाई। खिताबी मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से हराकर दूसरी बार विश्व कप अपने नाम किया। सबसे ज्यादा 21 विकेट जहीर खान और शाहिद अफरीदी ने लिए। वहीं, सबसे ज्यादा 500 रन तिलकरत्ने दिलशान ने बनाए।

अब चौथी बार वनडे विश्व कप का आयोजन एशिया में हो रहा है। इस बार इसकी मेजबानी पूरी तरह से भारत कर रहा है। ऐसे में पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारतीय टीम न सिर्फ आसानी से सेमीफाइनल में जगह बनाएगी, बल्कि अपने नाम करेगी।

 

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